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Daant-Masoodon Ki ye Khatarnaak Bimaariyaan - दांत-मसूड़ों की ये खतरनाक बीमारियां

Daant-Masoodon Ki ye Khatarnaak Bimaariyaan

Daant-Masoodon Ki ye Khatarnaak Bimaariyaan       

Daant-Masoodon Ki ye Khatarnaak Bimaariyaan - दांतों की सही देखभाल न करने से सांसों में बदबू और मसूड़ों की तकलीफ ही नहीं बल्कि दिल की बीमारी, स्ट्रोक, डायबिटीज और कई अन्य घातक बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ने लगता है।

हैलिटोसिस -
दांतों के बीच फंसे भोजन के कणों को निकालने के लिए फ्लॉसिंग न करने से बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया भोजन के कणों को सड़ाकर सल्फरडाइऑक्साइड पैदा करते हैं, जिससे सड़न हो जाती है।

उपाय : रोजाना दो बार ब्रश करें और फ्लॉसिंग या इस जैसी कोई क्रिया जरूर करें। दांत साफ करने के लिए किसी नुकीली चीज का प्रयोग न करें।

पेरिओडॉन्टल बीमारी -
इसमें दांतों के आसपास की हड्डियां ढीली हो जाती हैं और दांत असमय ही गिरने लगते हैं।
उपाय : ब्रश और फ्लॉसिंग के साथ साल में एक बार दांतों का चेकअप कराएं। डेंटिस्ट को अपनी समस्या बताएं और पूरा इलाज जरूर कराएं।

एस्थरोस्कलेरोसिस -
यह रोग दांतों से शुरू होकर दिमाग पर भारी पड़ता है। इसमें जीवाणु धमनियों की दीवारों में थक्का जमाने लगते हैं। जिससे मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति न होने पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

उपाय : मीठा खाने के बाद कुल्ला जरूर करें।

डायबिटीज -
अमरीका में हुई रिसर्च के अनुसार डायबिटीज से पीडि़त 95 प्रतिशत लोगों को पेरिओडॉन्टल होने का खतरा रहता है और उनमें से एक तिहाई लोगों के दांत असमय गिर जाते हैं।
उपाय : डायबिटीज की बीमारी खराब जीवनशैैली के कारण और घातक होती जा रही है। ऐसे में यदि आप दांतों की सही देखभाल नहीं करेंगे
तो डायबिटीज का खतरा और बढ़ेगा। इसके लिए जरूरी है कि आप साल में एक बार दंत रोग विशेषज्ञ से चेकअप जरूर कराएं। खाना खाने के बाद और खासकर मीठे के बाद कुल्ला जरूर करें। डायबिटीज के रोगियों के लिए जरूरी है कि वे अपना वजन नियंत्रण में रखें और डॉक्टरी सलाह से अपने खानपान में बदलाव करें।

पुरुषों को खतरा : पेरिओडॉन्टल बैक्टीरिया से धमनियां ब्लॉक होने के कारण रक्त आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती। जिससे पुरुषों की यौन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

उपाय : दांतों व मसूड़ों की सही देखभाल।

दिल की बीमारी -
रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों को दांतों के पेरिओडॉन्टल नामक बीमारी होती है ऐसे लोगों को दिल की बीमारी होने का दोगुना खतरा होता है। जब मुंह में पेरिओडॉन्टल नामक बैक्टीरिया पैदा होते हैं तो वे प्लाक के साथ मिलकर मसूड़ों के जरिए खून में मिल जाते हैं और धमनियों को सिकोड़कर दिल की बीमारी का कारण बनते हैं। मसूड़ों की बीमारी, कैविटीज और टूटे दांत आपको कोलेस्ट्रॉल लेवल की तरह दिल की बीमारियों के खतरे का संकेत देते हैं।

उपाय : यदि आपके परिवार में हृदय रोग की समस्या है तो आप खतरे में हैं। अपनी मुंह और दांतों की विशेष देखभाल के लिए आज ही डेंटिस्ट से सलाह लें।

ऐसे करें दांतों की सफाई -
सांस रोग - मुंह के बैक्टीरिया खून के जरिए फेफड़ों तक पहुंचकर आपकी सांस क्रिया को असंतुलित कर सकते हैं।
उपाय : मुंह और जीभ पर चिकनाई न होने दें। अच्छे टूथब्रश और पेस्ट से दो बार ब्रश और फ्लॉसिंग करें। तीन माह में टूथब्रश बदल लें। खराब ब्रसेल्स वाले टूथब्रश का प्रयोग न करें।

क्या आप जानते हैं कि...
गर्भवती महिलाओं में यदि दांतों -मसूड़ों की समस्या हो तो समय पूर्व डिलीवरी होने और कम वजन का बच्चा होने की आशंका सात गुना तक बढ़ जाती है। मसूड़ों की समस्या धूम्रपान करने वाले लोगों में ज्यादा होती है।



Daant-Masoodon Ki ye Khatarnaak Bimaariyaan - दांत-मसूड़ों की ये खतरनाक बीमारियां Daant-Masoodon Ki ye Khatarnaak Bimaariyaan - दांत-मसूड़ों की ये खतरनाक बीमारियां Reviewed by health on January 26, 2019 Rating: 5

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