Sehat ko nuksan pahucha sakti hai ye panch cheejen
स्वस्थ रहने के लिए अक्सर हमें अपनी आदतें सुधारने के लिए कहा जाता है। लेकिन कई बार कुछ अच्छी आदतें भी हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं, क्योंकि इन अच्छी आदतों के वैज्ञानिक महत्व और नफा-नुकसान के बारे में हमें जानकारी नहीं होती। आइये जानते हैं एेसी ही कुछ आदतों के बारे में...
आदत: खाना खाने के बाद ब्रश करना या टूथ पिक से दांत साफ करना।
नुकसान: लोगों को लगता है कि इससे उनके दांत जम्र्स फ्री रहेेंगे, लेकिन बार-बार ब्रश करने से हमारे दांतों की सुरक्षा परत यानी इनेमल लेयर घिस जाती है और दांतों में सेंसिटीविटी की समस्या या ठंडा-गर्म लगने लगता है। टूथ पिक के इस्तेमाल से कई बार मसूड़ों में चोट लग जाती है, जिससे खून आने लगता है।
सही क्या: हर बार खाने के बाद अच्छी तरह कुल्ला करें और दिन में दो बार ब्रश करना ही काफी होता है।
सैनिटाइजर का प्रयोग
आदत: कहींं भी छुआ, कुछ भी खाया तो सैनिटाइजर से हाथ धोना, 3-4 बार साबुन लगाने के बाद संतुष्ट होना।
नुकसान: त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. हनीफ मोहम्मद का कहना है कि सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसान नाम का एक रसायन होता है जिसे हाथ की त्वचा तुरंत सोख लेती है। यह तत्व रक्तमें शामिल होकर कोशिका संचार को बाधित कर देता है। इसके लंबे समय तक इस्तेमाल से त्वचा में रूखापन और हृदय रोगों की संभावना भी बढ़ जाती है।
सही क्या: कोई भी साधारण साबुन से एक बार में अच्छी तरह धोने से ही हाथ साफ हो जाते हैं।
न बदलें कॉस्मेटिक
आदत: विज्ञापन देखकर कॉस्मेटिक बदल लेना।
नुकसान: विशेषज्ञ के मुताबिक मनुष्य के त्वचा का पीएच स्तर 5.5 होता है। विभिन्न कंपनियों के कॉस्मेटिक्स के पीएच मानक अलग-अलग होते हैं। ऐसे में जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें विभिन्न पीएच मानकों के उत्पादों का उपयोग नुकसानदायी साबित हो सकता है। इससे त्वचा लाल पड़ सकती है या इसमें जलन और चकते होने की आशंका रहती है।
सही क्या: किसी भी कॉस्मेटिक उत्पाद के प्रयोग से पहले मानकों को पढ़ लें।
बोतलबंद पानी में सेहत नहीं
आदत: साफ-सुथरा पानी पीने के नाम पर बोतल बंद पानी हमारे लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया है।
नुकसान: बोतलबंद पानी प्रोसेस्ड होता है जिसमें शरीर के लिए जरूरी खनिज तत्व नहीं होते। लंबे समय तक इसके प्रयोग से शरीर में मैगनीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम और सल्फेट जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इनकी कमी से मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियां हो सकती है।
सही क्या: पानी को उबाल कर प्रयोग करें, सादे पानी में क्लोरीन होती है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन को कम करती है।
कान व नाक खुरचते रहना
आदत: कान साफ करने के लिए ईयर बड, पेन और चाबी के नुकीले हिस्से का प्रयोग करना। नाक में पपड़ी जमने पर हमेशा अंगुली से खुरचते रहना।
नुकसान: ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर शुभकाम आर्य के अनुसार
इससे कान में चोट लग सकती है, कई बार कान का पर्दा भी फट सकता है। कान में बाह्य संक्रमण या फुंसी होने की भी आशंका रहती है। इसी तरह नाक की पपडिय़ों को खुरचते रहने से नकसीर की समस्या हो सकती है।
इससे कान में चोट लग सकती है, कई बार कान का पर्दा भी फट सकता है। कान में बाह्य संक्रमण या फुंसी होने की भी आशंका रहती है। इसी तरह नाक की पपडिय़ों को खुरचते रहने से नकसीर की समस्या हो सकती है।
सही क्या: कान शरीर का एक ऐसा अंग है जो खुद ही साफ हो जाता है। लेकिन अगर किसी अन्य तरह की कोई तकलीफ हो तो डॉक्टर से ही संपर्क करें। नाक में अगर खुश्की होकर पपड़ी जम रही है तो चिकनाई के लिए ग्लिसरीन या नारियल तेल लगा सकते हैं।
Sehat ko nuksan pahucha sakti hai ye panch cheejen
Reviewed by health
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November 20, 2018
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