Bachon ke Mastic Vikas: लोरी से न सिर्फ बच्चे अच्छी नींद ले पाते हैं बल्कि इससे उन्हें अपना दर्द कम करने और दिल की धड़कनों को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों ने स्टडी में पाया है कि एक हफ्ते से भी कम उम्र के बच्चों में भी लोरी के सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं। मां की लोरी सुनकर ऐसे शिशुओं के दर्द में भी कमी आई, जो हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल में भर्ती थे।
जानकाराें का कहना है कि मां लोरी के माध्यम से बच्चे पर अच्छे संस्कार के बीज रोप सकती है। लोरी सुनते हुए शिशु को आनंद की अनुभूति होती है। उसके भीतर एक तरह के आनंद रस का प्रवाह होता है। जिससे वह रोमांचित भी होता है। उसके भीतर ग्रहण शक्ति का विकास होता है।
बाल विकास पर कई किताबें लिख चुके लेखक गोड्डार्ड ब्लेथ कहते हैं कि दुनिया भर में कई ऐसी लोरियां है जिसका शाब्दिक अर्थ नहीं निकाला जा सकता।ज्यादातर लोरियों में स्नेह, करुणा और संरक्षण की बातें ही होती हैं। कई लोरियों में देश के इतिहास को दोहराया जाता है।
लोरी से होता है मस्तिष्क का विकास
मां की लोरी बच्चे को एक सुखद अहसास कराती है। लोरी बच्चे के मस्तिष्क के कई हिस्सों को एक साथ उत्तेजित करता है, जिसे मेडिकल की भाषा में 'म्यूजिकल लर्निंग' कहते हैं। जब बच्चा लोरी सुन रहा होता है तब उसका असर उसके दिमाग के दो हिस्सों पर होता है। एक हिस्सा वह है, जो ध्वनियां सुनता और उनका विश्लेषण करता है और दूसरा हिस्सा जिस पर संगीत का भावनात्मक असर होता है। इसलिए बच्चा जब भी अपनी मां की आवाज सुनता है, तो वह खुश हो जाता है।
Bachon ke Mastic Vikas, बच्चों के मस्तिष्क के विकास में मददगार होती है मां की लाेरी
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November 29, 2018
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