Lambi Bimari Se Mareez Bistar Par Hai Pathri Ka Khatra - लंबी बीमारी से मरीज बिस्तर पर है तो पथरी का खतरा
किडनी खून साफ करती है, लेकिन जब स्टोन के छोटे-छोटे कण किडनी में जमा होने लगते हैं तो उसे रक्त को छानने की प्रक्रिया में गतिरोध उत्पन्न होता है। ये कुछ समय बाद पथरी का रूप ले लेते हैं। सूक्ष्म आकार के स्टोन पर्याप्त पानी पीने से यूरिन के रास्ते स्वत: निकल जाते हैं लेकिन बड़े आकार के स्टोन मूत्र मार्ग में रुकावट डालते हैं।
ये 5 सवाल जिनके जवाब जानना है जरूरी
प्रश्न : किडनी में पथरी की वजह क्या है?
कम पानी पीने, यूरिन रोकने, ज्यादा नमक-चीनी, अल्कोहल से पथरी होती है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में दो गुना ज्यादा होती है। आक्सलेट फास्फेट या कार्बोनेट से कैल्शियम मिलकर पथरी का निर्माण करते हैं।
प्रश्न : विटामिन डी की कमी से पथरी क्यों होती है?
शरीर में विटामिन डी कैल्शियम का अवशोषण करता है। कमी होने पर कैल्शियम किडनी के आसपास जमा होकर स्टोन का रूप ले लेता है। इससे यूरिन में बाधा आती है। इसमें मौजूद लवण जमकर पथरी बनाते हैं।
प्रश्न : क्या कम पानी पीने से भी दिक्कत होती है?
Lambi Bimari Se Mareez Bistar Par Hai Pathri Ka Khatra - लंबे समय से देर तक धूप में रहने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। यूरिन में विषाक्त पदार्थ निकल नहीं पाते हैं जो पथरी का कारण बनते हैं । कम पानी पीने से भी दिक्कत होती है। शरीर का हाइड्रेशन ठीक से नहीं होता है। शरीरिक श्रम नहीं, चाय-कॉफी अधिक पीने से भी दिक्कत हो सकती है।
प्रश्न : बिस्तर पर पड़े मरीजों में पथरी की समस्या क्यों होती है?
ऐसे मरीजों को एक जगह, बिस्तर पर पड़े रहने से हड्डियों में क्षरण होने लगता है। पैराथायरॉइड ग्रंथि के ज्यादा सक्रिय होने से यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढऩे से भी पथरी हो सकती है।
प्रश्न : दर्द न हो तो कैसे जानें पथरी है?
कई बार स्टोन लम्बे समय तक किडनी में पड़े रहते हैं। दर्द नहीं होता है। किडनी की स्वाभाविक प्रक्रिया प्रभावित होती है। जब अन्य बीमारी की जांच के लिए किडनी, सोनोग्राफी जांच में पथरी की पहचान होती है।
खट्टी चीजें खाने से मिलता फायदेमंद
आहार में सिट्रिक एसिड से भरपूर पदार्थ शामिल करें। खट्टी चीजों में पर्याप्त मात्रा में सिट्रिक एसिड पाया जाता है जैसे नींबू, आंवला, संतरा आदि। कैल्शियम ऑक्सिलेट के कारण किडनी की पथरी बनती है। जब कैल्शियम, ऑक्सिलेट के साथ मिल जाता है तो किडनी में पथरी की का बढऩा शुरू होता है। यदि हम पर्याप्त मात्रा में सिट्रिक एसिड का सेवन करते हैं तो इससे बचाव होता है। सिट्रिक एसिड कैल्शियम के साथ मिलकर ऑक्सिलेट के साथ मिलने से रोकता है। जौ, गाजर, मक्का, करेला, ओट़्स में अधिक खनिज पदार्थ होते हैं। इनका प्रयोग करना चाहिए। पानी व छाछ के ज्यादा प्रयोग से छोटे स्टोन स्वत: ही निकल जाते हैं।
जानिए क्या है उपचार : आयुर्वेद में पाषाणवज्रक रस, कासीस भस्म, त्रिविक्रम रस, गुक्षुरादि वटी, श्वेत पर्पटी, यवक्षार आदि अनेक प्रकार की कारगर औषधि उपलब्ध हैं। इनसे बड़े आकार की पथरी निकल सकती है। इन औषधियों का इस्तेमाल आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार ही करना चाहिए। रोगी की प्रकृति, आयु, वजन और पथरी के आकार के आधार पर ही औषधि की मात्रा व अनुपात तय करते हैं।
- डॉ.सीताराम गुप्ता, आयुर्वेद विशेषज्ञ जयपुर
ये 5 सवाल जिनके जवाब जानना है जरूरी
प्रश्न : किडनी में पथरी की वजह क्या है?
