Santulit Diet se body rahe fully happy
क्या आप जानते हैं कि हर सात साल में इंसान को एक नया शरीर मिल जाता है और इसकी पूरी जिम्मेदारी कोशिकाएं उठाती हैं। शरीर की हर कोशिका हमारी अच्छी या खराब जीवनशैली और आदतों से प्रभावित होती है। कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि हम पोषक और संतुलित आहार लें।
हैल्दी और पूरी तरह से फिट रखने का फॉर्मूला है अपने शरीर के बारे में जानना और इसे बनाने वाली कोशिकाओं के बारे में पूरी तरह अपडेट रहना। हमारी कोशिकाएं हर सात साल में एक नए शरीर का निर्माण करती हैं यानी खुश कोशिकाएं =स्वस्थ शरीर =अच्छा जीवन।
आप लें ऐसी डाइट -
बच्चे: डाइटीशिन के मुताबिक बढ़ते बच्चों के भोजन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होनी चाहिए क्योंकि इस दौरान उनकी हड्डियों का विकास होता है।
महिलाएं: 13 से 14 साल की बच्चियों के पीरियड शुरू होने से पहले उन्हें आयरन युक्त डाइट देनी चाहिए। 40 साल की महिलाओं में घुटनों के दर्द की समस्याएं ज्यादा होती हैं, इसलिए उन्हें अखरोट, अलसी के बीज और प्रोटीन युक्त चीजें जैसे दूध, पनीर अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
बुजुर्ग: इन्हें संतुलित आहार लेना चाहिए और ओवर ईटिंग नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस उम्र में हमारा शारीरिक तंत्र काफी स्लो हो जाता है और उसे पचाने जैसी क्रियाओं में काफी समय लगता है।
पुरुष: जिम जाने वाले पुरुषों को अपनी डाइट में प्रोटीन लेना चाहिए और पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहना चाहिए वर्ना स्ट्रोक का खतरा रहता है।
सुबह जल्दी उठकर भी हम कोशिकाओं को आराम दे सकते हैं। सूर्योदय से पहले या इस समय उठना हमें ऊर्जावान बनाता है।
शाम 8 बजे के बाद का समय खाने का नहीं होता है। अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए जल्दी खाने की आदत डालें।
सुबह लें संतुलित आहार -
सुबह के समय केवल उन्हीं चीजों को खाएं जो शरीर की सफाई में मदद करें। इसके लिए फल से बेहतर कुछ नहीं क्योंकि इनमें 80 से 90 फीसदी तक पानी होता है। ब्रेकफास्ट मस्तिष्क और हृदय दोनों को फिट रखने में अहम भूमिका निभाता है। एकाग्रचित होकर दिन भर अच्छा काम करना चाहते हैं तो किसी भी हाल में ब्रेकफास्ट करना न भूलें। सुबह फ्रेश होने के बाद गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पीएं और लगभग 8 बजे तक ब्रेकफास्ट कर लें। नाश्ते में पसंद के अनुसार लेकिन पौष्टिक चीजें जरूर लें। सुबह अगर आप कुछ न बना पाएं तो भी एक गिलास दूध और ताजा फल जरूर लें।
सुबह के समय केवल उन्हीं चीजों को खाएं जो शरीर की सफाई में मदद करें। इसके लिए फल से बेहतर कुछ नहीं क्योंकि इनमें 80 से 90 फीसदी तक पानी होता है। ब्रेकफास्ट मस्तिष्क और हृदय दोनों को फिट रखने में अहम भूमिका निभाता है। एकाग्रचित होकर दिन भर अच्छा काम करना चाहते हैं तो किसी भी हाल में ब्रेकफास्ट करना न भूलें। सुबह फ्रेश होने के बाद गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पीएं और लगभग 8 बजे तक ब्रेकफास्ट कर लें। नाश्ते में पसंद के अनुसार लेकिन पौष्टिक चीजें जरूर लें। सुबह अगर आप कुछ न बना पाएं तो भी एक गिलास दूध और ताजा फल जरूर लें।
