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Even after menopause, take periods seriously - मेनोपॉज के बाद भी आएं पीरियड्स तो गंभीरता से लें

Even after menopause, take periods seriously

Even after menopause, take periods seriously              


Even after menopause, take periods seriously - भारतीय महिलाओं में मेनोपॉज की औसत आयु 47.5 वर्ष है। इस दौरान महिलाओं में पीरियड्स का अंतराल बढ़ जाता है और रक्तस्राव भी कम होने लगता है। कुछ समय बाद पीरियड्स बंद हो जाते हैं। 54 वर्ष की उम्र के बाद पीरियड्स का आना एक असामान्य लक्षण है। ऐसे में महिलाओं को जांच करानी चाहिए। आमतौर पर 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को एक वर्ष तक पीरियड्स नहीं होते हैं, इस स्थिति को सामान्य मेनोपॉज कहते हैं। हालांकि इस एक वर्ष में महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की संभावना रहती है

हो सकते हैं कई कारण -
मेनोपॉज के बाद पीरियड्स (चाहे बहुत कम मात्रा में हो) खतरे का संकेत हैं। इसके कई कारण होते हैं। ऐसा यूट्रस या सर्विक्स (यू्ट्रस का मुंह) के कैंसर के कारण भी हो सकता है। लगभग 10 प्रतिशत महिलाओं में यही मुख्य कारण होता है। इसके अलावा जननांग में सुखाव, हार्मोन्स (एचआरटी) की ओरल डोज, यूट्रस या सर्विक्स (यूट्रस का मुंह) की रसौलियां (पॉलिप्स), यूट्रस की परत मोटी होना (हाइपरप्लेजिया), अंडाशय की गांठ, खून के थक्के जमने में रुकावट, चोट लगना आदि कारण हो सकते हैं।

टेस्ट कराएं -
मेनोपॉज के बाद पीरियड्स होने पर महिलाएं डॉक्टरी सलाह से जांच कराएं। इसके लिए पैप स्मीयर, सोनोग्राफी, एंडोमीट्रियल बायोप्सी, हिस्ट्रोस्कोपी, डी एंड सी जैसे टेस्ट किए जाते हैं।

इलाज -
यदि जांच में पता चलता है कि रक्तस्राव कैंसर के कारण हो रहा है तो स्त्री कैंसर रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। कैंसर की अवस्था व फैलाव के आधार पर सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी द्वारा पूर्ण इलाज संभव है। इसके बाद रोगी को नियमित अंतराल पर जांच जरूर करानी चाहिए।


Even after menopause, take periods seriously - मेनोपॉज के बाद भी आएं पीरियड्स तो गंभीरता से लें Even after menopause, take periods seriously - मेनोपॉज के बाद भी आएं पीरियड्स तो गंभीरता से लें Reviewed by health on January 31, 2019 Rating: 5

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