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kuchh hee dinon mein door ho jaenge daag dhabbe

November 22, 2018



kuchh hee dinon mein door ho jaenge daag dhabbe
हर कोर्इ चाहता है कि उसके चेहरे की रंगत बरकरार रहे लेकिन धूल, मिट्टी के कारण हम अपनी स्किन का ख्याल नहीं रख पाते। इसी के प्रभाव से स्किन पर काले धब्बे से पड़ने लगते है, जो हमारी खूबसूरती को बिगाड़ देते है। लेकन ये घरेलू पैक अपनाकर अाप अपनी स्किन को इन धब्बों से बचा कर रख सकते है। अाइए जानते
है इनको दूर करने का अासान और सस्ता इलाज...

पैक को बनाने की सामग्री

चंदन पाऊडर - 1 चम्मच
हल्दी पाऊडर - 1 चम्मच
नींबू का रस - 1 चम्मच
बादाम तेल - 3-4 बूंदे

इस पैक को बनाने की विधि

एक कटोरी में 1 चम्मच हल्दी पाऊडर, 1 चम्मच चंदन पाऊडर, और 1 चम्मच नींबू का रस मिला लें। फिर इसमें बादाम तेल की 3-4 बूंदे डालकर मिक्स कर लें। जब यह पेस्ट बनकर तैयार हो जाए तो इसको चेहरे पर लगाकर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद चेहरे पर स्क्रब करें। स्क्रब करने बाद चेहरे को पानी के साथ धो लें। अाप इसको शरीर पर भी लगा सकते है। ऐसा हफ्ते में दो बार करें।इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने से स्किन ग्लोइंग और अापकी खूबसूरती बढ़ेगी। साथ ही चेहरे के सभी दाग- धब्बे दूर होंगे। ये पेस्ट त्वचा पर ब्लीच की तरह काम करता है।



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tairaakee vajan kam karen,maasapeshiyaan banae majaboot

November 22, 2018


Tairaakee Vajan Kam Karen,Maasapeshiyaan Banae Majaboot

बढ़ते वजन को कम करने के लिए लाेग क्या-क्या नहीं करते। खाना कम करने से लेकर जिम में घंटाें पसीना बहाने तक, ताकि वाे बढ़ते वजन को काबू कर फिट रह सके। लेकिन क्या आपकाे मालूम है कि जिम जाने अाैर खाना कम करने के अलावा भी एक एेसा तरीका है। जो आपका वजन ही कम नहीं करता बल्कि पूरी बाॅडी को टाेन करने शक्तिशाली बनाता है। जी हां, वाे तरीका है तैराकी।
तैराकी में आपके पूरे शरीर की ताकत लगती है जोकि एक अच्‍छा वर्कआउट माना जाता है। अगर आपको कोई एक ऐसा व्‍यायाम पसंद करना हो जिसमें पूरे शरीर का उपयोग होता हो तो, तैराकी से अच्‍छा और कुछ नहीं।

वजन कम करें

तैराकी में पूरे शरीर की ताकत लगती है। जिससे आपके शरीर की अतिरिक्त चर्बी घटने लगती। नियमित तैराकी करने वाले जल्द की अपना मोटापा घटा लेते हैं।

मासपेशियां मजबूत

रेगुलर तैराकी करने से मासपेशियां मजबूत बनती हैं और उनमें ताकत आती है। आपकी पूरी बॉडी टोन्‍ड लगने लगती है।

स्‍टैमिना बढ़ाए
तैराकी कार्डियो वेस्‍कुलर एक्‍सरसाइज है। अगर आपको अपनी स्‍टैमिना बढ़ानी है तो रेगुलर स्‍विमिंग करें।

दिल और फेफड़े बने मजबूत

स्‍विमिंग एक ऐसी एक्‍सरसाइज है जिसको करने से सांस बार बार अंदर बाहर खींचनी पड़ती है। इसलिये यह दिल और फेफड़े के लिये अच्‍छी मानी जाती है। इसे रेगुलर करने से हार्ट अच्‍छे से काम करता है।

तनाव करे दूर

स्विमिंग आपके दिल के लिए अच्छा है और यह शरीर पर तनाव के प्रभाव को भी कम करता है। अगर आपको अपने कार्यस्‍थल पर तनाव महसूस होता है तो पूल पर जाना ना भूलें।



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phraikchar mein karagar hai bailoon kayphoplastee फ्रैक्चर में कारगर है बैलून कायफोप्लास्टी

November 22, 2018
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देखने में आता है कि महिलाएं हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को थोड़ी देर का दर्द कहकर टाल देती हैं। लेकिन इन समस्याओं पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये गंभीर हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस, रीढ़ की हड्डी में टीबी और ट्यूमर जैसी समस्याओं के कारण रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर भी हो सकता है। इस तरह की बीमारियों के कारण लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और उनमें फ्रैक्चर की समस्या आने लगती है। इस स्थिति में रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है।लेकिन आज मेडिकल क्षेत्र की नई तकनीकों द्वारा फ्रैक्चर की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसमें बेहतरीन विकल्प बैलून कायफोप्लास्टी है।

पीठ दर्द में आराम

बैलून कायफोप्लास्टी में आर्थोपेडिक बैलून की मदद से टूटी हड्डी को उठाकर सही स्थिति में रखते हैं। फ्रैक्चर हड्डी को ठीक रखने के लिये बोन सीमेंट लगाया जाता है। पांरपरिक सर्जरी के मुकाबले बैलून कायफोप्लास्टी में रीढ़ की हड्डी के मुलायम टिश्यू और मांसपेशियों को ज्यादा नुकसान नहीं होता और वे जल्दी रिकवर हो जाती हैं। इस ट्रीटमेंट से 90 फीसदी रोगियों को 24 घंटे में दर्द से आराम मिल जाता है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले एक्स-रे की मदद से रोगी के फ्रैक्चर की सही स्थिति का पता लगाया जाता है। बैलून कायफोप्लास्टी लोकल एनेस्थीसिया में की जाती है।