कम पानी पीने, यूरिन रोकने, ज्यादा नमक-चीनी, अल्कोहल से पथरी होती है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में दो गुना ज्यादा होती है। आक्सलेट फास्फेट या कार्बोनेट से कैल्शियम मिलकर पथरी का निर्माण करते हैं।
प्रश्न : विटामिन डी की कमी से पथरी क्यों होती है?
शरीर में विटामिन डी कैल्शियम का अवशोषण करता है। कमी होने पर कैल्शियम किडनी के आसपास जमा होकर स्टोन का रूप ले लेता है। इससे यूरिन में बाधा आती है। इसमें मौजूद लवण जमकर पथरी बनाते हैं।
प्रश्न : क्या कम पानी पीने से भी दिक्कत होती है?
Lambi Bimari Se Mareez Bistar Par Hai Pathri Ka Khatra |
प्रश्न : बिस्तर पर पड़े मरीजों में पथरी की समस्या क्यों होती है?
ऐसे मरीजों को एक जगह, बिस्तर पर पड़े रहने से हड्डियों में क्षरण होने लगता है। पैराथायरॉइड ग्रंथि के ज्यादा सक्रिय होने से यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढऩे से भी पथरी हो सकती है।
प्रश्न : दर्द न हो तो कैसे जानें पथरी है?
कई बार स्टोन लम्बे समय तक किडनी में पड़े रहते हैं। दर्द नहीं होता है। किडनी की स्वाभाविक प्रक्रिया प्रभावित होती है। जब अन्य बीमारी की जांच के लिए किडनी, सोनोग्राफी जांच में पथरी की पहचान होती है।
खट्टी चीजें खाने से मिलता फायदेमंद
आहार में सिट्रिक एसिड से भरपूर पदार्थ शामिल करें। खट्टी चीजों में पर्याप्त मात्रा में सिट्रिक एसिड पाया जाता है जैसे नींबू, आंवला, संतरा आदि। कैल्शियम ऑक्सिलेट के कारण किडनी की पथरी बनती है। जब कैल्शियम, ऑक्सिलेट के साथ मिल जाता है तो किडनी में पथरी की का बढऩा शुरू होता है। यदि हम पर्याप्त मात्रा में सिट्रिक एसिड का सेवन करते हैं तो इससे बचाव होता है। सिट्रिक एसिड कैल्शियम के साथ मिलकर ऑक्सिलेट के साथ मिलने से रोकता है। जौ, गाजर, मक्का, करेला, ओट़्स में अधिक खनिज पदार्थ होते हैं। इनका प्रयोग करना चाहिए। पानी व छाछ के ज्यादा प्रयोग से छोटे स्टोन स्वत: ही निकल जाते हैं।
जानिए क्या है उपचार : आयुर्वेद में पाषाणवज्रक रस, कासीस भस्म, त्रिविक्रम रस, गुक्षुरादि वटी, श्वेत पर्पटी, यवक्षार आदि अनेक प्रकार की कारगर औषधि उपलब्ध हैं। इनसे बड़े आकार की पथरी निकल सकती है। इन औषधियों का इस्तेमाल आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार ही करना चाहिए। रोगी की प्रकृति, आयु, वजन और पथरी के आकार के आधार पर ही औषधि की मात्रा व अनुपात तय करते हैं।
- डॉ.सीताराम गुप्ता, आयुर्वेद विशेषज्ञ जयपुर
Lambi Bimari Se Mareez Bistar Par Hai Pathri Ka Khatra - लंबी बीमारी से मरीज बिस्तर पर है तो पथरी का खतरा
Reviewed by health
on
January 20, 2019
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