Sardiyon Mein Aise Karein Buzurgon Ki Dekhbhal |
Sardiyon Mein Aise Karein Buzurgon Ki Dekhbhal उम्रदराज लोगों को सर्दियों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने का खतरा रहता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो चुकी होती है। दूसरा, इस मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सांस संबंधी परेशानियां बुजुर्गों को ज्यादा सताती हैं। आइए जानते हैं कुछ उपयोगी बातों के बारे में जिनसे वृद्धजन सर्दियों में सेहतमंद बने रह सकते हैं।
कार्डियोवस्क्यूलर रोग -
पारे में गिरावट का सीधा असर उम्रदराज लोगों के दिल और उसकी नसों पर पड़ता है। सर्दी के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा भी अधिक हो जाता है। इस मौसम में हम पानी कम पीते हैं जिससे नसों में क्लॉट बनने लगते हैं और हृदयाघात हो सकता है।
पारे में गिरावट का सीधा असर उम्रदराज लोगों के दिल और उसकी नसों पर पड़ता है। सर्दी के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा भी अधिक हो जाता है। इस मौसम में हम पानी कम पीते हैं जिससे नसों में क्लॉट बनने लगते हैं और हृदयाघात हो सकता है।
चलने में तकलीफ -
आर्थराइटिस से पीड़ित वृद्धजनों को सर्दियों में सावधान रहना चाहिए। इस दौरान वृद्धों की शक्ति व फुर्ती घट जाती है। चलने-फिरने की क्षमता प्रभावित होने पर दुर्घटना और गिरने की आशंका बढ़ जाती है।
आर्थराइटिस से पीड़ित वृद्धजनों को सर्दियों में सावधान रहना चाहिए। इस दौरान वृद्धों की शक्ति व फुर्ती घट जाती है। चलने-फिरने की क्षमता प्रभावित होने पर दुर्घटना और गिरने की आशंका बढ़ जाती है।
सांस संबंधी रोग -
वृद्धों के श्वसन तंत्र में संक्रमण होना आम है क्योंकि ज्यादा सर्दी उनकी प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है और फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बिगाड़ देती है। वायरल संक्रमण या फ्लू उनकी सांस की बीमारियों को और भी बढ़ा देता है। ऐसे में उन्हें दमा व क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज में खास ख्याल रखना चाहिए।
वृद्धों के श्वसन तंत्र में संक्रमण होना आम है क्योंकि ज्यादा सर्दी उनकी प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है और फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बिगाड़ देती है। वायरल संक्रमण या फ्लू उनकी सांस की बीमारियों को और भी बढ़ा देता है। ऐसे में उन्हें दमा व क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज में खास ख्याल रखना चाहिए।
त्वचा रोग -
सर्दियों में खुजली होना त्वचा की आम समस्या है, यह वृद्धों को ज्यादा होती है। सूखी और ठंडी हवाएं त्वचा पर बुरा असर डालती हैं। ठंड के ज्यादा संपर्क में आने से लगातार खुजली बनी रहती है और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
सर्दियों में खुजली होना त्वचा की आम समस्या है, यह वृद्धों को ज्यादा होती है। सूखी और ठंडी हवाएं त्वचा पर बुरा असर डालती हैं। ठंड के ज्यादा संपर्क में आने से लगातार खुजली बनी रहती है और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
मानसिक व सामाजिक बाधाएं -
सर्दियों में अकेले रहने से तनाव और अवसाद घेरने लगता है। इनका विपरीत प्रभाव बुजुर्गों में स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में नजर आता है। इसलिए उम्रदराज लोगों को अकेला न रहने दें और खयाल रखें कि वे किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रहें।
व्यायाम से फिट रहें -
वॉक, योगा, एरोबिक्स जैसे हल्के व्यायाम वृद्धों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। मॉर्निंग वॉक जरूर करें क्योंकि सुबह के समय वातावरण में प्रदूषण और ज्यादा शोर नहीं होता है।
वॉक, योगा, एरोबिक्स जैसे हल्के व्यायाम वृद्धों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। मॉर्निंग वॉक जरूर करें क्योंकि सुबह के समय वातावरण में प्रदूषण और ज्यादा शोर नहीं होता है।
विशेषज्ञ की राय -
सर्दी के दिनों में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (जिन लोगों को ज्यादा तरल लेने की मनाही है, वे ऐसा न करें), गर्म भोजन करें, भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, ज्यादा प्रदूषण के समय बाहर न निकलें, जंकफूड से परहेज करें, अगर कोई दवा ले रहे हैं तो उसे नियमानुसार लें और सफर में जाते समय भी अपने साथ लेकर जाएं, कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूर लें और मौसमी सब्जियों व फलों को डाइट में शामिल करें।
सर्दी के दिनों में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (जिन लोगों को ज्यादा तरल लेने की मनाही है, वे ऐसा न करें), गर्म भोजन करें, भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, ज्यादा प्रदूषण के समय बाहर न निकलें, जंकफूड से परहेज करें, अगर कोई दवा ले रहे हैं तो उसे नियमानुसार लें और सफर में जाते समय भी अपने साथ लेकर जाएं, कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूर लें और मौसमी सब्जियों व फलों को डाइट में शामिल करें।
उचित खानपान -
बुजुर्गों को सर्दियों में पौष्टिक आहार लेना चाहिए। वसा युक्त और मसालेदार भोजन से परहेज करें। ऐसी चीजों से भी बचें जिनसे कफ बढ़ता है जैसे दुग्ध उत्पाद, केक, पेस्ट्री, मैदा व सफेद ब्रेड। घी-मक्खन का भी प्रयोग कम ही करें। अदरक वाली चाय व सब्जियों का सूप पी सकते हैं।
बुजुर्गों को सर्दियों में पौष्टिक आहार लेना चाहिए। वसा युक्त और मसालेदार भोजन से परहेज करें। ऐसी चीजों से भी बचें जिनसे कफ बढ़ता है जैसे दुग्ध उत्पाद, केक, पेस्ट्री, मैदा व सफेद ब्रेड। घी-मक्खन का भी प्रयोग कम ही करें। अदरक वाली चाय व सब्जियों का सूप पी सकते हैं।
Sardiyon Mein Aise Karein Buzurgon Ki Dekhbhal - सर्दियों में एेसे करें बुजुर्गों की देखभाल
Reviewed by health
on
February 03, 2019
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