क्या अपनी सेहत को लेकर खतरे की घंटी सुन पाते हैं आप ?/Kia apani sehat ko lekar khatare ki ghanti sun paate hai aap ?

Kia apani sehat ko lekar khatare ki ghanti sun paate hai aap ?
किसी भी बीमारी के आने से पहले शरीर कई तरह के संकेत देता है। क्या आप उन पूर्व सूचनाओं को पहचान पाते हैं? इन सवालों के जवाब देकर खुद ही परख लीजिए ?
1. आपको अपने शरीर के बारे में मूलभूत जानकारी नहीं है और है भी तो बहुत शंकाओं वाली ?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
2. सेहत, ज्ञान व शरीर को लेकर आप आलसी हैं?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
3. आपको याद नहीं कि आखिरी बार आपने शारीरिक जांचें कब करवाई थीं ?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
4. लंबे समय से आपको शरीर में हो रही समस्याओं की जानकारी है, लेकिन आप कुछ करते नहीं ?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
5. आपके लिए छोटे शारीरिक लक्षण ज्यादा मायने नहीं रखते और आप उन्हें टालते रहते हैं?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
6. आप डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह तो लेते हैं, लेकिन अंत में अपने ही मन की करते हैं?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
7. आप रोग या लक्षणों की रोकथाम तब तक नहीं करते जब तक कि वे बड़ी परेशानी ना बन जाएं?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
8. आप दूसरे लोगों को सुना-सुनाया सेहत का ज्ञान बांटने में आगे रहते हैं, भले ही उसे लेकर आपको संदेह क्यों ना हो?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
9. आपको लगता है कि सेहत के बारे में सुनने के लिए ज्यादा सजग, समझदार और संवेदनशील होना पड़ेगा?
अ: सहमत
अ: सहमत
ब: असहमत
स्कोर और एनालिसिस -
आप वाकई 'सुनने में अक्षम' हैं: अगर आप छह या उससे ज्यादा विचारों से सहमत हैं, तो ऐसा लगता है कि जो कुछ आपका शरीर आपसे कह रहा है, उसे आप नहीं सुन पा रहे हैं या कुछ मामलों में सुनकर नजरअंदाज कर रहे हैं। सुधार लाने के लिए आपको अपनी इसी टालने वाली आदत को छोड़ना होगा, क्योंकि सेहत को लेकर सजग व संवेदनशील बनने में ही समझदारी है।
आप वाकई 'सुनने में अक्षम' हैं: अगर आप छह या उससे ज्यादा विचारों से सहमत हैं, तो ऐसा लगता है कि जो कुछ आपका शरीर आपसे कह रहा है, उसे आप नहीं सुन पा रहे हैं या कुछ मामलों में सुनकर नजरअंदाज कर रहे हैं। सुधार लाने के लिए आपको अपनी इसी टालने वाली आदत को छोड़ना होगा, क्योंकि सेहत को लेकर सजग व संवेदनशील बनने में ही समझदारी है।
आप 'सुनते भी हैं और मानते भी हैं: यदि आप छह या उससेे ज्यादा बातों से असहमत हैं,तो अच्छी बात यह है कि आपके अंदर सेहत को लेकर सकारात्मकता है। आप अपनी आदतों पर अनुशासन बनाए रखने में इसीलिए सक्षम हैं क्योंकि आप सेहत की सुनते हैं और इसीलिए सेहत भी आपके साथ संवाद बनाए रखती है। अपनी इस आदत को बनाए रखें।
क्या अपनी सेहत को लेकर खतरे की घंटी सुन पाते हैं आप ?/Kia apani sehat ko lekar khatare ki ghanti sun paate hai aap ?
Reviewed by health
on
December 20, 2018
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