Sightika Yanee Paanv Janein Iske Baare Mein |
Sightika Yanee Paanv Janein Iske Baare Mein - अनियमित जीवनशैली और उठने-बैठने के गलत तरीकों के कारण होता है साइटिका। ऐसे लोग जिन्हें पहले से पीठ का दर्द है, उन्हें साइटिका (शियाटिका) होने की आशंका ज्यादा होती है। साइटिका का दर्द आमतौर पर शरीर के आधे हिस्से में ज्यादा परेशान करता है।
क्या है साइटिका ?
नसों में खिंचाव और दर्द संबंधी समस्या को साइटिका कहा जाता है। जो कूल्हों और जांघ के पिछले हिस्से में होती है। यह दर्द तब शुरू होता है, जब कूल्हे की साइटिक नस को क्षति पहुंचती है। इसलिए इसे साइटिका का दर्द कहा जाता है। लोअर बैक पैन की तुलना में इस दर्द में पैरों में असहनीय खिंचाव और पीड़ा होती है। साइटिका के साथ पैरों में होने वाली अकड़न और झनझनाहट पीड़ा को और ज्यादा बढ़ा देती है। साइटिका अगर गंभीर हो जाए तो खड़े रहना और चलना मुश्किल हो जाता है।
नसों में खिंचाव और दर्द संबंधी समस्या को साइटिका कहा जाता है। जो कूल्हों और जांघ के पिछले हिस्से में होती है। यह दर्द तब शुरू होता है, जब कूल्हे की साइटिक नस को क्षति पहुंचती है। इसलिए इसे साइटिका का दर्द कहा जाता है। लोअर बैक पैन की तुलना में इस दर्द में पैरों में असहनीय खिंचाव और पीड़ा होती है। साइटिका के साथ पैरों में होने वाली अकड़न और झनझनाहट पीड़ा को और ज्यादा बढ़ा देती है। साइटिका अगर गंभीर हो जाए तो खड़े रहना और चलना मुश्किल हो जाता है।
क्या है साइटिका के कारण ?
'डिस्क हर्निएशन'
यह सबसे प्रमुख कारण है और सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे 'स्लिप डिस्क' कहते हैं।
'डिस्क हर्निएशन'
यह सबसे प्रमुख कारण है और सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे 'स्लिप डिस्क' कहते हैं।
स्पाइनल स्टेनोसिस
बढ़ती उम्र और दुर्घटनाओं के कारण स्पाइनल कॉर्ड या इससे आने वाली नसों में तनाव के कारण यह समस्या होती है।
बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और उनमें टूट-फूट की आशंका होती है। इसके अलावा उठने-बैठने की गलत मुद्राएं और खराब जीवनशैली भी इसका प्रमुख कारण है।
बढ़ती उम्र और दुर्घटनाओं के कारण स्पाइनल कॉर्ड या इससे आने वाली नसों में तनाव के कारण यह समस्या होती है।
बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और उनमें टूट-फूट की आशंका होती है। इसके अलावा उठने-बैठने की गलत मुद्राएं और खराब जीवनशैली भी इसका प्रमुख कारण है।
कुछ उदाहरण-
चीजों को गलत ढंग से झुककर उठाना
लंबे समय तक बैठे रहना/लंबे समय तक ड्राइविंग करना
मोटापा बढ़ना
चीजों को गलत ढंग से झुककर उठाना
लंबे समय तक बैठे रहना/लंबे समय तक ड्राइविंग करना
मोटापा बढ़ना
धूम्रपान -
कभी गलती से कोई इंजेक्शन कूल्हे पर लगाया जाए और वह साइटिक नस को प्रभावित करे।
ऐसे काम करना जिसमें हाथ-पैरों को झुकाना, खींचना, मोड़ना या घुमाना आदि शामिल है।
आपको कब डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए ?
कभी गलती से कोई इंजेक्शन कूल्हे पर लगाया जाए और वह साइटिक नस को प्रभावित करे।
ऐसे काम करना जिसमें हाथ-पैरों को झुकाना, खींचना, मोड़ना या घुमाना आदि शामिल है।
आपको कब डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए ?
आपको तुरंत सम्पर्क करना चाहिए यदि...
कमर के निचले हिस्से या पैरों में अचानक तेज दर्द हो और साथ में अकड़न या खिंचाव महसूस हो।
यदि आपको पेट में या ब्लैडर की परेशानी हो।
किसी दुर्घटना के कारण पैरों के निचले हिस्से में चोट लगने पर।
कमर के निचले हिस्से या पैरों में अचानक तेज दर्द हो और साथ में अकड़न या खिंचाव महसूस हो।
यदि आपको पेट में या ब्लैडर की परेशानी हो।
किसी दुर्घटना के कारण पैरों के निचले हिस्से में चोट लगने पर।
वैकल्पिक उपाय -
प्रमुख योगासन - भुजंगासन, मकरासन, मत्स्यासन, क्रीडासन, वायुमुद्रा और वज्रासन।
एपीड्यूरल इंजेक्शन : साइटिका में एपीड्यूरल इंजेक्शन के एक कोर्स से राहत मिल सकती है। इस थैरेपी में रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले जोड़ के पास नसों में इंजेक्शन लगाया जाता है जो जोड़ के क्षतिग्रस्त होने के कारण नसों में आयी सूजन को कम करता है। जिससे स्पाइनल कैनाल का व्यास बढ़ने से नसों के रक्त संचार में बढ़ोतरी होती है और मरीज को असहनीय पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
एक्यूप्रेशर : इस रोग का एक एक्यूप्रेशर बिन्दु टखने के नीचे होता है। यह केंद्र संवेदनशील होता है इसलिए रोगी की सहनशक्ति के अनुसार प्रेशर देना चाहिए। पैरों की सारी अंगुलियों विशेषकर अंगूठे के साथ वाली दो अंगुलियों पर मालिश की तरह प्रेशर देने से तुरंत आराम मिलता है। रोगी के पिछले भाग में व पिण्डलियों पर उल्टे लिटा कर हाथ के अंगूठे से प्रेशर देने से भी जल्द आराम मिलता है।
Sightika Yanee Paanv Janein Iske Baare Mein - साइटिका यानी दबे पांव , जानें इसके बारे में
Reviewed by health
on
January 18, 2019
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