Mahilaon Mein Menopoj se Judee in Khaas Baaton Ko Jaroor Janein - महिलाओं में मेनोपॉज से जुड़ी इन खास बातों को जरूर जानें
Mahilaon Mein Menopoj se Judee in Khaas Baaton Ko Jaroor Janein |
Mahilaon Mein Menopoj se Judee in Khaas Baaton Ko Jaroor Janein - रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) महिलाओं के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसका सामना हर किसी को करना ही पड़ता है। भारतीय महिलाओं में औसतन 46 साल की उम्र में रजोनिवृत्ति हो जाती है। यह प्रजनन क्षमता के अंत का समय है। जब सेक्स हार्मोन कम होने के कारण मासिक रक्तस्राव बंद हो जाता है। लेकिन कई बार अप्राकृतिक रजोनिवृत्ति कम उम्र में भी हो जाती है, जिसके प्रमुख कारण हैं- ऑपरेशन (गर्भाश्य/अंडाश्य निकालने), कैंसर का इलाज या कीमोथैरेपी। कुछ महिलाओं में इस दौरान अन्य प्रतिकूल लक्षण भी हो सकते हैं।
मोटापे पर लगाम लगाएं -
रजोनिवृत्त महिलाओं में पेट के मोटापे के अलावा बढ़ती उम्र की अन्य बीमारियां जैस हार्ट अटैक, याददाश्त में कमी और स्तन कैंसर आदि हो सकते हैं। मोटापा कम करने के लिए कार्यशैली में परिवर्तन, कम कैलोरी का आहार और बेरियाट्रिक सर्जरी आदि मुख्य विकल्प हैं। मेनोपॉज के दौरान व्यायाम काफी उपयोगी होता है। एक्सरसाइज से मोटापे के अलावा हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका कम हो जाती है। एक्सरसाइज से मूड बेहतर होता है और टेंशन कम होती है। इससे एंडोर्फिन एक्टिविटी बढ़ जाती है जिससे रात में सोने के दौरान आने वाला पसीना कम हो जाता है और महिलाएं ठीक से नींद नहीं ले पातीं। उचित डॉक्टरी सलाह और सही देखरेख से मेनोपॉजल हार्मोन थैरेपी का उपयोग कर डायबिटिज के जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन 60 वर्ष की उम्र के बाद हार्मोन थैरेपी शुरू नहीं करनी चाहिए।
रजोनिवृत्त महिलाओं में पेट के मोटापे के अलावा बढ़ती उम्र की अन्य बीमारियां जैस हार्ट अटैक, याददाश्त में कमी और स्तन कैंसर आदि हो सकते हैं। मोटापा कम करने के लिए कार्यशैली में परिवर्तन, कम कैलोरी का आहार और बेरियाट्रिक सर्जरी आदि मुख्य विकल्प हैं। मेनोपॉज के दौरान व्यायाम काफी उपयोगी होता है। एक्सरसाइज से मोटापे के अलावा हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका कम हो जाती है। एक्सरसाइज से मूड बेहतर होता है और टेंशन कम होती है। इससे एंडोर्फिन एक्टिविटी बढ़ जाती है जिससे रात में सोने के दौरान आने वाला पसीना कम हो जाता है और महिलाएं ठीक से नींद नहीं ले पातीं। उचित डॉक्टरी सलाह और सही देखरेख से मेनोपॉजल हार्मोन थैरेपी का उपयोग कर डायबिटिज के जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन 60 वर्ष की उम्र के बाद हार्मोन थैरेपी शुरू नहीं करनी चाहिए।
लक्षण -
अनियमित, अत्याधिक रक्तस्त्राव।
हॉट फ्लेशेज
रात को पसीना आना।
नींद से जुड़ी परेशानियां।
जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द।
अचानक धड़कन का तेज हो जाना।
पेशाब का जल्दी- जल्दी आना।
मानसिक बदलाव जैसे - चिड़चिड़ापन या अवसाद, ध्यान न लगना, आत्म विश्वास में कमी।
अनियमित, अत्याधिक रक्तस्त्राव।
हॉट फ्लेशेज
रात को पसीना आना।
नींद से जुड़ी परेशानियां।
जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द।
अचानक धड़कन का तेज हो जाना।
पेशाब का जल्दी- जल्दी आना।
