
B.P. ke mareej jyada panee piyen
किडनी (गुर्दा) शरीर का सबसे स्मार्ट अंग है जो हर तरह की परिस्थिति में अच्छे से काम करना जानता है। हाई ब्लड प्रेशर और स्टोन से किडनी के खराब होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में रोजाना आठ से दस गिलास पानी पीया जाए तो किडनी और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। बीपी के मरीज पानी अधिक पीएंगे तो खून अच्छे से साफ होगा और किडनी के कार्य करने की क्षमता भी अच्छी रहती है। स्वस्थ व्यक्ति को इस बात पर अधिक ध्यान देना है कि वो नमक का इस्तेमाल कम से कम करे। जिन्हें बीपी संबंधी समस्या है उन्हें नमक बहुत कम खाना चाहिए। अगर संभव हो तो नमक का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दें स्वास्थ्य और किडनी दोनों के लिए अच्छा है।
पहले दवा से करते हैं किडनी का इलाज
किडनी संबंधी रोग होने पर सबसे पहले दवा से इलाज करते हैं। इसका फायदा ये होता है कि रोगी अपना काम आसानी से करता है और अस्पताल में भर्ती नहीं रहना पड़ता है। डायलिसिस, ऑपरेशन या किडनी ट्रांसप्लांट एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें काफी समय लगता है। रोगी को लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है और लंबे समय तक दवा खानी पड़ती है।
किडनी संबंधी रोग होने पर सबसे पहले दवा से इलाज करते हैं। इसका फायदा ये होता है कि रोगी अपना काम आसानी से करता है और अस्पताल में भर्ती नहीं रहना पड़ता है। डायलिसिस, ऑपरेशन या किडनी ट्रांसप्लांट एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें काफी समय लगता है। रोगी को लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है और लंबे समय तक दवा खानी पड़ती है।
किडनी खून साफ करती है
किडनी खून साफ करती है। हम जो भी खाते हैं उसमें विषैले तत्त्व होते हैं जिनको किडनी यूरिन के रास्ते बाहर निकाल देती है। किडनी फेल होने पर खाने में मौजूद विषैले तत्त्व खून में जमा होने लगते हैं जिससे इंटरनल इंफेक्शन होने लग जाता है।
किडनी खून साफ करती है। हम जो भी खाते हैं उसमें विषैले तत्त्व होते हैं जिनको किडनी यूरिन के रास्ते बाहर निकाल देती है। किडनी फेल होने पर खाने में मौजूद विषैले तत्त्व खून में जमा होने लगते हैं जिससे इंटरनल इंफेक्शन होने लग जाता है।
किडनी रोग के लक्षण
व्यक्ति के पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, भूख न लगना, उल्टी जैसा मन होना, कमजोरी होना, शारीरिक परेशानी इसका प्रमुख लक्षण है।
यूरिन फ्लो पर नहीं पड़ता कोई फर्क
किडनी से जुड़ी कोई बीमारी होने पर यूरिन आउटपुट या उसके फ्लो पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। जब किडनी पूरी तरह फेल हो जाती है तब यूरिन नहीं बनता है और खून साफ करने की क्षमता खत्म हो जाती है। यूरिन से जब सफेद रंग का द्रव्य निकलने लगे तो व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि ये लक्षण किडनी के खराब होने की निशानी है। जांच से पता चलता है कि किडनी को कितना नुकसान हुआ है। दोनों किडनी एक साथ खराब होती हैं क्योंकि किडनी का काम खून को साफ करना होता है। जब वो खून साफ नहीं कर पाती है तो नेफ्रॉन्स में दूषित कण जमा होते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। किडनी स्टोन से एक किडनी खराब होती है। जिनकी एक किडनी है उन्हें किडनी संबंधी रोग को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
किडनी से जुड़ी जांच
किडनी संबंधी परेशानी के लक्षण दिखने के बाद सबसे पहले यूरिन टैस्ट, ब्लड टैस्ट, किडनी फंक्शन टैस्ट, अल्ट्रासाउंड और गंभीर स्थिति में सीटी स्कैन और एमआरआइ जांच करवाते हैं। जांच से किडनी के कार्य करने की क्षमता पता करते हैं जिसके बाद इलाज की रूपरेखा बनाते हैं।
दवा और सप्लीमेंट्स से नुकसान
पेन किलर से किडनी को नुकसान होता है लेकिन तब जब कई वर्षों से बिना डॉक्टरी सलाह के इसका इस्तेमाल हो रहा है। एंटीबायोटिक की डोज किडनी के कार्य करने की क्षमता के आधार पर देते हैं। ऐसा नहीं होने पर किडनी को नुकसान होता है। जो युवा जिम जा रहे हैं वो बिना एक्सपर्ट या डॉक्टरी सलाह के सप्लीमेंट्स या प्रोटीन न लें। अधिक प्रोटीन खाने से किडनी को दूषित तत्त्वों को निकालने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है और किडनी को नुकसान होता है।
- ऐसे रखें किडनी को स्वस्थ
- किडनी को स्वस्थ रखना है तो धूम्रपान नहीं करना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज के साथ घूमना टहलना जरूरी है।
- वजन सामान्य से अधिक है तो उसे नियंत्रित करें।
- बीपी की दवा चल रही है तो समय पर लें और नियमित बीपी चेक कराते रहें।
- किडनी प्रत्यारोपण हुआ है तो दवाईयां नियमित लेते रहें। ऐसे मरीज की हैवी डोज दवा चलने से रोग प्रतिरोधक
- क्षमता कमजोर होती है जिससे इंफेक्शन का खतरा रहता है।
- नियति डॉक्टरी सलाह लें। स्वास्थ्य संबंधी समस्या को नजरअंदाज न करें।
बीपी के मरीज ज्यादा पानी पीएं B.P. ke mareej jyada panee piyen
Reviewed by health
on
November 17, 2018
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