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Insulin Pamp Thairepee Bachchon KI Diabetes ko Kar Sakate Hain Manage - इंसुलिन पंप थैरेपी बच्चों की डायबिटीज को कर सकते हैं मैनेज

Insulin Pamp Thairepee Bachchon KI Diabetes ko Kar Sakate Hain Manage

Insulin Pamp Thairepee Bachchon KI Diabetes ko Kar Sakate Hain Manage            

Insulin Pamp Thairepee Bachchon KI Diabetes ko Kar Sakate Hain Manage - बच्चों में डायबिटीज होने पर इंसुलिन पंप थैरेपी के जरिए उनका उपचार किया जा सकता है। ये थैरेपी दर्दरहित व सुरक्षित है। इसे किसी भी उम्र के बच्चों को देने के लिए कहा जाता है क्योंकि इस उम्र में इंजेक्शन सही विकल्प नहीं है।भारत में डायबिटीज के रोगियों में पांच फीसदी बच्चे भी शामिल हैं।

नई तकनीक
बच्चे सुई चुभने के डर से कई बार इंजेक्शन नहीं लगवाते। इस समस्या का समाधान इंसुलिन पंप थैरेपी है।इस थैरेपी में मुख्य तौर पर इंसुलिन पंप इस्तेमाल होता है, जो एक छोटा उपकरण है। इसे बाहर से पहना जाता है या मोबाइल की तरह टांगा जा सकता है। ये रोगी के शरीर की जरूरत के अनुसार इंसुलिन की सटीक डोज देता रहता है। इंसुलिन के छोटे-छोटे लगातार डोज से रोगी का शरीर सामान्य तौर पर काम करता रहता है।' इंसुलिन पंप थैरेपी ने हाइपोग्लेसिमिया यानी ब्लड शुगर में कमी को काफी हद तक कम किया है और रोजाना कई इंसुलिन इंजेक्शन के मुकाबले ये थैरेपी लंबे समय तक शुगर को कंट्रोल करती है।

बीमारी होगी नियंत्रित
पारम्परिक इंसुलिन इंजेक्शन लेने के मुकाबले ये थैरेपी ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मददगार होती है। यह उपकरण एक कम्प्यूटराइज्ड यंत्र है जो मोबाइल जैसा होता है और जिसमें फौरन इंसुलिन भरकर डाल दिया जाता है।विशेषज्ञों के अनुसार ये थैरेपी ग्लूकोज का स्तर सामान्य बनाए रखने में मदद करती है। आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस दौर में ये स्वचालित तकनीक है, जब रोगी का ग्लूकोज स्तर बहुत कम हो जाता है तो
इंसुलिन डिलीवरी रुक जाती है।

बेसल व बोलस डोज
इस थैरेपी में बेसल और बोलस डोज का प्रयोग होता है। बेसल डोज इंसुलिन की वह मात्रा है जो मरीज को दिनभर दी जाती है, भले ही फिर आप कुछ भी करें। बेसल डोज की मात्रा डायबिटिक पर निर्भर करती है। जैसे बहुत से लोगों को सोते समय इंसुलिन की कम जरूरत होती है और कुछ को ज्यादा। इसी तरह किसी एक्टिविटी या भोजन के दौरान आपको कितने अतिरिक्त इंसुलिन की जरूरत है इस दर को बोलस रेट कहते हैं। इस उपकरण की मदद से मरीज को उसकी जरूरत के हिसाब से इंसुलिन मिलता रहता है।

जीवनशैली में बदलाव जरूरी
यह एक कम्प्यूटराइज्ड डिवाइस है इसलिए इसका प्रयोग एक्सपर्ट की देखरेख में करें। इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ खानपान, डाइट में अधिक फाइबर, फिजिकल एक्टिविटीज और वजन को नियंत्रित करने के साथ-साथ इस थैरेपी के प्रयोग से डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं।



Insulin Pamp Thairepee Bachchon KI Diabetes ko Kar Sakate Hain Manage - इंसुलिन पंप थैरेपी बच्चों की डायबिटीज को कर सकते हैं मैनेज Insulin Pamp Thairepee Bachchon KI Diabetes ko Kar Sakate Hain Manage - इंसुलिन पंप थैरेपी बच्चों की डायबिटीज को कर सकते हैं मैनेज Reviewed by health on January 12, 2019 Rating: 5

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