Jab Aankhon Ko Nuksan Pahunchati Hai Diabetes - जब आंखों को नुकसान पहुंचाती है डायबिटीज
health
January 31, 2019
डायबिटिक रैटिनोपैथी के मरीजों में शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ आंख के पर्दे की रक्त कोशिकाओं पर भी असर पड़ता है। आंखों का यह रोग होने की आशंका उस समय और भी बढ़ जाती है, जब मरीज की डायबिटीज के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर, लंबे समय से डायबिटीज, रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रण में न रहे या उसे कम उम्र में शुरू होने वाला डायबिटीज (इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज) हो। इस वजह से पर्दे में सूजन, रक्त का रिसाव, पर्दे पर खिंचाव आदि हो सकता है। हालांकि शुरुआत में इन कारणों से आंखों की रोशनी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन धीरे-धीरे डायबिटीज बढ़ने से रोशनी प्रभावित होने लगती है और आगे चलकर यह लाइलाज हो जाती है।
इलाज -
इसके मरीज साल में दो बार पुतली फैलाने की दवा डालकर फंडोस्कोपी कराएं। खून की नसों में होने वाले परिवर्तनों का पता लगाने के लिए एंजियोग्राफी व ओसीटी कराएं। आंख में खून भरने या खिंचाव से पर्दा फटने पर सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। इसके अलावा अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।
इसके मरीज साल में दो बार पुतली फैलाने की दवा डालकर फंडोस्कोपी कराएं। खून की नसों में होने वाले परिवर्तनों का पता लगाने के लिए एंजियोग्राफी व ओसीटी कराएं। आंख में खून भरने या खिंचाव से पर्दा फटने पर सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। इसके अलावा अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।
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