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हिचकियों से परेशान हैं तो जानें एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक उपचार/Hichkiyon se pareshaan hai to jaanen elopaithee, homyopaithee aur aurvedic upachaar


Hichkiyon se pareshaan hai to jaanen elopaithee, homyopaithee aur aurvedic  upachaar


फेफड़ों के निचले हिस्से को डायफ्राम कहते हैं जो पेट से फेफड़ो को अलग करता है। इस हिस्से में किसी प्रकार का अवरोध या गड़बड़ी होने पर अचानक से तेज हवा बाहर निकलने लगती है जिसे हिचकी कहते हैं।
कारण : ज्यादा मिर्च-मसाले वाला खाना खाने से पेट में एसिडिटी हो जाती है जिससे डायफ्राम प्रभावित होता है और हिचकियां आती हैं। एक्साइटमेंट, तनाव, तापमान में बदलाव,ज्यादा च्यूइंगम चबाने, कैंडी खाने, हृदय रोगों और लिवर में सूजन से हिचकियां आती हैं।
समस्या : बार-बार हिचकियां आना पेट, हृदय, लिवर और फेफड़े से जुड़ी बीमारियों का संकेत हो सकता है। ज्यादा हिचकियां आने से खाने, पीने, सोने और बोलने में तकलीफ तो होती ही है साथ ही सर्जरी के बाद जख्म भरने में भी काफी परेशानी होती है।
एलोपैथी : सबसे पहले ठंडा पानी या ठंडा दूध पीने और लंबी सांस लेने की सलाह दी जाती है। जब इनसे भी कोई फर्क नहीं पड़ता तो इसके लिए कुछ दवाएं दी जाती हैं। फिर भी रोजाना हिचकियां आती हो तो डॉक्टर को अपनी तकलीफ के बारे में विस्तार से बताएं जैसे, हिचकी कब से आ रही है, कब ज्यादा और कब कम आती है, आप कौन-कौनसी दवाइयां ले चुके हैं, गले में दर्द, सूजन या खराश तो नहीं, बोलते वक्त दिक्कत तो नहीं, पेट में दर्द , सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ तो नहीं। इसके बाद डॉक्टर पेट की सोनोग्राफी, हार्ट चेकअप के लिए ईसीजी, पेट के लिए गेस्ट्रोस्कोपी या एंडोस्कोपी और चेस्ट के लिए एक्स-रे आदि करवाते हैं। कमी पता चलने पर उसी हिसाब से इलाज किया जाता है।
होम्योपैथी : इस रोग के लिए नक्स वोमिका 30, मेगाफॉस 30 और काजुपुटम दवाएं दी जाती हैं। इन्हें दिन में 3-4 बार लेना होता है लेकिन इलाज के दौरान मिर्च-मसाले वाले खाने से परहेज करें और तनावमुक्त रहें।
आयुर्वेद : लसोड़े की चटनी दिन में तीन बार चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है। हरड़ के एक या दो ग्राम चूर्ण को फांकने या गुड़ और सौंठ की गोली बनाकर चूसने से भी हिचकी में आराम मिलता है। 125 मिलिग्राम नारियल की जटा की राख में इतनी ही नवसार मिलाकर दिन में चार बार चाटने से हिचकी बंद हो जाती है। 1 ग्राम कुटकी चूर्ण में 500 मिलिग्राम शुद्ध स्वर्ण जैरिक मिलाकर दिन में तीन बार खाने से हिचकी में आराम मिलेगा। दो घूंट पानी पीकर थोड़ी देर सांस रोकें इससे भी हिचकी बंद हो जाती है।



हिचकियों से परेशान हैं तो जानें एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक उपचार/Hichkiyon se pareshaan hai to jaanen elopaithee, homyopaithee aur aurvedic upachaar हिचकियों से परेशान हैं तो जानें एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक उपचार/Hichkiyon se pareshaan hai to jaanen elopaithee, homyopaithee aur aurvedic  upachaar Reviewed by health on December 27, 2018 Rating: 5

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