हार्मोन की गड़बड़ी से महिलाएं दिखती हैं पुरुषों जैसी Hormone ki gadbadi se mahilaen dikhti hain purushon jaisi
Hormone ki gadbadi se mahilaen dikhti hain purushon jaisi
अनियमित माहवारी, निसंतानता, पुरुषों की तरह शरीर व चेहरे पर बाल की समस्या से परेशान हैं, तो हो सकता है कि आपको पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस हो। यह 12 साल की किशोरियों से लेकर 45 साल तक की महिलाओं में होता है। जिसका शिकार हर 5 में से 1 महिला होती है।
क्या है पीसीओएस -
स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में हार्मोन के असंतुलन से अंडाणु सिस्ट या गांठ में तब्दील हो जाते हैं। ये गांठें धीरे-धीरे एकत्र होती रहती हैं और इनका आकार भी बढ़ता रहता है। इस वजह से महिलाएं गर्भ धारण नहीं कर पातींं।
एंड्रोजन की अधिकता -
महिलाओं का शरीर मेल हार्मोन एंड्रोजन भी बनाता है लेकिन इस समस्या में ओवरी जरूरत से ज्यादा एंड्रोजन बनाने लग जाती है। जिससे बॉडी एग नहीं बना पाती और हार्मोंस का असंतुलन होने पर पुरुषों जैसे लक्षण, माहवारी में अनियमितता और निसंतानता की समस्या हो जाती है।
इन्हें है खतरा -
परिवार की किसी महिला सदस्य को यह रोग होने पर महिलाओं या लड़कियों को यह समस्या हो सकती है। उचित समय पर इलाज न मिलने पर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और मेटाबॉलिक सिंड्रोम संबंधी रोग हो सकते हैं।
मोटापा है अहम कारण -
इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में मौजूद शुगर, स्टार्च और बाकी खाने को ऊर्जा में बदलता है। इस बीमारी में शरीर इंसुलिन का ठीक से प्रयोग नहीं कर पाता व महिला का वजन बढऩे लगता है और महिलाएं पीसीओएस से ग्रसित होने लगती हैं। इस बीमारी के लक्षण पहचानकर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लिया जाए तो इससे समय रहते आसानी से बचा जा सकता है।
इलाज -
वजन कम करें, वसायुक्त चीजें कम खाएं और लुक को लेकर तनाव में न आएं। स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर उन्हें पीरियड व लक्षणों के बारे में खुलकर बताएं। डॉक्टर इसके लिए सोनोग्राफी, हार्मोन लेवल और शुगर की जांच करवाते हैं। जरूरत पडऩे पर विशेष प्रकार की दवाएं भी दी जाती हैं और यह इलाज 6 महीने से लेकर एक साल तक चलता है।
हार्मोन की गड़बड़ी से महिलाएं दिखती हैं पुरुषों जैसी Hormone ki gadbadi se mahilaen dikhti hain purushon jaisi
Reviewed by health
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December 06, 2018
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