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Umr Ke Nazuk Padauon Mein Sambhalein - उम्र के नाजुक पड़ावों में संभालें

Umr Ke  Nazuk Padauon Mein Sambhalein

Umr Ke  Nazuk Padauon Mein Sambhalein        

Umr Ke  Nazuk Padauon Mein Sambhalein - विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में करीब 30 करोड़ लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं। यानी हर चार में से एक भारतीय को ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी किसी न किसी रूप में है। यदि ऐसी ही स्थितियां रहीं तो मात्र एक दशक में ऑस्टियोपोरोसिस भारत की लगभग आधी जनसंख्या को अपना शिकार बना लेगा। 

आइए जानते हैं इससे बचने के उपायों के बारे में।
हमारे देश में हर एक सेकंड में किसी न किसी को ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के भुरभुरेपन के कारण फ्रैक्चर होता है। हड्डियों की सेहत और उम्र के पड़ाव के संबंध पर एक नजर।

बचपन से जवानी (0 से 20 वर्ष)
विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से बच्चों की हड्डियां नरम या कमजोर हो जाती हैं। जिससे उन्हें सूखा रोग या रिकेट्स हो जाता है।

लक्षण और खतरे -
गड़बड़ी : पैरों और मेरुदंड का असामान्य टेढ़ा होना, छाती की हड्डियों का बाहर आना।

दांतों की समस्या : दांतों में कैविटी या उनका देर से विकास होना।

बचाव और उपचार -
शिशु और बच्चों को गुनगुनी धूप में ले जाएं, जिससे विटामिन डी का निर्माण हो।
बच्चों को पर्याप्त मात्रा में दूध दें। बच्चे जब मां के दूध के अलावा खाना भी खाने लगे तो उसे कैल्शियम युक्त पदार्थ जैसे दूध से बनीं चीजें पनीर, दही और अंजीर आदि खाने को दें।

वयस्कता की उम्र : (21 से 30 वर्ष)
लगभग 30 वर्ष की उम्र के बाद बोन डेंसिटी (हड्डियों का घनत्व) घटने लगती है। यदि इस उम्र में इन पर ध्यान नहीं दिया जाए तो आने वाले सालों में हड्डियां सबसे बड़ी समस्या बन सकती हैं। ऐसे में व्यायाम पर विशेष ध्यान दें, खानपान में सावधानी बरतें और कैल्शियम से भरपूर चीजें जैसे दूध, दही, पनीर, अंजीर, तिल, बादाम, टोफू, संतरा आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।

उठाएं जरूरी कदम -
हर रोज कम से कम 700 मिलीग्राम कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियोंं के लिए जरूरी है।
विटामिन डी के लिए रोजाना कम से कम 15 मिनट धूप जरूर लें।
प्रतिदिन 6 ग्राम से ज्यादा नमक न लें इससे शरीर के कैल्शियम का नुकसान होगा और हड्डियां कमजोर पड़ेंगी।
मजबूत हड्डियों के लिए व्यायाम जरूरी है। इसके लिए आप साइक्लिंग, स्वीमिंग या एरोबिक्स कर सकते हैं।

रोकने के लिए ये उपाय -
जब हमारी उम्र बढ़ती है तो हड्डियां भी बूढ़ी होने लगती हैं। भुरभुरी हुई हड्डियों में फै्रक्चर की आशंका भी बढऩे लगती है। ऑस्टियोपोरोसिस या अस्थि भंगुरता के कारण सबसे सामान्य फै्रक्चर कूल्हे, कलाइयों और रीढ़ में होते हैं। 50वर्ष से ज्यादा उम्र की हर तीन में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस से फै्रक्चर की आशंका होती है जबकि 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के हर पांच में से एक पुरुष को फ्रै क्चर का खतरा रहता है।

इनसे करें तौबा :
शराब, सिगरेट और तंबाकू हमारे खून में हड्डियों के लिए जरूरी कैल्शियम के स्तर को घटा देते हैं।
स्टेरॉयड युक्त दवाएं न लें, इनसे भी खून में कैल्शियम का स्तर कम होता है।
खून में कैल्शियम की जांच नियमित रूप से कराएं।
हर छह महीने में बीएमडी टेस्ट कराएं, ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के लिए बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट हर छह महीने में कराएं और ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से उचित सलाह लें।



Umr Ke Nazuk Padauon Mein Sambhalein - उम्र के नाजुक पड़ावों में संभालें Umr Ke  Nazuk Padauon Mein Sambhalein - उम्र के नाजुक पड़ावों में संभालें Reviewed by health on January 18, 2019 Rating: 5

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