जीवनशैली में बदलाव

बैलून कायफोप्लास्टी एक घंटे की प्रक्रिया होती है। इसके बाद रोगी को एक दिन की देखभाल के लिए रखा जाता है, लेकिन मेडिकल जरूरत के हिसाब से इसे बदला भी जा सकता है।

क्या है कायफोप्लास्टी

कायफोप्लास्टी तकनीक में जब रीढ़ की हड्डी दबी हुई होती है तो उसे ठीक करने के लिए होलो निडिल की मदद
से बोन सीमेंट डाला जाता है, इसके सेट होने पर हड्डी मजबूत हो जाती है और मरीज चलने-फिरने लगता है। इस तकनीक के द्वारा इलाज का खर्च 15 से 20 हजार रुपए आता है।



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Haee Blad Preshar ke baare mein jaanen

November 22, 2018

Haee Blad Preshar ke baare mein jaanen
सही खानपान से बीपी की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। डाइटीशियन इसके लिए डैश डाइट की सलाह देते हैं। आइये जानते हैं क्या है डैश डाइट।
ये है 'डैश डाइट': इसमें शरीर के लिए जरूरी कैलोरी के लिए साबुत अंकुरित अनाज, सब्जियां, ताजा फल, छिलके वाली दालें, बींस, मूंगफली, लो फैट डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं।
बीपी के लिए डाइटीशियन की सलाह से लंच और डिनर में आधा कटोरी पत्तेदार सब्जी व एक कटोरी मौसमी सब्जी शामिल करें। स्नैक्स या ब्रेकफास्ट में ताजा फल खाएं। हर रोज 250-300 ग्राम फैट फ्री दूध या एक कटोरी दही खाएं। शराब व सिगरेट ना पीएं।

ये भी जरूरी -
चोकर युक्त आटे की रोटी, पास्ता, सत्तू, दलिया फायदेमंद होते हैं। खाना पकाने के लिए कम तेल का प्रयोग करें। रेड मीट, सैचुरेटेड फैट से दूर रहें। कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, फाइबर व विटामिन सी जैसे संतरा, मौसमी, अंगूर, नींबू को अपनी खुराक में शामिल करें। करीब 10 गिलास पानी रोजाना पीएं।
पालक, मेथी, बथुआ और सरसों का साग खाएं क्योंकि इनमें मौजूद कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और विटाामिन ए शरीर को पोषण देते हैं।

फल जरूर खाएं -
चीकू, अमरूद, पपीता, संतरा आदि में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इन्हें खाने से कब्ज की समस्या नहीं रहती और पाचन प्रक्रिया दुरुस्त होती है।



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Man Khush to Tandurst

November 22, 2018


Man Khush to Tandurst
मन खुश हो, तो तन दुरुस्त रहता है।अगर आपके पास दुनियाभर की धनदाैलत है, लेकिन मन में खुशी नहीं है ताे सारी दाैलत आपके किसी काम की नहीं है। इसलिए आपकाे वाे काम करने चाहिए जाे आपके मन काे सच्ची खुशी दें।मन खुश हाेगा ताे आप खुश रहेंगे, आप खुश रहेंगे ताे दुनियाभर में आपकाे खुशी नजर आएगी। ताे इसलिए खुश रहने के लिए इन सुझावों को आजमा कर देखें -

खुद को एक्सप्रेस करें: अमरीका की वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार खुद को खुलकर अभिव्यक्त करने से मन में खुशी के भाव आते हैं।

दूसरों के लिए कुछ करें : फोर्ब्स डॉट कॉम के शोध के मुताबिक दूसरों के लिए कुछ करने से खुशी मिलती है। जब हम किसी की मदद करते हैं, अपनों को उपहार देते हैं या उन पर खर्च करते हैं, तो मन को सुकून मिलता
है।

सकारात्मक सोचें: अपनी सोच सकारात्मक रखें और ऐसे लोगों के साथ रहें, जिनसे आपको प्रेरणा मिल सके।
रिश्तों को अहमियत

दोस्तों व रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार रखें। यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉयस के वैज्ञानिकों ने 30 साल तक एक लाख लोगों पर शोध के बाद पाया कि शिक्षा, राजनीति,सैलरी और संबंधों में से सबसे ज्यादा खुशी लोगों को अच्छे संबंधों से होती है।पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं क्योंकि डिहाइड्रेशन होने से कई बार मूड चिड़चिड़ा हो जाता है।



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Shuruaati Sardee se karen Bachav, Nahin Hogi koee Bimaree

November 22, 2018

Shuruaati Sardee se karen Bachav, Nahin Hogi koee Bimaree

शुरुआती सर्दी को हम गंभीरता से नहीं लेते, खानपान का ध्यान नहीं रखते, गर्म कपड़े नहीं पहनते, इसका नुकसान सीधा हमारी सेहत को होता है। सर्दी की जब शुरुआत हो रही हो तब सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए । शुरुआती सर्दी में ही सबसे ज्यादा बीमारियां होती हैं। सही खान-पान और कुछ सावधानियों के जरिए हम शुरुआती सर्दी में सेहत को चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं।

देसी नुस्खे देंगे गर्मी -

शहद: यह जुकाम व खांसी में राहत पहुंचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शहद को अदरक 
और दालचीनी के रस या काढ़े में मिला कर पी सकते हैं।

दानामेथी: इसे खाने से शरीर में गर्मी आती है। दिनभर में दो चम्मच दानामेथी खा सकते हैं। चने व दाल की तरह अंकुरित कर सलाद व सूप में मिलाएं।

कच्ची हल्दी: इसमें एंटीबैक्टीरियल व एंटीवायरल गुण होते हैं। दूध में कच्ची हल्दी को कूट कर मिलाएं और अच्छी तरह गर्म कर लें। इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिला कर बच्चों को पिलाने से ठंड और बुखार दोनों में राहत मिलती है।

