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Agar Ho Jae Slip Disk,Bratein ye Savdhaaniyaan - अगर हो जाए स्लिप डिस्क, बरतें ये सावधानियां

Agar Ho Jae Slip Disk,Bratein ye Savdhaaniyaan

Agar Ho Jae Slip Disk,Bratein ye Savdhaaniyaan               

Agar Ho Jae Slip Disk,Bratein ye Savdhaaniyaan - हमारी रीढ़ करीब 34 छोटी-छोटी हड्डियों (वर्टिब्रा) से मिलकर बनती है। दो वर्टिब्रा के बीच एक गद्देदार उत्तक होता है जिसे इन्टरवर्टिब्रलडिस्क कहते हैं। डिस्कदो वर्टिब्रा को आपस में रगड़ खाने से रोकती है। बढ़ती उम्र और गलत तरीके से उठने-बैठने से डिस्कमें बदलाव आते हैं, उसे स्लिपडिस्क कहा जाता है। कहते हैं कि डिस्कखिसक गई है। डिस्कके खिसक जाने से आस-पास निकलने वाली नर्वस पर दबाव पड़ता है, इससे निम्न परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं-
कमर से लेकर एक पंजे तक करंट जैसा दर्द, पैर में सूनापन, पंजे या पैर के अंगूठे में कमजोरी आना, गंभीर परिस्थितियों में पेशाब में रुकावट।

उपचार -
साधारणत : स्लिपडिस्क का दर्द आराम करने, व्यायाम और दर्द निवारक दवा से ठीक हो जाता है। 6 हफ्ते में दर्द ठीक न हो तो कमर में एक छोटे से चीरे से डिस्कके नस को दबाने वाले हिस्से को निकाल दिया जाता है। ध्यान रखें समय पर ऑपरेशन से पैरों में कमजोरी या पैरालिसिस नहीं होता। समय पर ऑपरेशन न होने से पैरों में कमजोरी एवं सूनापन आ सकता है।
कुर्सी पर बैठने पर आपके घुटने से टांगें 90 डिग्री के कोण पर हों एवं फोरआर्म कोहनी पर 90 डिग्री का कोण बनना चाहिए।

बरतें सावधानियां -
गलत मुद्रा में न बैठें/उठें। ऐसी कुर्सी पर बैठें जिसका बैक सपोर्ट एवं आर्म सपोर्ट अच्छा हो। कम्प्यूटर पर लगातार न बैठें।
बैड का गद्दा सख्त व अधिक नरम ना हो।
बिस्तर पर से एकदम से न उठें। पहले बैठें, फिर उठें।
झुककर व अत्यधिक वजन न उठाएं
वेस्टर्न कमोड का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है।



Agar Ho Jae Slip Disk,Bratein ye Savdhaaniyaan - अगर हो जाए स्लिप डिस्क, बरतें ये सावधानियां Agar Ho Jae Slip Disk,Bratein ye Savdhaaniyaan - अगर हो जाए स्लिप डिस्क, बरतें ये सावधानियां Reviewed by health on January 24, 2019 Rating: 5

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