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Dengue Bukhaar Jad Se Door Kijye - डेंगू बुखार जड़ से दूर कीजिए

 Dengue Bukhaar Jad Se Door Kijye

 Dengue Bukhaar Jad Se Door Kijye                

 Dengue Bukhaar Jad Se Door Kijye - आयुर्वेद में मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द वात और इंटरनल ब्लीडिंग पित्त के बढ़ने का संकेत माना जाता है। आयुर्वेदिक सिद्धांत के अनुसार वात और पित्त का बढ़ा हुआ रूप ही डेंगू होता है। डेंगू मच्छर के काटने पर इस बीमारी की शुरुआत जठराग्नि (भूख) कम होने और टॉक्सिन यानी शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ इकट्ठा होने के कारण होती है। इसके बाद वात और पित्त दोष बढ़ने लगते हैं। शरीर, सिर और मांसपेशियों में दर्द, उल्टी होना व इंटरनल ब्लीडिंग डेंगू बुखार के लक्षण हैं।

वात व पित्त का संतुलन
टॉक्सिन्स यानी विषैले पदार्थों को पचाने, जठराग्नि बढ़ाने, वात और पित्त को संतुलित करने व बुखार को कम करने के लिए गुडुचि, मुस्ता, परपटक, खस, संदल (चंदन), धनवयास और पाठा जैसी जड़ी-बूटियां लाभकारी होती हैं। पित्त को संतुलित करने और खून बहने से रोकने के लिए ठंडक प्रदान करने वाली दवाएं जैसे खस,संदल, कामादुधा रस, चन्द्रकला रस आदि दिया जाता है।

ये भी करें
रोगी को पीने के लिए गुनगुना पानी देना चाहिए और नहाने की जगह शरीर को गीले कपड़े से पोंछना चाहिए।

एक्सपर्ट की राय
डेंगू का वायरस अस्थिमज्जा (बोनमैरो) पर अटैक करता है जिसके कारण प्लेटलेट्स का बनना रुक जाता है। इनकी संख्या में ज्यादा कमी आने से इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। तला-भुना, मसालेदार और मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए। रसदार फल जैसे अंजीर व पपीता खाएं जबकि केला और आम जैसे भारी फलों से परहेज करना चाहिए।
(नोट: आपके लक्षण भिन्न हो सकते हैं इसलिए इन औषधियों का प्रयोग डॉक्टरी सलाह से करें)

दलिया भी उपयोगी
जठराग्नि (भूख) कम होने और पाचन तंत्र में विषैले तत्वों के बढ़ जाने की स्थिति में रोगी को बहुत हल्का भोजन दिया जाना चाहिए। विभिन्न दालों का पानी व चावल का मांड और दलिया संतुलित भोजन हो सकता है। भोजन के मामले में लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।


Dengue Bukhaar Jad Se Door Kijye - डेंगू बुखार जड़ से दूर कीजिए  Dengue Bukhaar Jad Se Door Kijye - डेंगू बुखार जड़ से दूर कीजिए Reviewed by health on January 16, 2019 Rating: 5

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