Janiye Jod Replacement Ke Bare Mein |
Janiye Jod Replacement Ke Bare Mein - फिलहाल भारत में सबसे ज्यादा हिप और नी (घुटने) के रिप्लेसमेंट हो रहे हैं। जोड़ों को मुलायम रबड़ जैसा कार्टिलेज कवर करता है। जो उम्र के साथ घिस जाता है। जोड़ों को लचकदार बनाने और उनमें सामंजस्य रखने के लिए उनमें लिसलिसा पदार्थ होता है। यह हड्डियों के लिए इंजन ऑयल का काम करता है। अगर यह कम हो जाए तो हड्डियां आपस में रगड़ खाती हैं तो जोड़ कमजोर हो जाते हैं और दर्द होने लगता है। इसलिए रिप्लेसमेंट सर्जरी करानी पड़ सकती है। पहले जहां 60-70 साल की उम्र में बुजुर्गों को जोड़ों का इलाज और उन्हें बदलवाने की जरूरत होती थी, वहीं अब 40 की उम्र में भी कई लोगों को कूल्हे और घुटने की सर्जरी करानी पड़ रही है। जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ के मुताबिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ने काफी तरक्की की है लेकिन बदले गए जोड़ों की भी एक उम्र होती है। मरीज के हिसाब से भी ये अलग-अलग समय तक चल पाते हैं।
मैटल के जोड़ -
मैटल से बने जोड़ों में कोबाल्ट, क्रोमियम, निकल, हाइडेंटिस्टी प्लास्टिक, टाइटेनियम और सिरेमिक प्रमुख हैं।
मैटल से बने जोड़ों में कोबाल्ट, क्रोमियम, निकल, हाइडेंटिस्टी प्लास्टिक, टाइटेनियम और सिरेमिक प्रमुख हैं।
हिप रिप्लेसमेंट -
ये 15 से 25 साल तक चल जाता है।
हिप रिप्लेसमेंट सबसे ज्यादा 60 या इससे ज्यादा उम्र में होता है। कम उम्र के लोगों को सिरेमिक का जॉइंट लगाया जाता है जो 20-25 साल और बुजुर्गों को मैटल का लगाया जाता है जो 15 साल तक चल जाता है। सिरेमिक का जॉइंट मैटल से महंगा होता है।
ये 15 से 25 साल तक चल जाता है।
हिप रिप्लेसमेंट सबसे ज्यादा 60 या इससे ज्यादा उम्र में होता है। कम उम्र के लोगों को सिरेमिक का जॉइंट लगाया जाता है जो 20-25 साल और बुजुर्गों को मैटल का लगाया जाता है जो 15 साल तक चल जाता है। सिरेमिक का जॉइंट मैटल से महंगा होता है।
घुटना -
ये रिप्लेसमेंट 10से 15 साल तक चल जाता है।
यह सबसे ज्यादा लगाया जाने वाला कृत्रिम जोड़ है जो 10 से 15 तक चल सकता है। इसकी सक्सेस रेट भी सबसे ज्यादा है। इस सर्जरी में कई नई तकनीकें आ चुकी हैं जो इस सर्जरी को पूरी तरह सफल बना रही हैं। किसी भी तरह के जॉइंट रिप्लेसमेंट में मरीज को दूसरे दिन ही चलने फिरने के लिए कहा दिया जाता है। पूरी तरह रिकवरी में छह हफ्ते लग जाते हैं। फिलहाल भारत में सबसे ज्यादा हिप और नी(घुटने) रिप्लेसमेंट हो रहे हैं।
यह सबसे ज्यादा लगाया जाने वाला कृत्रिम जोड़ है जो 10 से 15 तक चल सकता है। इसकी सक्सेस रेट भी सबसे ज्यादा है। इस सर्जरी में कई नई तकनीकें आ चुकी हैं जो इस सर्जरी को पूरी तरह सफल बना रही हैं। किसी भी तरह के जॉइंट रिप्लेसमेंट में मरीज को दूसरे दिन ही चलने फिरने के लिए कहा दिया जाता है। पूरी तरह रिकवरी में छह हफ्ते लग जाते हैं। फिलहाल भारत में सबसे ज्यादा हिप और नी(घुटने) रिप्लेसमेंट हो रहे हैं।
कंधे -
ये रिप्लेसमेंट 15 साल तक चल जाता है।
कंधे के जोड़ खराब होने पर प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है। कंधे के जोड़ में सॉकेट और बॉल होती है। यदि सॉकेट सही है तो सिर्फ नष्ट हुई बॉल ही बदली जाती है। इससे 15 साल तक मरीज को दिक्कत नहीं होती है।
कोहनी -
8 से 10 साल तक चल जाते हैं।
यह रिप्लेसमेंट ज्यादातर गठिया के मरीजों में होता है। चोट से एल्बो क्षतिग्रस्त होने पर भी रिप्ले समेंट सर्जरी
यह रिप्लेसमेंट ज्यादातर गठिया के मरीजों में होता है। चोट से एल्बो क्षतिग्रस्त होने पर भी रिप्ले समेंट सर्जरी
होती है। जटिलताओं से यह सर्जरी भी कम की जाती है। कोहनी का रिप्लेसमेंट 8-10 साल तक चल सकता है।
कलाई -
ये रिप्लेसमेंट 5 से 10 साल तक चल जाता है।
जॉइंट अधिक पेचीदा होने से कलाई रिप्लेसमेंट सर्जरी कम ही होती है। हड्डी पर प्लेट लगाकर भी ज्वॉइंट ठीक करते हैं जिसे ऑर्थोडिसिस कहते हैं। इससे मरीज को दर्द में राहत मिल जाती है लेकिन भारी काम नहीं किया जा सकता।
जॉइंट अधिक पेचीदा होने से कलाई रिप्लेसमेंट सर्जरी कम ही होती है। हड्डी पर प्लेट लगाकर भी ज्वॉइंट ठीक करते हैं जिसे ऑर्थोडिसिस कहते हैं। इससे मरीज को दर्द में राहत मिल जाती है लेकिन भारी काम नहीं किया जा सकता।
एड़ी व टखना -
ये रिप्लेसमेंट 5 साल तक चल जाता है।
कुछ साल पहले तक कृत्रिम टखने समय से पहले ही काम करना बंद कर देते थे। लेकिन नई डिवाइस ने अब इसे सफल बनाया है। इसके बावजूद एंकल जॉइंट रिप्लेसमेंट कम हो रहे हैं। इसकी वजह एंकल के नीचे 3-4 और जॉइंट होना है जिसकी वजह से मरीज चल फिर लेता है। फिलहाल इसकी सक्सेस रेट 5 साल है।
कुछ साल पहले तक कृत्रिम टखने समय से पहले ही काम करना बंद कर देते थे। लेकिन नई डिवाइस ने अब इसे सफल बनाया है। इसके बावजूद एंकल जॉइंट रिप्लेसमेंट कम हो रहे हैं। इसकी वजह एंकल के नीचे 3-4 और जॉइंट होना है जिसकी वजह से मरीज चल फिर लेता है। फिलहाल इसकी सक्सेस रेट 5 साल है।
Janiye Jod Replacement Ke Bare Mein - जानिए जोड़ रिप्लेसमेंट के बारे में
Reviewed by health
on
January 11, 2019
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