जन्म से बुढ़ापे तक अच्छी सेहत के लिए जरूरी है ये काम/Janm se budhaape tak achchi sehat ke lie zaroori hai ye kaam

Janm se budhaape tak achchi sehat ke lie zaroori hai ye kaam
अक्सर हम शरीर से जुड़ी जांचें तब करवाते हैं जब बीमार पड़ते हैं। लेकिन अगर बिना बीमार पड़े ही हम नियमित रूप से जांच करवाते रहें तो स्वस्थ रहने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
टेस्ट कराने से पहले -
टेस्ट व उससे जुड़े बीमारी संबंधी सवाल एक पेपर पर लिख लें।
अपने साथ सभी पुराने टेस्ट की रिपोर्ट लेकर जाएं।
किसी बीमारी का इलाज चल रहा हो तो अपना प्रिस्क्रिप्शन लेकर जाएं। चेकअप से एक दिन पहले कोई भी दवा लेने से बचें। हां, इस बारे में अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
जिन टेस्ट के लिए खाली पेट जाना होता है, उनके लिए कम से कम 12 घंटे की फास्टिंग जरूर रखें यानी रात में डिनर के बाद कुछ भी नहीं खाएं। सुबह चाय भी न पीएं, हां पानी पी सकते हैं।
टेस्ट में अगर कोई भी चीज असामान्य लगती है तो नजरअंदाज ना करें। फौरन संबंधित डॉक्टर से इस बारे में पता करें।
टेस्ट व उससे जुड़े बीमारी संबंधी सवाल एक पेपर पर लिख लें।
अपने साथ सभी पुराने टेस्ट की रिपोर्ट लेकर जाएं।
किसी बीमारी का इलाज चल रहा हो तो अपना प्रिस्क्रिप्शन लेकर जाएं। चेकअप से एक दिन पहले कोई भी दवा लेने से बचें। हां, इस बारे में अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
जिन टेस्ट के लिए खाली पेट जाना होता है, उनके लिए कम से कम 12 घंटे की फास्टिंग जरूर रखें यानी रात में डिनर के बाद कुछ भी नहीं खाएं। सुबह चाय भी न पीएं, हां पानी पी सकते हैं।
टेस्ट में अगर कोई भी चीज असामान्य लगती है तो नजरअंदाज ना करें। फौरन संबंधित डॉक्टर से इस बारे में पता करें।
शिशु के जन्म के समय -
नवजात बच्चे के टेस्ट: थायरॉइड टेस्ट शारीरिक व मानसिक विकास के लिए और ब्लड टेस्ट हीमोफीलिया या थैलीसीमिया के लिए होता है।
दो साल की उम्र : स्टूल टेस्ट, पेट में कीड़ों की जांच के लिए।
4-5 साल की उम्र : रेगुलर चेकअप जिसमें हाइट, वजन, पेट, कान, आंखों व दांतों आदि की जांच होती है। स्कूल में बच्चों की सामान्य जांच कराई जाती हैं।
नवजात बच्चे के टेस्ट: थायरॉइड टेस्ट शारीरिक व मानसिक विकास के लिए और ब्लड टेस्ट हीमोफीलिया या थैलीसीमिया के लिए होता है।
दो साल की उम्र : स्टूल टेस्ट, पेट में कीड़ों की जांच के लिए।
4-5 साल की उम्र : रेगुलर चेकअप जिसमें हाइट, वजन, पेट, कान, आंखों व दांतों आदि की जांच होती है। स्कूल में बच्चों की सामान्य जांच कराई जाती हैं।
10 साल की उम्र से जवानी तक -
टेस्ट : आंखों व दांतों का चेकअप: हीमोग्राम (कंप्लीट ब्लड काउंट) व ग्रोथ हॉर्मोन के लिए। अगर बच्चा मोटा हो तो थायरॉइड टेस्ट करवाएं। यदि ब्लड प्रेशर, हृदय रोग या डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री हो या बच्चे का वजन बहुत ज्यादा हो तो बीपी, ब्लड शुगर, लिपिड प्रोफाइल कराएं।