अखरोट: सर्दियां अखरोट खाने के लिए सबसे सही मौसम है। इसकी तासीर गर्म होती है, जिससे शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी मिलती है। अखरोट की गिरी सीधी ही खाई जा सकती है।

लहसुन: सर्दी के दिनों में जुकाम, गले में दर्द या खराश, इंफेक्शन, आर्थराइटिस से बचने के लिए चटनी, सूप या सब्जी बनाकर और दूध में डालकर इसका प्रयोग करें।

अलसी: यह शरीर के तापमान को बढ़ाती है। जिनके हाथ-पैर ठंडे रहते हैं, उन्हें इसे खाना चाहिए। एक चम्मच अलसी को हल्का भून लें और नाश्ते में मिला कर खाएं।

मूंगफली: सर्दियों का मेवा मूंगफली पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें प्रोटीन, वसा, शर्करा, विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में 1.3 गुना, अंडों से 2.5 गुना व फलों से 8 गुना ज्यादा होती हैं।

शकरकंदी : यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है। क्योंकि वे ज्यादातर मोटे होते हैं, ऐसे में शकरकंदी खाने से उन्हें बार-बार भूख नहीं लगती और वह जल्दी ही वजन पर नियंत्रण पा लेते हैं। इसके अलाव गूंद के लड्डू, तिल के लड्डू, गुड़, लापसी, राबड़ी, मक्का व बाजरे की रोटी और गाजर का हलवा शरीर को गर्मी देने के साथ सेहत भी देता है।

बरतें सावधानियां -
जॉगिंग से पहले घर पर वॉर्मअप करें, सिर-गला कवर करें, परतों में कपड़े पहनें।
सुबह छींकें सताएं तो दवाएं लें और धूल, धुएं से बचें
सर्दी से जोड़ों में यूरिक एसिड बढऩे से गठिया का दर्द या पांव में ऐठन, घुटनों में सूजन आती है। खूब पानी पीना चाहिए।
साइनस की समस्या होने पर भाप लें। जिन्हें अस्थमा या बीपी की समस्या है, वे डॉक्टर से मिलकर अपनी दवा बदल लें क्योंकि सर्दियों में यह समस्या बढ़ जाती है।
हीटर चलाएं या सिगड़ी जलाएं तो सिरदर्द, चक्कर और उल्टी को नजरअंदाज न करें। यह कार्बनमोनोऑक्साइड का असर हो सकता है।



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Khane mein Jyada Proteen Ka Sevan Sehat ke lie Nuksandayak Hai

November 22, 2018

Khane mein Jyada Proteen Ka Sevan Sehat ke lie Nuksandayak Hai
यूरिक एसिड शरीर को प्रोटीन से एमिनो अम्ल के रूप में प्राप्त होता है। इसकी अधिकता शरीर के लिए नुकसानदायी हो सकती है। इस लिए भोजन में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा नहीं होनी चाहिए। जितना प्रोटीन हमारे शरीर के लिए जरूरी है, उतनी ही मात्रा ही सेवन करें।

कारण : खाने में प्रोटीन व शुगर की मात्रा अधिक होने, किडनी द्वारा सीरम यूरिक एसिड कम बनाने , तेजी से वजन कम होने, खून में आयरन की मात्रा अधिक होने और पेशाब बढ़ाने वाली एलोपैथिक दवाएं या डायबिटीज की दवाओं के प्रयोग से यूरिक एसिड बढ़ जाता है।

नुकसान : शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से हृदय संबंधी रोग, जोड़ों में दर्द, गुर्दे की पथरी, मधुमेह और मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है। ये सभी बीमारिया हमार शरीर के लिए नुकसानदायक हैं।

संतुलित आहार जरूरी -
खूब पानी पीएं जिससे रक्त में मौजूद अतिरिक्तयूरिक एसिड मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाए। खाने में क्षारीय पदार्थ जैसे मूली का रस, हरी सब्जियां, दूध और बिना पॉलिश वाले अनाज शामिल करें। ऐसा आहार लें जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन सीमित व संतुलित मात्रा में हों। नियमित व्यायाम करें।



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Aankhon Ke Lie Exercise Sabase Jarooree Hai

November 22, 2018

Aankhon Ke Lie Exercise Sabase Jarooree Hai

शरीर के साथ-साथ आंखों में थकान होती है। इस थकान को दूर करने के लिए एक्सरसाइज की जरूरत होती है। लगातार कोई एेसा काम करने से जिससे आंखों पर जोर पड़ता है इससे हमारी आंखों में थकान आ जाती है। आंखों की थकान को दूर करने के लिए एक्सरसाइज एक सबसे बेहतर तरीका है। इस लिए हम आपको कुछ एक्सरसाइज बता रहे हैं जिससे आंखों को आराम मिलेगा।

फोकस: दूर रखी किसी चीज को कम से कम आधे मिनट तक देखें व फोकस करें। फिर जल्दी जल्दी पलकें झपकाएं। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार जरूर करें। इससे आंखों को राहत मिलेगी।

अंगुलियों का प्रयोग: आंखें बंद करें और धीरे से दो मिनट के लिए अंगुलियां रखें। चाहें तो पहले हाथों को आपस में थोड़ी देर रगड़ कर गर्म कर लें। आंखों पर अंगुलियों का ज्यादा जोर ना दें, हल्के से रखें। इससे आंखों को आराम मिलेगा।

आंखों को घुमाएं: घड़ी की सुई की दिशा में आंखों की पुतलियों को घुमाएं, फिर उल्टी दिशा में ऐसा करें। हर आधे घंटे में इसे करें। इससे भी आंखों की एक्सरसाइज होगी।

डॉक्टरी राय -

लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो दिन में दो से तीन बार ठंडे पानी से आंखों में छींटे मारें और बीच-बीच में पलकें झपकाते रहें। आंखों में लगातार ज्यादा दर्द, जलन या चुभन हो, तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।



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bhookh badhye, sehat banaye, tvacha chamakye

