चोकिंग यानी सांस की नली में कुछ फंसना, जिसे सामान्य भाषा में हम गले में कुछ अटकना कहते हैं। दरअसल, हमारे गले में भोजन व सांस नली समानांतर होती है और जब हम कुछ खाते हैं तो एपिग्लोटिस नाम का एक कैप सांस की नली को ढंक देता है ताकि खाना भोजन की नली में ही जाए। लेकिन कभी-कभी खाने का कोई टुकड़ा सांस की नली में फंस जाता है, जिससे चोकिंग की समस्या हो जाती है। यह एक तरह से दम घुटने या सांस न ले पाने जैसी स्थिति होती है और जानलेवा भी हो सकती है, खासतौर पर बच्चों के मामले में-
ये हैं विशेष लक्षण
दम घुटना, सांस न ले पाना, कफ न निकलना, बोल न पाना, पीड़ित के नाखून और अंगुलियों का रंग नीला पड़़ जाना।
जब पीड़ित बेहोश हो तो ऐसा करें
तुरंत अस्पताल या डॉक्टर को फोन लगाएं और एंबुलेंस सहायता भेजने के लिए कहें। सहायता आने के बीच के समय में पीड़ित व्यक्ति को पीठ के बल समतल सतह पर लिटा दें।उसका मुंह खोलें और यदि गले में कुछ अटका हुआ दिख रहा हो तो उसे अंगुली से बाहर निकालने की कोशिश करें।यदि कुछ अटका या फंसा हुआ नहीं हो और पीड़ित को होश नहीं है तो तुरंत सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रेसीसिटेशन देंं।
ये करें उपाय : Jab Ho Jaye Choking Ghabrayein Nahein Aise Kare Upay
पहला कदम :
पीडि़त से स्पष्ट पूछें कि क्या उसके गले में कुछ अटक गया है। पीडि़त अपने इशारों या घुटी हुई आवाज में अगर हामी भरे तो तुरंत उसके पीछे की ओर जाएं।
दूसरा कदम :
पीड़ित के पीछे जाकर दाएं हाथ को मुट्ठी बनाकर उसकी नाभि के पास रखें और बाएं हाथ को उस पर कसते हुए घेरा बना लें।
तीसरा कदम :
अब नाभि और ब्रेस्ट बोन वाले हिस्से में तेजी से कसाव देते हुए अंदर व बाहर की ओर झटके दें। इन्हें एबडॉमिनल थ्रस्ट या हेमलिच मैन्युवर कहते हैं। ऐसा तब तक करें, जब तक कि अटका हुआ टुकड़ा पीड़ित के मुंह से बाहर न निकल जाए।
ये हैं विशेष लक्षण
दम घुटना, सांस न ले पाना, कफ न निकलना, बोल न पाना, पीड़ित के नाखून और अंगुलियों का रंग नीला पड़़ जाना।
जब पीड़ित बेहोश हो तो ऐसा करें
तुरंत अस्पताल या डॉक्टर को फोन लगाएं और एंबुलेंस सहायता भेजने के लिए कहें। सहायता आने के बीच के समय में पीड़ित व्यक्ति को पीठ के बल समतल सतह पर लिटा दें।उसका मुंह खोलें और यदि गले में कुछ अटका हुआ दिख रहा हो तो उसे अंगुली से बाहर निकालने की कोशिश करें।यदि कुछ अटका या फंसा हुआ नहीं हो और पीड़ित को होश नहीं है तो तुरंत सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रेसीसिटेशन देंं।
![]() |
Jab Ho Jaye Choking Ghabrayein Nahein Aise Kare Upay |
पहला कदम :
पीडि़त से स्पष्ट पूछें कि क्या उसके गले में कुछ अटक गया है। पीडि़त अपने इशारों या घुटी हुई आवाज में अगर हामी भरे तो तुरंत उसके पीछे की ओर जाएं।
दूसरा कदम :
पीड़ित के पीछे जाकर दाएं हाथ को मुट्ठी बनाकर उसकी नाभि के पास रखें और बाएं हाथ को उस पर कसते हुए घेरा बना लें।
तीसरा कदम :
अब नाभि और ब्रेस्ट बोन वाले हिस्से में तेजी से कसाव देते हुए अंदर व बाहर की ओर झटके दें। इन्हें एबडॉमिनल थ्रस्ट या हेमलिच मैन्युवर कहते हैं। ऐसा तब तक करें, जब तक कि अटका हुआ टुकड़ा पीड़ित के मुंह से बाहर न निकल जाए।
Jab Ho Jaye Choking Ghabrayein Nahein Aise Kare Upay - जब हो जाए चोकिंग, घबराए नहीं, एेसे करें उपाय
Reviewed by health
on
February 02, 2019
Rating:
No comments:
Post a Comment