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Dhoop Mein Malish Karne Se Haddiyan Hongi Majboot |
Dhoop Mein Malish Karne Se Haddiyan Hongi Majboot - मालिश का आयुर्वेद में विशेष महत्व है। इसे आयुर्वेद में अभ्यंग कहते हैं। अभ्यंग स्वस्थ एवं रोग, दोनों ही अवस्थाओं में उपयोगी माना गया है।
आयुर्वेद में स्नान से पहले नियमित रूप से मालिश की सलाह दी जाती है। इसके लिए ऋतु एवं रोग के अनुसार सरसों, नारियल, बादाम व जैतून तेल आदि का प्रयोग किया जाता है। सर्दियों में सरसों व नारियल तेल से मालिश करने पर रक्तसंचार में सुधार, हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत होती हैं। धूप में बैठकर मालिश करने से विटामिन डी मिलता है, जिससे हड्डियां मजबूत व लचीली होती हैं।
मालिश के फौरन बाद न नहाकर 10 मिनट बाद स्नान करें।
मालिश के फौरन बाद न नहाकर 10 मिनट बाद स्नान करें।
सिरोभ्यंग व पांदाभ्यंग -
सिरोभ्यंग (सिर की मालिश) : इससे तनाव दूर होता है। सिर कंधों और गर्दन के दर्द में राहत और नींद अच्छी आती है। पांदाभ्यंग (पैरों की मालिश): इससे आंखों की ज्योति बढ़ती है और पैरों में मजबूत आती है। अनिद्रा, माइग्रेन, गठिया, तनाव आदि रोगों में चंदन, महाविषगर्भ और महानारायण तेल से मालिश कर सकते हैं।
सिरोभ्यंग (सिर की मालिश) : इससे तनाव दूर होता है। सिर कंधों और गर्दन के दर्द में राहत और नींद अच्छी आती है। पांदाभ्यंग (पैरों की मालिश): इससे आंखों की ज्योति बढ़ती है और पैरों में मजबूत आती है। अनिद्रा, माइग्रेन, गठिया, तनाव आदि रोगों में चंदन, महाविषगर्भ और महानारायण तेल से मालिश कर सकते हैं।
Dhoop Mein Malish Karne Se Haddiyan Hongi Majboot - धूप में मालिश करने से हड्डियां होंगी मजबूत
Reviewed by health
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February 02, 2019
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