Paanch Khaansi Hotee Hain Gale Ki Dushman |
वातज खांसी
- इसमें रोगी के गले में दर्द होने के साथ-साथ सूखी खांसी होती है।
पित्तज खांसी
- इस खांसी में रोगी को कफ पीला आता है। कई बार उसे हल्का बुखार भी हो जाता है। गले, छाती व पेट में जलन होने के साथ-साथ अधिक प्यास लगती है।
कफज खांसी
- इस खांसी से पीडि़त रोगी को कफ बहुत निकलता है। हल्की सी खांसी आने पर ही कफ आने लगता है।
- इस स्थिति में मरीज को हमेशा ऐसा लगता है कि जैसे गले में कुछ चिपक गया हो।
क्षतज खांसी
- यह स्थिति मरीज को काफी परेशान करती है और उपरोक्ततीनों खांसियों से ज्यादा गंभीर होती है। इसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है और थूक अंदर लेते समय दर्द होता है। कई बार खांसने पर खून भी आने लगता है।
क्षयज खांसी
- यह खांसी क्षतज खांसी से गंभीर होती है। जो कई बार टीबी रोग का प्रारंभिक लक्षण भी हो सकती है, जिसमें मरीज के फेफड़ों के चारों ओर घाव हो जाते हैं। इस खांसी में फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनके द्वारा बताए निर्देशों को मानना चाहिए।
प्रारंभिक इलाज जरूरी
- खांसी का प्रारंभिक इलाज जरूरी होता है वर्ना क्षतज और क्षयज खांसी अस्थमा में भी बदल सकती है। खांसी से बचने के लिए डॉक्टरी सलाह से सितोपलादि चूर्ण शहद के साथ लें। इसे गर्भवती महिलाएं भी ले सकती हैं।
- दो लौंग, 4 काली मिर्च, एक चौथाई सौंठ, तुलसी के चार पत्ते, दो पीपल के पत्तों को एक गिलास पानी में उबाल लें। जब यह ठंडा हो जाए तो इसमें गुड़ या सेंधा नमक डालकर प्रयोग करें। इसे दिन में तीन से चार बार लेने से खांसी में लाभ होता है।
गले में दर्द और थूक निगलने में तकलीफ हो तो गर्म पानी पिएं। लेकिन पानी को एल्युमीनियम के बर्तन की बजाय पीतल, तांबे या मिट्टी के बर्तन में उबालें वर्ना टीबी के संक्रमण का खतरा रहता है।
डॉक्टरी सलाह
अक्सर लोग गर्म पानी के नाम पर उसे हल्का गुनगुना कर पी लेते हैं जो कि गलत है। जरूरी है कि आप पानी को 100 डिग्री सेल्सियस तक उबालें और पीने लायक होने पर प्रयोग में लें।
Paanch Khaansi Hotee Hain Gale Ki Dushman - पांच खांसी हाेती हैं गले की दुश्मन
Reviewed by health
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January 24, 2019
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