November 22, 2018



 Bhookh badhye, sehat banaye, tvacha chamakye

सर्दियों में सेहत बनाने के लिए खजूर से बेहतर कुछ भी नहीं है। खजूर में विटामिन्स अाैर मिनरल्स का उच्च स्त्रोत होता है। इसका सेवन ना केवल आपकी सेहत को , बल्कि आपके बालाें को भी बहुत सारे फायदे पहुंचाता है। खजूर विशेष रूप से विटामिन बी 6 , विटामिन ए अाैर विटामिन के में समृद्घ हाेते हैं। यह हड्डियों के विकास में मदद करते हैं अौर आंखाें के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। खजूर में मौजूद फाइबर अांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है। यह पेट अाैर काेलन कैंसर जैसे खतरनाक बीमारियाें को भी रोकता है। अाैर इसमें शामिल कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, प्राेटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, तांबा अाैर सल्फर पूरे शरीर काे फिट रखता है।

आइए जानते हैं इसके फायदे :-

- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ त्वचा का रंग भी साफ करता है।
- छुआरा यानी सूखा खजूर दिल को मजबूत बनाता है।
- खजूर खाने से दमे के रोगियों को बहुत फायदा होता है।
- भूख बढ़ाने के लिए छुहारे का गूदा निकाल कर दूध में पकाएं। उसे थोड़ी देर पकाने के बाद ठंडा करके पी लें।
- अगर आपको जुकाम रहता है तो एक गिलास दूध में पांच से छह खजूर डालें, इसमें पांच दाने काली मिर्च, एक दाना इलायची का डालकर अच्छी तरह उबाल लें। अब इसमें एक चम्मच घी डालकर रात में पीएं, सर्दी-जुकाम में आराम होगा।



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सर्दियों में बहुत फायदेमंद है गेंदे के फूलों का रस

November 22, 2018
सर्दियों में बहुत फायदेमंद है गेंदे के फूलों का रस 

आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार हजारा या गेंदे का फूल बुखार ठीक करने, इंफेक्शन दूर करने, सर्दी-जुकाम, रक्तस्त्राव रोकने और सामान्य चोट व सूजन में काफी फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं गेंदे के फूलों के औषधीय उपयोगों के बारे में।

दाद : गेंदे के फूलों का रस दिन में तीन बार दाद पर लगाएं। इससे दाद आसानी से ठीक हो जाता है।

दमा-खांसी : गेंदे के बीज को मिश्री के साथ पीस लें, इसकी एक चम्मच मात्रा को एक कप पानी के साथ मिलाकर दिन में तीन बार पीएं। इससे दमा और खांसी जैसी समस्या में आराम मिलेगा।

मूत्र विकार : 10 ग्राम गेंदे के पत्ते पीसकर इसके रस में मिश्री मिलाकर दिन में 3 बार पीएं। इससे सभी प्रकार के मूत्र विकारों में फायदा होगा।

दांतों में दर्द : गेंदे के पत्ते का काढ़ा बनाकर, इससे कुल्ला करें। इससे दांतों के दर्द में फायदा होगा।

बुखार में फायदेमंद -

बुखार : इसके फूलों का रस 1-2 ग्राम चटाने से मरीज को बुखार व बदन दर्द में राहत मिलती है।

कान में दर्द : गेंदे के पौधे के पत्तों का रस हल्का गर्म करके कान में 2-3 बूंद डालें। इससे कान का दर्द ठीक हो जाएगा।

आंखों में दर्द : गेंदे के पौधे के पत्ते पीसकर टिकिया बना लें। टिकिया को बंद आंखों पर रखें, राहत मिलेगी।



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Sardiyon me bhi soft rahe skine

November 21, 2018


Sardiyon me bhi soft rahe skine

गर्मी से राहत देते हुए सर्दी ने दस्तक देदी है, लेकिन इस बदलते मौसम की वजह से कर्इ लोगों को स्किन संंबंधी परेशानी भी हाेने लगी हैं। सर्दियों के मौसम में ऑयली अाैर रूखी त्वचा वालाें, दाेनाें काे ही अलग-अलग तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।दरअसल ऑयली स्किन पर मुंहासे और दाग-धब्बों की समस्या होने लगती है तो रूखी त्वचा पर झुरियां पड़ जाती। बदलने मौसम के साथ आपकी त्वचा की देखभाल करना बेहत जरुरी होता है। तो आइए जानते है कि सर्दी के माैसम में अपनी त्वचा की देखभाल कैसे करें :-

फेस वॉश – सर्दी के मौसम में चेहरे को दिन में कम से कम दो बार फेश वॉश करें। ऐसा करने से चेहरा ऑयल फ्री होता है। वही अगर आपकी रूखी स्किन है तो चेहरे पर एंटी-बैक्टीरियल फेश वॉश का ही इस्तेमाल करें।

स्क्रबिंग – स्क्रब में मौजूद मोइस्चर डेड स्किन को हटाने में मदद करते है। इसलिए सर्दी के मौसम में भी दो हफ्ते में 1 बार स्क्रब जरूर करें।

टोनर – सर्दियों के मौसम में ठण्ड के वजह से आप टोनर का इस्तेमाल करना बंद कर देते है लेकिन टोनर सर्दी के मौसम में अच्छा साबित हो सकता है, क्योंकि टोनर खुले पोर्स को बंद करके त्वचा के पीएच स्तर को बनाए रखता है।

मॉइस्चराइजर – सर्दियों की शुष्क हवा की वजह से स्किन अपनी नमी खोने लगती है। इसलिए स्किन में नमी बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल कर अपने स्किन को प्रोटेक्ट किया जा सकता है।

सनस्क्रीन – सर्दियों में तेज धूप न होने के कारण आप सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं समझती लेकिन सर्दियों की धूप भी स्किन के एसफीएफ स्तर को कम कर देती है। इसलिए सर्दियों में भी बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाना न भूलें।



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Rojaana ek seb khane ke fayde

