Janiye Kaise Failta Hai Eaye Flu |
Janiye Kaise Failta Hai Eaye Flu - संक्रमण और आंखों में ड्राइनेस की वजह से आंखों में कंजक्टिवाइटिस का डर रहता है। आई फ्लू पीड़ित की आंखों में देखने से नहीं संक्रमित हाथों से आंख को छूने से फैलता है। आइये जानते हैं आई फ्लू से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में...
एलर्जी कंजक्टिवाइटिस -
धूल व धूएं, फूलों के परागकण, कार्बन के कण और कई बार कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से यह रोग होता है।
धूल व धूएं, फूलों के परागकण, कार्बन के कण और कई बार कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से यह रोग होता है।
लक्षण : आंखों में लालिमा, खुजली, जलन, भारीपन और पलकों में सूजन होने लगती है।
इलाज : सामान्य एलर्जी है तो लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप और एंटी एलर्जिक (सॉफ्ट स्टेरॉइड) आई ड्रॉप डालने से 2-3 दिन और गंभीर है तो एक हफ्ते में आराम मिल पाता है।
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस -
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस को बैक्टीरियल आई फ्लू भी कहा जाता है जो कि पहली बरसात के समय स्टेफायलोकोकस, न्यूमोकोकस, हीमोफिलस इन्फ्लूएन्जा आदि जीवाणुओं के संक्रमण से होता है।
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस को बैक्टीरियल आई फ्लू भी कहा जाता है जो कि पहली बरसात के समय स्टेफायलोकोकस, न्यूमोकोकस, हीमोफिलस इन्फ्लूएन्जा आदि जीवाणुओं के संक्रमण से होता है।
लक्षण : आंखों में लालिमा, दर्द, सूजन, चिपचिपापन और आंखों से पानी आने लगता है।
इलाज : विशेषज्ञ की सलाह से एंटीबायोटिक, लुब्रिकेट आई ड्रॉप डालने से सामान्य आई फ्लू 3-4 दिन व गंभीर इंफेक्शन हो तो ठीक होने में एक हफ्ता लग जाता है।
कैमिकल कंजक्टिवाइटिस -
स्वीमिंग पूल के पानी में क्लोरीन की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में स्वीमिंग पूल में नहाने वालों में इस प्रकार का संक्रमण फैलने की आशंका हो सकती है।
स्वीमिंग पूल के पानी में क्लोरीन की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में स्वीमिंग पूल में नहाने वालों में इस प्रकार का संक्रमण फैलने की आशंका हो सकती है।
लक्षण : संक्रमित व्यक्ति की आंखों में तेज जलन, खुजली, लालिमा या किरकिरापन लगे तो ये कैमिकल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण हो सकते हैं।
इलाज : लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप और एंटीबायोटिक आई ड्रॉप से आराम मिलता है। यह रोग 2-3 दिन में ठीक हो जाता है।
वायरल कंजक्टिवाइटिस -
बरसात के पानी में फैलने वाले एडीनोवायरस (टाइप 8 व 19) के कारण यह समस्या होती है।
बरसात के पानी में फैलने वाले एडीनोवायरस (टाइप 8 व 19) के कारण यह समस्या होती है।
लक्षण : इस रोग में कभी-कभी कानों के पास कनपटी पर सूजन भी हो सकती है और कॉर्निया में सूक्ष्म जख्म होने के कारण दिखना भी कम हो जाता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की आंखों में लालिमा और उसे धुंधला दिखाई देने लगता है। अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर ना कराया जाए तो आंखों की रोशनी में हमेशा के लिए धुंधलापन आ सकता है।
इलाज : लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप डालने से सामान्य कंजक्टिवाइटिस ठीक होने में एक हफ्ता और सीवियर कंजक्टिवाइटिस होने पर 2-3 हफ्ते भी लग जाते हैं।
इनका ध्यान रखें -
आंखों में सूखापन महसूस हो तो इन्हें बार-बार मसले नहीं बल्कि तीन-चार बार ठंडे पानी से धोएं।
हमेशा साफ कपड़े से ही आंखों को पोछें और अपना तौलिया व रुमाल किसी से शेयर ना करें।
गंदे हाथों से आंखों को छूने पर संक्रमण फैलता है इसलिए हाथों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।
मानसून के दिनों में आई मेकअप से परहेज करें क्योंकि धूल व अन्य प्रकार का प्रदूषण मेकअप से भी आंखों को नुकसान पहुंचता है। चश्में का प्रयोग करें।
आंखों में सूखापन महसूस हो तो इन्हें बार-बार मसले नहीं बल्कि तीन-चार बार ठंडे पानी से धोएं।
हमेशा साफ कपड़े से ही आंखों को पोछें और अपना तौलिया व रुमाल किसी से शेयर ना करें।
गंदे हाथों से आंखों को छूने पर संक्रमण फैलता है इसलिए हाथों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।
मानसून के दिनों में आई मेकअप से परहेज करें क्योंकि धूल व अन्य प्रकार का प्रदूषण मेकअप से भी आंखों को नुकसान पहुंचता है। चश्में का प्रयोग करें।
Janiye Kaise Failta Hai Eaye Flu- जानिए कैसे फैलता है आई फ्लू
Reviewed by health
on
January 11, 2019
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