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Unborn baby does not have cerebral palsy, do it like this - गर्भस्थ शिशु काे ना हाे सेरेब्रल पैल्सी, इस तरह से करें बचाव

Unborn baby does not have cerebral palsy, do it like this

Unborn baby does not have cerebral palsy, do it like this        

Unborn baby does not have cerebral palsy, do it like this - भारत में सेरेब्रल पैल्सी (मस्तिष्क पक्षाघात) के 14 में से 13 मामले गर्भ में या जन्म के बाद पहले महीने के दौरान विकसित होते हैं। आमतौर पर सेरेब्रल पैल्सी को जन्मजात कहा गया है, ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी मां को गर्भधारण के साथ ही अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
विशेषज्ञाें के मुताबिक, वास्तव में गर्भावस्था के पहले दिन से लेकर अंत तक मां और बच्चा साथ बढ़ते हैं साथ सोते हैं और साथ खाते हैं। यह वह दौर है जब मां को कई तरह के तनाव और दर्द से गुजरना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान ऐसे कई लक्षण हैं जो विकसित हो रहे शिशु के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आगे चल कर मस्तिष्क पक्षाघात यानी सेरेब्रल पैल्सी का कारण बन सकते हैं।
थायरॉयड विकार, सीजर, चिकनपॉक्स, रूबेला, साइटोमेगालोवायरस जैसे संक्रमण या वायरस, मल्टीपल बर्थ, बांझपन के उपचार के लिए असिस्टिव रीप्रोडेक्टिव टेक्नोलॉजी जैसे कुछ प्रमुख कारण हैं जो बच्चों में सेरेब्रल पैल्सी का कारण बनते हैं।

कितने प्रकार की हाेती है सेरेब्रल पैल्सी
- इसका पहला प्रकार स्पास्टिक सेरेब्रल पैल्सी का है, जिसमें प्रमस्तिष्क पक्षाघात का सबसे आम रूप में देखा जाता है। सभी मामलों में से लगभग 70-80 फीसदी मामले इसी से प्रभावित होते हैं। सेरेब्रल पैल्सी मांसपेशियों के समूहों को प्रभावित करता है और विकार पैदा कर सकता है। स्पास्टिक सेरेब्रल की स्थिति में मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है, जो जन्म से पहले या जन्म के दौरान या बच्चे के जीवन के शुरूआती वर्षों में होती है। बच्चे के एक साल का होते-होते इसकी पहचान स्पष्ट हो जाती है क्योंकि लक्षण साफ तौर पर दिखने लगते हैं।
- दूसरा प्रकार है डिस्किनेटिक सेरेब्रल पैल्सी। इसमें में मस्तिष्क के उस हिस्से को नुकसान पहुंचता है, जिसे बेसल गैन्ग्लिया कहा जाता है। यह स्वैच्छिक गतिविधियों को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। मस्तिष्क के अन्य क्षेत्रों के साथ बेसल गैंग्लिया के कनेक्शन के चलते यह भावनाए मनोदशा और व्यवहार पर भी नियंत्रण करता है।

- इसका तीसरा प्रकार मिक्स्ड सेरेब्रल पैल्सी है। कई सेरेब्रल पैल्सी रोगियों में किसी एक तरह की सेरेब्रल पैल्सी के लक्षण नहीं होते हैं। इन रोगियों को मिक्सड सेरेब्रल पैल्सी से ग्रस्त माना जाता है। उनमें सामान्य से लेकर स्पास्टिक, एटेटोइड और अटैक्सिक सेरेब्रल पैल्सी के मिश्रित लक्षण दिखते हैं। मिक्सड सेरेब्रल पैल्सी, वास्तव में सेरेब्रल पैल्सी का एक प्रकार है जो तीन अन्य सेरेब्रल पैल्सी के लक्षण लिए होती है। सेरेब्रल पैल्सी वाले सभी रोगियों में लगभग दस फीसदी रोगी ऐसे होते हैं। इस प्रकार में सेरेब्रल पैल्सी के कम से कम दो रूपों का संयोजन है। मिक्सड सेरेब्रल पैल्सी मस्तिष्क को पहुंचे नुकसान के कारण होती है।
- इसके बाद अटैक्सिक सेरेब्रल पैल्सी का स्थान है। इससे पीडि़त बच्चे की गतिविधी में जकड़न या अस्थिरता होती है। ठीक से बैठ या चल नहीं पाता और झटके से महसूस होते हैं।

क्या हैं कारणगर्भावस्था के दौरान सेरेब्रल पैल्सी के लिए कई कारण हो सकते हैं। इनमें गर्भावस्था में चोट, हार्मोनल परिवर्तन, गर्भावस्था के दौरान संक्रमण, रक्त संबंधी रोग, बांझपन उपचार, जन्म के समय कम वजन, मस्तिष्क को चोट लगना, समय से पहले जन्म, ब्रेन डैमेज, जन्म में जटिलताएं शामिल हैं।

बरते ये सावधानियां
सेरेब्रल पैल्सी बचने के लिए गर्भवती महिला काे हाथ साफ रखना, प्रसव पूर्व नियमित देखभाल करना, डॉक्टर से नियमित चेकअप करवाना, खुद को फ्लू से बचाना, डॉक्टर के साथ ब्लड कम्पेटिबिलटी पर चर्चा करना, रूबेला से खुद को बचाना, जीवनशैली को नियंत्रित करना, समय पर टीकाकरण करवाना, मल्टीपल बर्थ के जोखिमों के बारे में जागरूक रहना शामिल हैं।



Unborn baby does not have cerebral palsy, do it like this - गर्भस्थ शिशु काे ना हाे सेरेब्रल पैल्सी, इस तरह से करें बचाव Unborn baby does not have cerebral palsy, do it like this - गर्भस्थ शिशु काे ना हाे सेरेब्रल पैल्सी, इस तरह से करें बचाव Reviewed by health on February 02, 2019 Rating: 5

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