November 21, 2018


Rojaana ek seb khane ke fayde

एक सेब रोज खाओ डॉक्टर को दूर भगाओ अच्छे स्वास्थ्य का यह मंत्र उम्र के पचास बसंत देख चुके वयस्कों पर भी लागू होता है। अमरीका में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि 50 से ज्यादा उम्र वाला हर व्यक्ति अगर रोजाना एक सेब खाए तो वह हृदयाघात और स्ट्रोक से बच सकता है। सेब कार्डियोवस्क्यूलर सिस्टम को दवाइयों की तरह मजबूत करता है और इससे कोई दुष्प्रभाव भी नहीं।

फायदा:

ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि सेब को एंटीऑक्सिडेंट्स का प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। एक सेब में 35.4 कैलोरी, 0.09 ग्राम फैट, 1.39 ग्राम फाइबर और 0.02 सैचुरेटेड फैट होता है।

ये चीजें रोकेंगी अटैक

- सेब में रूटीन नामक एक रसायन होता है, जो शरीर में खून के थक्के बनाने वाले एंजाइम को खत्म करता है।
- रोजाना सेब खाने वाली महिलाओं में टाइप 2 मधुमेह होने की आशंका 28 फीसदी कम होती है।
- सेब तनाव के दौरान नुकसानदायक हार्मोन्स का स्राव भी कम करता है।



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Motapa kam karne ke uapay

November 21, 2018


Motapa kam karne ke uapay

अमरीका के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की स्टडी के अनुसार व्यायाम करने से मसल्स में पैदा होने वाला एक प्रोटीन, फैट्स को कम करता है। पीजीसी-1 प्रोटीन मांसपेशियों को कसरत के दौरान प्रतिक्रिया देने में मदद करता है। इस प्रोटीन को अमीनो आइसोब्यूटीरिक एसिड के रूप में पहचाना गया है। यह क्रोमोसोम्स में वसा ऊतकों को सक्रिय करता है, जो शरीर से कैलोरी कम करता है।
शोधकर्ताओं को हालांकि पहले से पता था कि पीजीसी-1 नामक प्रोटीन मांसपेशियों में उपापचयी गुणसूत्रों को नियंत्रित करता है, तथा मांसपेशियों को व्यायाम के दौरान प्रतिक्रिया करने में मदद करता है। अब तक लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पीजीसी-1 प्रोटीन अन्य उत्तकों तक संकेत कैसे पहुंचाते हैं।
गेर्सटेन और उनके सहयोगियों ने पीजीसी-1 को सक्रिय करने बाद जब उत्तकों द्वारा स्रावित चयापचयों की निगरानी की तो उन्हें एक ऐसा चयापचय `अमीनोआइसोब्यूटीरिक एसिड` दिखा जो गुणसूत्रों में वसा उत्तकों की सक्रियता बढ़ा देता है, जो शरीर से कैलोरी की मात्रा कम करने के लिए उत्तरदायी होता है। `सेल मेटाबॉलिज्म` पत्रिका में प्रकाशित चूहों पर किए गए इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि `अमीनोआइसोब्यूटीरिक एसिड` वजन बढ़ने की दर को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में भी मददगार पाया गया।



Motapa kam karne ke uapay Motapa kam karne ke uapay Reviewed by health on November 21, 2018 Rating: 5

Roj ki kasrat se dil,dimaag rahe durust

November 21, 2018


Roj ki kasrat se dil,dimaag rahe durust

हृदय रोगियों के लिए एक अच्छी खबर है कि शारीरिक व्यायाम करने से हृदय रोग का खतरा काफी कम हो जाता है और रोज दवा खाने के झंझट से मुक्ति मिल सकती है। ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) और अमरीका के हावर्ड व स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने नए शोध में इस बात का खुलासा किया है। रोजाना व्यायाम से आपका रक्त संचार भी दुरुस्त रहता है।
व्यायाम वह गतिविधि है जो शरीर को स्वस्थ रखने के साथ व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ाती है। यह कई अलग अलग कारणों के लिए किया जाता है, जिनमे शामिल हैं: मांसपेशियों को मजबूत बनाना, हृदय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना, एथलेटिक कौशल बढ़ाना, वजन घटाना या फिर सिर्फ आनंद के लिए। लगातार और नियमित शारीरिक व्यायाम, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देता है।

नियमित रूप से 30-45 मिनट के लिये व्यायाम करने से आपके दिमाग के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह आपके मूड को भी ठीक करता है। व्यायाम से नई तन्त्रिका कोशिकोओं के निर्माण होता है जिससे अल्ज़ीमर्स और पार्किन्सन्स जैसी बीमारियाँ दूर ही रहती हैं। व्यायाम से जीवन के उत्तरार्ध में विकसित होने वाले पागलपन जैसे लक्षणों से भी बचा जा सकता है।
आमतौर पर व्यायाम को मानव शरीर पर पड़ने वाले इसके समग्र प्रभाव के आधार पर तीन प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है:

- नम्यक (लचीलापन) व्यायाम, जैसे कि शरीर के भागों को खींचना (स्ट्रेचिंग) मांसपेशियों और जोड़ों की गति की सीमा में सुधार करता है।

- एरोबिक व्यायाम, जैसे साईकिल चलाना, तैराकी, घूमना, नौकायन, दौड़, लंबी पैदल यात्रा या टेनिस खेलना आदि से हृदय के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

- एनारोबिक व्यायाम, जैसे वजन उठाना, क्रियात्मक प्रशिक्षण या छोटी दूरी की तेज दौड़ (स्प्रिन्टिंग), अल्पावधि के लिए पेशी शक्ति में वृद्धि करती है।



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Hepatitis Janleva bhi ho sakta hai

November 21, 2018


Hepatitis Janleva bhi ho sakta hai

हैपेटाइटिस लिवर में होने वाली बीमारी है और पीलिया इसका एक लक्षण है। खून में जब बिलीरुबीन की मात्रा बढ़ जाती है, तब पीलिया होता है। खून में बिलीरुबीन का स्तर 1 प्रतिशत या इससे कम होता है, लेकिन जब इसकी मात्रा 2.5 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है, तब लिवर कमजोर हो जाता है।