टेस्ट : आंखों व दांतों का चेकअप: हीमोग्राम (कंप्लीट ब्लड काउंट) व ग्रोथ हॉर्मोन के लिए। अगर बच्चा मोटा हो तो थायरॉइड टेस्ट करवाएं। यदि ब्लड प्रेशर, हृदय रोग या डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री हो या बच्चे का वजन बहुत ज्यादा हो तो बीपी, ब्लड शुगर, लिपिड प्रोफाइल कराएं।
20 की उम्र के बाद : आपके स्वास्थ्य और फैमिली हिस्ट्री पॉजिटिव होने के आधार पर ये टेस्ट कराते रहने चाहिए।
ब्लड प्रेशर : इसे कभी भी अचानक से सुबह, दोपहर या शाम को दो-तीन महीने के अंतराल में चेक करा लेना चाहिए।
ब्लड शुगर : 5-6 महीने के गैप में चेक करा लें।
मोटापा : अगर आपके घर में मोटापे या हृदय रोग की फैमिली हिस्ट्री हो और आपका वजन बढ़ रहा हो तो डॉक्टरी सलाह से जरूरी टेस्ट कराएं।
ब्रेस्ट कैंसर : फैमिली हिस्ट्री होने पर 18 साल के बाद महिला को किसी सर्जन से ब्रेस्ट जांच की ट्रेनिंग लेनी चाहिए और ध्यान देना चाहिए कि कहीं किसी तरह की कोई ग्रोथ तो नहीं।
ब्लड प्रेशर : इसे कभी भी अचानक से सुबह, दोपहर या शाम को दो-तीन महीने के अंतराल में चेक करा लेना चाहिए।
ब्लड शुगर : 5-6 महीने के गैप में चेक करा लें।
मोटापा : अगर आपके घर में मोटापे या हृदय रोग की फैमिली हिस्ट्री हो और आपका वजन बढ़ रहा हो तो डॉक्टरी सलाह से जरूरी टेस्ट कराएं।
ब्रेस्ट कैंसर : फैमिली हिस्ट्री होने पर 18 साल के बाद महिला को किसी सर्जन से ब्रेस्ट जांच की ट्रेनिंग लेनी चाहिए और ध्यान देना चाहिए कि कहीं किसी तरह की कोई ग्रोथ तो नहीं।
50 साल के बाद -
50 साल से ज्यादा होने पर ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल, किडनी, लिवर व थायरॉइड फंक्शन टेस्ट, सोनोग्राफी, चेस्ट, एक्सरे के अलावा डिप्रेशन स्क्रीनिंग, ऑस्टियोपोरोसिस के लिए डेक्सास्कैन और डिमेंशिया व अलजाइमर्स के लिए टेस्ट कराने चाहिए। पुरुषों को 50 साल के बाद प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट करवाना चाहिए ताकि प्रोस्टेट कैंसर का पता चल सके।
50 साल से ज्यादा होने पर ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल, किडनी, लिवर व थायरॉइड फंक्शन टेस्ट, सोनोग्राफी, चेस्ट, एक्सरे के अलावा डिप्रेशन स्क्रीनिंग, ऑस्टियोपोरोसिस के लिए डेक्सास्कैन और डिमेंशिया व अलजाइमर्स के लिए टेस्ट कराने चाहिए। पुरुषों को 50 साल के बाद प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट करवाना चाहिए ताकि प्रोस्टेट कैंसर का पता चल सके।
जन्म से बुढ़ापे तक अच्छी सेहत के लिए जरूरी है ये काम/Janm se budhaape tak achchi sehat ke lie zaroori hai ye kaam
Reviewed by health
on
December 29, 2018
Rating:
No comments:
Post a Comment