अपने शरीर का भी गणित जानें
दोपहर 12 से रात के 8 बजे
पाचन : यह खाना पचाने का समय है और इस समय शरीर पूरी क्षमता के साथ खाने को इसके पोषक तत्वों में तोड़कर पचाता है।
रात 8 बजे से सुबह के 4 बजे -
अवशोषण का समय : यह वह समय है जबकि शरीर खुद को बनाने और मरम्मत करने का कार्य करता है। दिनभर में यह जितने भी पोषक तत्व एकत्रित करता है, इस समय उनका उपयोग नई कोशिकाएं और ऊतक बनाने में करता है। यह सोने या आराम करने का समय होता है। 8 बजे के बाद का समय खाने का नहीं होता है क्योंकि शरीर के पास खाने को पचाने के लिए समय नहीं होता और वह उस समय दूसरे जरूरी कामों को करने में व्यस्त होता है।
अवशोषण का समय : यह वह समय है जबकि शरीर खुद को बनाने और मरम्मत करने का कार्य करता है। दिनभर में यह जितने भी पोषक तत्व एकत्रित करता है, इस समय उनका उपयोग नई कोशिकाएं और ऊतक बनाने में करता है। यह सोने या आराम करने का समय होता है। 8 बजे के बाद का समय खाने का नहीं होता है क्योंकि शरीर के पास खाने को पचाने के लिए समय नहीं होता और वह उस समय दूसरे जरूरी कामों को करने में व्यस्त होता है।
सुबह 4 से दोपहर 12 बजे -
यह वह समय है जबकि आपका शरीर अपने सभी जमा कचरे, बेकार उत्पादों और अवशेषों को बाहर निकालने के लिए तैयार रहता है। इस बीच वे सभी चीजें बाहर निकाल दी जाती हैं जिनका उपयोग शरीर नहीं कर पाता है। हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिसमें एक्टिविटी होना जरूरी है। इसलिए अपने जीवन में व्यायाम को भी नियमित रूप से शामिल करें।
यह वह समय है जबकि आपका शरीर अपने सभी जमा कचरे, बेकार उत्पादों और अवशेषों को बाहर निकालने के लिए तैयार रहता है। इस बीच वे सभी चीजें बाहर निकाल दी जाती हैं जिनका उपयोग शरीर नहीं कर पाता है। हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिसमें एक्टिविटी होना जरूरी है। इसलिए अपने जीवन में व्यायाम को भी नियमित रूप से शामिल करें।
अन्य बीमारियां -
एन्थ्रैक्स : मवेशियों, ब्रूसेलोसिस सूअर, कैट स्क्रैच फीवर : बिल्ली, लेप्टोस्पाइरोसिस : मवेशी और वन्यजीव, माइकोबैक्टीरियम इंफेक्शियस : मछली पिट्टाकोसिस : पक्षियों से होती है।
ऐसे करें बचाव -
भोजन के लिए जानवरों को पालने व मारने पर नियंत्रण हो। दुनिया के किसी भी हिस्से में नए किस्म के संक्रामक फैलाव की जड़ तक पड़ताल कर जानवर का तुरंत इलाज हो। घर में पालतू जानवर होने पर जरूरी दवाइयां या टीके खुद भी और उसे भी लगवाएं।
भोजन के लिए जानवरों को पालने व मारने पर नियंत्रण हो। दुनिया के किसी भी हिस्से में नए किस्म के संक्रामक फैलाव की जड़ तक पड़ताल कर जानवर का तुरंत इलाज हो। घर में पालतू जानवर होने पर जरूरी दवाइयां या टीके खुद भी और उसे भी लगवाएं।
संतुलित डाइट से बॉडी रहे फुली हैप्पी Santulit Diet se body rahe fully happy
Reviewed by health
on
December 07, 2018
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