कैसे होता है हैपेटाइटिस


हैपेटाइटिस ए और ई: यह दूषित पानी व खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थोंं से होता है। हैपेटाइटिस ए बच्चों को होता है, जबकि ई बड़ों को होता है।

हैपेटाइटिस बी व सी: बी, सी दोनों तरह का हैपेटाइटिस गर्भस्थ शिशु, संक्रमित रक्त या सुई व असुरक्षित यौन संबंध से होता है।

हैपेटाइटिस डी: हैपेटाइटिस डी का बैक्टीरिया हैपेटाइटिस बी होने पर फैलता है। जिसे हैपेटाइटिस बी या सी हो चुका है, उसे ही डी होता है।


खानपान : पीलिया में सामान्य आहार लें।


दवाइयां : एसएमएस अस्पताल के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर गौरव गुप्ता का कहना है कि हैपेटाइटिस ए और बी के टीके उपलब्ध हैं। बी के टीके जन्म के समय लग जाते हैं, जिसकी 3 डोज पैदा होते ही, दूसरी जन्म के एक माह बाद और तीसरी छठे महीने में लगती है। हैपेटाइटिस ए के टीके जन्म के दो साल बाद लगते हैं, जो करीब 600-800 रुपए प्रति डोज होता है। इसके टीके किसी भी उम्र में लगाए जा सकते हैं।

भारत में सबसे अधिक
देश में सबसे ज्यादा हैपेटाइटिस बी और सी के मरीज होते हैं। ज्यादातर मामलों में पीलिया होने के बाद भी मरीज डॉक्टर के पास काफी देरी से पहुंचते हैं। प्रारंभिक लक्षण जैसे शरीर टूटना, बुखार, उल्टी होना, भूख कम लगना, पेशाब और आंखों का पीलापन दिखते ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

साफ-सुथरा खानपान
हैपेटाइटिस का शिकार होने वाले ज्यादातर मरीजों में पीलिया के लक्षण जरूर दिखते हैं। लिवर को फिट रखने के लिए साफ-सुथरा भोजन और साफ पानी जरूरी है। बाहर का खाना खाने से बचें, लेकिन खाना भी पड़े तो साफ-सफाई देखकर ही खाएं। कम से कम हैपेटाइटिस ए का टीका जरूर लगवाना चाहिए।किसी की सुई, रेजर और टूथब्रश इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। रक्त चढ़ाने पर इस बात का विशेष ध्यान रखें कि नई सुई हो और रक्त संक्रमित न हो।

झाड़ा नहीं है इलाज
पीलिया एक ऐसा रोग है, जिसमें कई नीम-हकीम इलाज करने का दावा करते हैं। हैपेटाइटिस ए ज्यादातर मामलों में एक माह में खुद ठीक हो जाता है और लोग समझते हैं कि यह झाड़ फूंक से ठीक हुआ है। हैपेटाइटिस बी के मामले में तो मरीज को डॉक्टरी सलाह लेनी ही पड़ती है।

होम्योपैथी: परहेज भी करें
होम्योपैथी के अनुसार पीलिया हैपेटाइटिस या लिवर की किसी भी बीमारी के साथ दिखता है। इसमें दवाइयों के साथ परहेज जरूरी है।


दवाइयां: लिवर टॉनिक, चेलीडोनियम, नक्स वोमिका, एल्फा क्यू, चेलीडोनियम क्यू


खानपान : अधिक तेल, घी, हल्दी और मिर्च मसाले का भोजन न करें। मौसमी और गन्ने का रस पीएं। नारियल पानी, चावल, दही या छाछ, उबले आलू और छैने वाला रसगुल्ला खाएं।

आयुर्वेद: हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं
आयुर्वेद विशेषज्ञ विनोद शर्मा का कहना है कि पीलिया के रोगी को ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए। सब्जियों में लौकी, मूली, परवल, टिंडा और फलों में सेब, संतरा खाना चाहिए।


दवाइयां : पीलिया में भूमि आंवला, पुनर नवा, मकोय, अमलतास, शोनाक की छाल को 50-50 ग्राम लेकर पीसकर पाउडर बना लें। रोजाना एक चम्मच पाउडर चार कप पानी में उबालें। एक कप पानी रह जाने पर सुबह-शाम खाली पेट पीएं। इसके अलावा पीलिया में स्वर्णमासिक भस्म और काशिस भस्म दवाएं ली जा सकती हैं।


खानपान : मिर्च मसालेदार खाना और फास्टफूड नहीं खाना चाहिए। हल्का भोजन करें, गन्ने का रस और छैने का रसगुल्ले खाएं।
(नोट: यहां सभी दवाओं के नाम भले ही दिए गए हैं, लेकिन उन्हें विशेषज्ञ की सलाह से ही प्रयोग में लाएंं)



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bahut kaam aaenge ye chhote-chhote nuskhe, लंबी उम्र पाने के लिए बहुत काम आएंगे ये छोटे-छोटे नुस्खे

November 20, 2018
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Bahut kaam aaenge ye chhote-chhote nuskhe

हर व्यक्ति यही चाहता है कि वह हमेशा स्वस्थ रहे और लंबे समय तक जिए। लंबी उम्र पाने का कोई जादुई फॉर्मूला नहीं होता। कुछ खास नुस्खे और उपाय हैं, जिन्हें फॉलो कर कोई भी स्वस्थ और बेहतर जिंदगी बिता सकता है। जानते हैं ऐसे ही कुछ खास नुस्खों के बारे में।

ज्यादा खाने पर लगाम लगाएं -
ब्रिटेन के येल विश्वविद्यालय में हुए एक शोध में सामने आया है कि अपने खाने में कैलोरी को कम करके हम कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। रिसर्च के अनुसार अगर 25 साल की उम्र से आप सीमित मात्रा में खाना खाते हैं, तो अपनी उम्र में 15 फीसदी का इजाफा कर सकते हैं। ऐसा करके हम अपने जीवन के साढ़े चार साल बढ़ा सकते हैं।

