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Mobile kaziaada istemaal ke nukasaan, mobile ka ziada krate hai istemaal to ho jaen savadhaan, varna hogi ye khatarnaak bimari/मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल के नुकसान, मोबाइल का ज्यादा करते हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, वर्ना होगी ये खतरनाक बीमारी

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Mobile kaziaada istemaal ke nukasaan, mobile ka ziada krate hai istemaal to ho jaen savadhaan, varna hogi ye khatarnaak bimari


नींद में चलने की बीमारी के बारे में तो सभी ने सुना है, लेकिन अब ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो नींद में अपने मोबाइल या कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं। यह तनाव का नतीजा है, जिसमें दिमाग सोने व जागने में फर्क महसूस नहीं कर पाता।

चिकित्सा विज्ञान में इसे 'सोमनाबुलिज्म' कहा जाता है। मस्तिष्क के मैकेनिज्म में असंतुलन के कारण होने वाली इस बीमारी में मरीज नींद में उठता है और कोई गतिविधि कर लेता है, लेकिन खुद उसे ही पता नहीं चलता। सोमनाबुलिज्म में व्यक्ति कोई सामान्य या जटिल कार्य को भी अंजाम दे सकता है। वे इसे 'हिस्टेरिकल डिस-एसोसिएशन रिएक्शन' (एचडीआर) भी बताते हैं। युवा इसके ज्यादा शिकार हैं।

नींद में भेजे गए संदेश होते हैं ऊल-जुलूल

मोबाइल और कम्प्यूटर पर बढ़ती निर्भरता इसका एक कारण होती है। स्लीपिंग-डिसऑर्डर में मरीज गहरी नींद में नहीं होते और वे दिमागी तौर पर ऐसे काम कर लेते हैं, जो आमतौर पर जागते हुए ही किए जाते हैं। हालांकि 'स्लीप टेक्सटिंग' या नींद में मोबाइल से भेजे गए ज्यादातर मैसेज या ई-मेल अर्थहीन होते हैं। ऑस्ट्रेलिया चिकित्सा विज्ञानी डॉ. डेविड कनिंघम तनाव और मोबाइल व कम्प्यूटर का अत्यधिक इस्तेमाल को इसका मुख्य कारण मानते हैं।

कम नींद भी एक वजह

स्लीप टेक्सटिंग यानी नींद में मैसेज भेजने वाले लोग रात में ठीक से नहीं सोते हैं। उनका दिमाग सक्रिय रहकर दिन में हुई गतिविधियों में ही लगा रहता है। कई डॉक्टर रात के समय फोन को बिस्तर से दूर रखने की सलाह देते हैं। सोने से कुछ घंटों पहले यदि मोबाइल फोन बंद कर दिया जाए तो रात में अच्छी नींद की संभावना बढ़ जाती है। नींद में होने वाली टेक्स्टिंग को लेकर फिलहाल कोई बहुत बड़ा शोध सामने नहीं आया है, लेकिन चिकित्सा-विज्ञानी इसे लेकर चिंतित हैं। तकनीक के अत्यधिक इस्तेमाल का यह दुष्परिणाम बेहद चौंकाने और चिंता में डालने वाला है।

कैसे बचें

सोने से 2-3 घंटे पहले मोबाइल से दूरी बना लें या फोन स्विच ऑफ कर दें। 6-7 घंटे से ज्यादा कम्प्यूटर या लैपटॉप पर लगातार काम न करें। ये आंखों की नसों में तनाव पैदा करता है जो नुकसानदायी है। देर रात टीवी देखने की आदत छोड़े। इससे अच्छी व व गहरी नींद आएगी और आपको अनिद्रा की शिकायत भी नहीं होगी। सोने से पहले कम्प्यूटर या मोबाइल पर गेम न खेलें। इससे दिमाग हाइपर एक्टिव होता है और नींद नहीं आती।

Mobile kaziaada istemaal ke nukasaan, mobile ka ziada krate hai istemaal to ho jaen savadhaan, varna hogi ye khatarnaak bimari/मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल के नुकसान, मोबाइल का ज्यादा करते हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, वर्ना होगी ये खतरनाक बीमारी Mobile kaziaada istemaal ke nukasaan, mobile ka ziada krate hai istemaal to ho jaen savadhaan, varna hogi ye khatarnaak bimari/मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल के नुकसान, मोबाइल का ज्यादा करते हैं इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, वर्ना होगी ये खतरनाक बीमारी Reviewed by health on November 18, 2018 Rating: 5

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