मानसिक बदलाव जैसे - चिड़चिड़ापन या अवसाद, ध्यान न लगना, आत्म विश्वास में कमी।
डरें नहीं, समझें -
मेनोपॉज एक प्राकृतिक बदलाव है जिससे बचा नहीं जा सकता लेकिन इससे सम्बंधित बीमारियों से बचाव करके आयु दर और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। मेनोपॉज एक अवसर है जिसके दौरान सम्पूर्ण स्वास्थ्य जांच (मोटापा, डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस, मानसिक अवसाद, अल्जाइमर व कैंसर) कराकर भविष्य की बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।
मेनोपॉज एक प्राकृतिक बदलाव है जिससे बचा नहीं जा सकता लेकिन इससे सम्बंधित बीमारियों से बचाव करके आयु दर और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। मेनोपॉज एक अवसर है जिसके दौरान सम्पूर्ण स्वास्थ्य जांच (मोटापा, डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस, मानसिक अवसाद, अल्जाइमर व कैंसर) कराकर भविष्य की बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।
हार्मोन थैरेपी का प्रयोग -
मे नोपॉज के कारण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे शरीर के सभी अंग प्रभावित होने लगते हैं। इस प्रभाव को कम करने के लिए महिला को हार्मोन थैरेपी दी जाती है। इस थैरेपी में शरीर में जिस हार्मोन की कमी होती है, डॉक्टरी देखरेख में उसकी पूर्ति कराई जाती है ताकि भविष्य में होने वाली बीमारियों के खतरे को कम किया जा सके। आपकी उम्र 60 साल से कम है या मेनोपॉज को 10 साल से कम हुए हैं तो हार्मोन थैरेपी के फायदे ज्यादा और जोखिम कम हैं। रजोनिवृत्ति से जुड़ी हड्डियों की कमजोरी को दूर करने के लिए यह थैरेपी काफी उपयोगी होती है।
मे नोपॉज के कारण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे शरीर के सभी अंग प्रभावित होने लगते हैं। इस प्रभाव को कम करने के लिए महिला को हार्मोन थैरेपी दी जाती है। इस थैरेपी में शरीर में जिस हार्मोन की कमी होती है, डॉक्टरी देखरेख में उसकी पूर्ति कराई जाती है ताकि भविष्य में होने वाली बीमारियों के खतरे को कम किया जा सके। आपकी उम्र 60 साल से कम है या मेनोपॉज को 10 साल से कम हुए हैं तो हार्मोन थैरेपी के फायदे ज्यादा और जोखिम कम हैं। रजोनिवृत्ति से जुड़ी हड्डियों की कमजोरी को दूर करने के लिए यह थैरेपी काफी उपयोगी होती है।
रजोनिवृत्ति के बाद रोगों से बचाव के लिए प्रथम दस वर्ष अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है जिसमें -
धूम्रपान बिल्कुल न करें
शराब से दूरी बनाएं
नियमित एरोबिक एक्सरसाइज करें
रेगुलर बैलेंस डाइट लें
वजन पर नियंत्रण रखें
दिमाग तेज करने वाली गतिविधियों में हिस्सा लें
विशेष समय अंतराल में आवश्यक जांचें कराएं
धूम्रपान बिल्कुल न करें
शराब से दूरी बनाएं
नियमित एरोबिक एक्सरसाइज करें
रेगुलर बैलेंस डाइट लें
वजन पर नियंत्रण रखें
दिमाग तेज करने वाली गतिविधियों में हिस्सा लें
विशेष समय अंतराल में आवश्यक जांचें कराएं
इस दौरान शारीरिक बदलावों की वजह से महिलाएं अक्सर अपने लुक को लेकर तनाव में आ जाती हैं। इससे बचने के लिए किताबें पढ़ें, बागवानी करें, घूमने जाएं, अपने पसंदीदा काम करें और किसी भी तरह की परेशानी को अपने साथी या दोस्त के साथ जरूर शेयर करें।
Mahilaon Mein Menopoj se Judee in Khaas Baaton Ko Jaroor Janein - महिलाओं में मेनोपॉज से जुड़ी इन खास बातों को जरूर जानें
Reviewed by health
on
January 17, 2019
Rating:
No comments:
Post a Comment