व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं -
नियमित दौड़ लगाने से हार्ट अटैक, कैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। न दौड़ने वालों की तुलना में दौड़ने वालों में समय से पहले मरने की आशंका 50 फीसदी कम होती है।

पेट्स के साथ मस्ती अच्छी -
अगर घर में पालतू जानवर हो तो उससे कार्डियोवस्क्यूलर बीमारियों का खतरा तो कम होता है, साथ ही स्ट्रेस लेवल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। आम लोगों की तुलना में पालतू जानवरों के मालिकों में हार्ट अटैक की आशंका 12 फीसदी कम होती है।

दोस्तों का साथ भी जरूरी -
लंबी उम्र जीने के लिए अच्छे दोस्तों का होना बहुत जरूरी है। परेशानी, दुख और स्ट्रेस की स्थिति से उबरने में एक दोस्त ही आपकी मदद करता है, जिससे आप ज्यादा स्वस्थ रहने को प्रेरित होते हैं।

बेस्ट है मेडिटेशन -
रोजाना सिर्फ आधे घंटे तक मेडिटेशन करने से आप डिप्रेशन, अनिद्रा और तनाव जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। मेडिटेशन का मतलब आंखें बंद करके बैठ जाना नहीं है। यह एक एक्टिव ट्रेनिंग है, दिमाग को जागरूक बनाने की। अलग-अलग मेडिटेशन प्रोग्राम की अपनी विशेषता होती है और इनकी मदद से तनाव से निपटा जा सकता है। रोजाना मेडिटेशन करने से एकाग्रता भी बढ़ती है।



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Sehat ko nuksan pahucha sakti hai ye panch cheejen

November 20, 2018

 
Sehat ko nuksan pahucha sakti hai ye panch cheejen

स्वस्थ रहने के लिए अक्सर हमें अपनी आदतें सुधारने के लिए कहा जाता है। लेकिन कई बार कुछ अच्छी आदतें भी हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं, क्योंकि इन अच्छी आदतों के वैज्ञानिक महत्व और नफा-नुकसान के बारे में हमें जानकारी नहीं होती। आइये जानते हैं एेसी ही कुछ आदतों के बारे में...

आदत: खाना खाने के बाद ब्रश करना या टूथ पिक से दांत साफ करना।

नुकसान: लोगों को लगता है कि इससे उनके दांत जम्र्स फ्री रहेेंगे, लेकिन बार-बार ब्रश करने से हमारे दांतों की सुरक्षा परत यानी इनेमल लेयर घिस जाती है और दांतों में सेंसिटीविटी की समस्या या ठंडा-गर्म लगने लगता है। टूथ पिक के इस्तेमाल से कई बार मसूड़ों में चोट लग जाती है, जिससे खून आने लगता है।

सही क्या: हर बार खाने के बाद अच्छी तरह कुल्ला करें और दिन में दो बार ब्रश करना ही काफी होता है।

सैनिटाइजर का प्रयोग

आदत: कहींं भी छुआ, कुछ भी खाया तो सैनिटाइजर से हाथ धोना, 3-4 बार साबुन लगाने के बाद संतुष्ट होना।

नुकसान: त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. हनीफ मोहम्मद का कहना है कि सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसान नाम का एक रसायन होता है जिसे हाथ की त्वचा तुरंत सोख लेती है। यह तत्व रक्तमें शामिल होकर कोशिका संचार को बाधित कर देता है। इसके लंबे समय तक इस्तेमाल से त्वचा में रूखापन और हृदय रोगों की संभावना भी बढ़ जाती है।

सही क्या: कोई भी साधारण साबुन से एक बार में अच्छी तरह धोने से ही हाथ साफ हो जाते हैं।

न बदलें कॉस्मेटिक

आदत: विज्ञापन देखकर कॉस्मेटिक बदल लेना।

नुकसान: विशेषज्ञ के मुताबिक मनुष्य के त्वचा का पीएच स्तर 5.5 होता है। विभिन्न कंपनियों के कॉस्मेटिक्स के पीएच मानक अलग-अलग होते हैं। ऐसे में जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें विभिन्न पीएच मानकों के उत्पादों का उपयोग नुकसानदायी साबित हो सकता है। इससे त्वचा लाल पड़ सकती है या इसमें जलन और चकते होने की आशंका रहती है।

सही क्या: किसी भी कॉस्मेटिक उत्पाद के प्रयोग से पहले मानकों को पढ़ लें।

बोतलबंद पानी में सेहत नहीं

आदत: साफ-सुथरा पानी पीने के नाम पर बोतल बंद पानी हमारे लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया है।

नुकसान: बोतलबंद पानी प्रोसेस्ड होता है जिसमें शरीर के लिए जरूरी खनिज तत्व नहीं होते। लंबे समय तक इसके प्रयोग से शरीर में मैगनीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम और सल्फेट जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इनकी कमी से मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियां हो सकती है।

सही क्या: पानी को उबाल कर प्रयोग करें, सादे पानी में क्लोरीन होती है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन को कम करती है।

कान व नाक खुरचते रहना

आदत: कान साफ करने के लिए ईयर बड, पेन और चाबी के नुकीले हिस्से का प्रयोग करना। नाक में पपड़ी जमने पर हमेशा अंगुली से खुरचते रहना।

नुकसान: ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर शुभकाम आर्य के अनुसार
इससे कान में चोट लग सकती है, कई बार कान का पर्दा भी फट सकता है। कान में बाह्य संक्रमण या फुंसी होने की भी आशंका रहती है। इसी तरह नाक की पपडिय़ों को खुरचते रहने से नकसीर की समस्या हो सकती है।

