
Jal chikitsa kar pet ke rog se chhutkara pae
नेचुरोपैथी में पेट के रोगों को दूर करने के लिए जल चिकित्सा की जाती है। इसमें नाभि के नीचे पेडू पर ठंडा और गर्म सेक दिया जाता है जिससे कब्ज, अपच, पाइल्स, अल्सर और खाना न पचने की समस्या दूर होती है।हम सब जानते हैं कि मनुष्य−शरीर तीन चौथाई भाग से अधिक जल से ही बना है। हमारे रक्त , माँस, मज्जा में जो आद्रता या नमी का अंश है वह पानी के कारण ही है।
मल, मूत्र, पसीना और तरह−तरह के रस, सब पानी के ही रूपान्तर होते हैं। यदि शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो तरह−तरह के रोग उठ खड़े होते हैं। जुकाम में पानी की भाप लेने से बहुत लाभ होता है। इसी प्रकार सिर दर्द और गठिया के दर्द में भी इस उपचार से निरोगता प्राप्त होती है, शरीर में जब फोड़े फुँसी अधिक निकलने लगते हैं और मल्हम आदि से कोई लाभ नहीं होता तो जलोपचार उनको चमत्कारी ढंग से ठीक कर देता है।
ऐसे करें :
नाभि के नीचे पेडू पर सेक देने के लिए हॉट वाटर बैग और आइस वाटर बैग का प्रयोग करें। गर्म सेक से शुरुआत कर हॉट वाटर बैग को पेडू पर 3 मिनट के लिए फिर 2 मिनट के लिए आइस वाटर बैग को रखें। अल्टरनेटिव तरीके से गर्म, ठंडा सेक करते हुए ठंडे पर खत्म करें। वाटर बैग न होने पर तौलिए का प्रयोग भी कर सकते हैं। ध्यान रहे कि सेक के लिए पानी ज्यादा गर्म न हो वर्ना त्वचा जल्द सकती है।
जल चिकित्सा कर पेट के रोग से छुटकारा पाए Jal chikitsa kar pet ke rog se chhutkara pae
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December 06, 2018
 
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