If your children are too worried, do not worry - अगर आपके बच्चें काे भी हाेती है बाेलने में घबराहट ताे करें ये उपाय
If your children are too worried, do not worry |
एंग्जाइटी डिसऑर्डर
ज्यादा शर्मीलापन, भीड़ या बाहरी लोगों से डर, सामाजिक एकाकीपन, सलेक्टिव म्यूटिज्म स्पीच डिसऑर्डर नहीं है। इसे बोलने से नकारना या बोलने का फोबिया (फोबिया ऑफ स्पीकिंग) कहा जा सकता है।
ये हैं लक्षण
यदि बच्चा या व्यक्ति घर में बहुत बोलता है, अकेले में घर वालों, माता-पिता से भी खुलकर बात करता है लेकिन स्कूल में, टीचर्स के साथ, दूसरे लोगों के साथ कुछ भी नहीं बोल पाता है तो यह म्यूटिज्म के लक्षण हो सकते हैं। अक्सर इसे लोग शर्म से संबंधित समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन जब सब कुछ आते हुए भी बच्चे की परफॉर्मेंस ठीक नहीं होती तो घरवाले परेशान हो जाते हैं। लगातार एक माह या उससे ज्यादा ऐसी परेशानी होने पर म्यूटिज्म संबंधी शिकायत हो सकती है।
बोलने में घबराए तो
यदि बच्चे या व्यक्ति में कोई भी शारीरिक समस्या नहीं है, फिर भी वह बोलने से घबराता है तो तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें। जरूरी है कि बच्चे या व्यक्ति की पुरानी मेडिकल रिपोर्ट उसके शैक्षिक मूल्यांकन के साथ इकट्ठी की जाएं। साथ ही हियरिंग स्क्रीनिंग, ओरल मोटर (जीभ, जबड़े व होंठों का तालमेल) जांचें, माता-पिता के इंटरव्यू, स्पीच व लैंग्वेज रिव्यू की रिपोर्ट भी शामिल की जाए।
उपचार व काउंसलिंग
इस रोग के इलाज में विभिन्न साइकोथैरेपी की तकनीकों को उपयोग में लिया जाता है। इसके लिए ना सिर्फ बच्चे या व्यक्ति बल्कि उसके पारिवारिक सदस्यों खासतौर पर माता-पिता की काउंसलिंग भी जरूरी होती है।
If your children are too worried, do not worry - अगर आपके बच्चें काे भी हाेती है बाेलने में घबराहट ताे करें ये उपाय
Reviewed by health
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February 03, 2019
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