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Gaur karen ki aapke bachche ko sunai de raha hai ya nahin गौर करें कि आपके बच्चे को सुनाई दे रहा है या नहीं

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Gaur karen ki aapke bachche ko sunai de raha hai ya nahin

बच्चा जिस परिवेश में भाषा सुनता है, अपने आप उसी तरह बोलने लगता है। लेकिन यदि उसे सुनाई ही न दे तो स्वरयंत्र दुरुस्त होते हुए भी वह मूक रह जाता है। इन बच्चों को समय रहते सुनाई देने लगे तो वे बोलने लगते हैं। इसके लिए गौर करें कि आपके बच्चे को सुनाई दे रहा है या नहीं।

इलाज : कान की कुछ जांचाें के बाद हिअरिंग एड लगाकर बच्चे को समझने व बोलने का अभ्यास कराया जाता है। यह तरीका कारगर न होने पर कॉक्लीयर इम्प्लांट सर्जरी की जाती है। इसमें कृत्रिम रूप से प्रत्यारोपित उपकरण कान के अंदरुनी भाग कॉक्लीया का काम करता है।

इन बातों पर ध्यान दें
- शुरुआती छह माह में बच्चा तेज शोर की ओर ध्यान न दे।
- आवाज करने वाले खिलौनों में दिलचस्पी न ले।
- 6 माह से 15 माह तक माता-पिता की आवाज पर खुश न हो और न ही कोई प्रतिक्रिया देता हो।
- सामान्य शब्दों को भी न समझ सके और 1 से 3 साल तक सरल शब्द जैसे मामा, दादा और पापा भी न बोल पाता हो।

Gaur karen ki aapke bachche ko sunai de raha hai ya nahin गौर करें कि आपके बच्चे को सुनाई दे रहा है या नहीं Gaur karen ki aapke bachche ko sunai de raha hai ya nahin गौर करें कि आपके बच्चे को सुनाई दे रहा है या नहीं Reviewed by health on November 18, 2018 Rating: 5

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