सही क्या: कान शरीर का एक ऐसा अंग है जो खुद ही साफ हो जाता है। लेकिन अगर किसी अन्य तरह की कोई तकलीफ हो तो डॉक्टर से ही संपर्क करें। नाक में अगर खुश्की होकर पपड़ी जम रही है तो चिकनाई के लिए ग्लिसरीन या नारियल तेल लगा सकते हैं।



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Moolee ke ras se motaapa ghataye

November 20, 2018


Moolee ke ras se  motaapa ghataye

मूली में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन और आयरन भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा मूली में क्लोरीन, फास्फोरस, सोडियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। मूली में विटामिन ए, बी और सी भी होता है। जानते हैं मूली के गुणों के बारे में-
पेट में भारीपन महसूस होने पर मूली के रस में नमक मिलाकर पीएं, इससे आराम होगा।
मूली के रस में थोड़ा नमक और नींबू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीने से मोटापा कम होता है और शरीर एक्टिव बनता है।
पेशाब की समस्या होने पर मूली का रस फायदेमंद होता है। अगर पेशाब आना बंद हो जाए या पेशाब में जलन हो, तो मूली का रस पीएं।
मूली को हल्दी के साथ खाने से बवासीर में फायदा होता है। बवासीर के मरीजों को रोजाना मूली खानी चाहिए।
मूली के रस को अनार के रस में मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
गले की सूजन के लिए मूली के रस में सेंधा नमक मिलाकर गरम कर लें और गरारे करें।
मूली दांतों के लिए भी फायदेमंद होती है। मूली खाने से दांत मजबूत होते हैं। कैल्शियम की उपलब्धता से हड्डियों को भी मजबूती मिलती है। सुबह-सुबह मूली के पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की बदबू दूर होती है।



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Tanav rahe koso door

November 20, 2018


Tanav rahe koso door

बदलती लाइफस्टाइल की वजह से आजकल हर कोई तनाव में रहता है लेकिन छोटी-छोटी बातों का ख्याल रख तनाव को मैनेज किया जा सकता है।

समय निकालें:अपने लिए आधे घंटे का समय निकालें। इस दौरान अपनी कार्यक्षमता का आंकलन करें। लक्ष्यों को तय करें और इनके प्रति सकारात्मक सोच अपनाएं।

बढ़िया खाएं:ताजे फल-सब्जियां खाएं व पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।

व्यायाम करें:
व्यायाम करें, फिल्में देखें व खुद को ट्रीट दें, इससे स्ट्रेस कैमिकल नष्ट होते हैं।

ऐसा न करें:
नशीले पदार्थों के सेवन और धू्रमपान से दूर रहें।

सेविंग: पैसों की कमी से तनाव होता है, इसलिए सेविंग करें।

संगीत:टीवी सीरियल देखने की बजाय म्यूजिक सुनें क्योंकि संगीत सुकून देता है।

शेयरिंग:अपनी भावनाएं दूसरों के साथ शेयर करें।

रिलेशन:किसी को भी दोषी ठहराने से पहले खुद को उसकी जगह रखकर सोचें।

मसाज:हफ्ते में एक बार मसाज करें। रक्त का प्रवाह सही रहेगा और मूड भी अच्छा रहेगा।



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Pails ho to khanpan mein rakhen vishesh savdhanee

November 20, 2018

Pails ho to khanpan mein rakhen vishesh savdhanee

कब्ज की समस्या से होने वाली पाइल्स यानी बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो ऑपरेशन के बाद भी सौ फीसदी ठीक नहीं होती, क्योंकि मरीज अपने खानपान पर नियंत्रण नहीं करता। अगर इन आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाया जाए तो पाइल्स की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

चोकरयुक्त रोटी खाएं -
कब्ज न हो इसके लिए मोटे आटे की चोकरयुक्त रोटियां खाएं क्योंकि महीन आटा आंतों में चिपक जाता है, जिससे पाचन में दिक्कत होती है।

दही खाएं और छाछ पीएं -
एक कटोरी ताजा दही में एक चम्मच पिसे हुए अलसी के बीज, स्वादानुसार एक या दो चम्मच शहद व चुटकी भर नमक मिलाकर खाएं। छाछ में काला नमक डालकर पीने से भी कब्ज की समस्या दूर होती है।

सलाद को डाइट में शामिल करें -

खाने में टमाटर, गाजर, खीरा, ककड़ी, चुकंदर को शामिल करें। सर्दियों में एक अमरूद रोज खाने का नियम बना लें। पपीते को भी नियमित आहार का हिस्सा बनाइए, इससे पाचन दुरुस्त होता है।

गुनगुना पानी लें और तला हुआ न खाएं -
कम पानी पीने से पेट में गर्मी बढ़ती है और मल सूखने लगता है, जिससे कब्ज होती है। सुबह उठते ही दो-तीन गिलास गर्म पानी पीएं, इससे पेट की सफाई होती है। मैदे से बनी चटपटी व तली हुई चीजें जैसे कचोरी और समोसे कम ही खाएं।

आयुर्वेदिक उपचार -
रोज रात को त्रिफला चूर्ण या बेलफल का चूर्ण एक चम्मच लें। पेट साफ होगा। नीम की निंबौरी (छिलके सहित) के 10 ग्राम पाउडर को रोजाना सुबह के समय रात के रखे पानी के साथ लें, फायदा होगा। इस नुस्खे को अपनाने के बाद आपके खाने में देशी घी जरूर होना चाहिए।
जीरे को पीसकर मस्सों पर लगाने से फायदा होता है। जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसें, फायदा होगा। पके हुए केले को दो टुकड़ों में काटकर उस पर कत्था पीसकर छिड़क लें। इन टुकड़ों को रात में खुले आसमान के नीचे रख दीजिए। सुबह उठकर केले के टुकड़े खाइए। ऐसा एक हफ्ते तक करने से बवासीर ठीक हो जाएगा।
लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस लें। रोजाना सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर ठीक हो जाता है। जंगली गोभी को घी में पकाकर उसमें सेंधा नमक डालकर आठ दिन रोटी के साथ खाइए। इससे बवासीर ठीक होता है।



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