Bukhar Mein Bachche Ko Pade Daura To Bhool Kar BHi Na Karein Ye Kam - बुखार में बच्चे काे पड़े दाैरा ताे भूल कर भी ना करें ये काम
Bukhar Mein Bachche Ko Pade Daura To Bhool Kar BHi Na Karein Ye Kam |
फेब्राइल सीजर के प्रकार
मुख्यत: साधारण फेब्राइल सीजर थोड़ी देर के लिए आते हैं और यह दौरे वंशानुगत नहीं होते हैं। इन बच्चों में न्यूरोलॉजिकल परीक्षण सामान्य होता है। कॉम्पलेक्स फेब्राइल सीजर आंशिक या पूर्ण व ज्यादा देर तक रहते
हैं। ये वंशानुगत भी हो सकते हैं। इन बच्चों में न्यूरोलॉजिकल परीक्षण सामान्य नहीं होता है।
चिंता की बात तब
दौरे की फैमिली हिस्ट्री होने, न्यूरोलोजिकल परीक्षण सामान्य ना होने या जन्मजात कोई दोष में से कोई एक भी वजह हो तो 6-8 प्रतिशत लोगों को मिर्गी हो सकती है।
दौरे पड़ने पर क्या करें?
बच्चे को करवट से लिटा दें। मुंह में कुछ नहीं डालें। उसके आसपास से नुकीली चीजें हटा दें। उसे घेर कर खड़े न हों और बच्चे को हवा लगने दें। उसके टाइट कपड़े खोल दें। अगर मिर्गी का दौरा हो तो ध्यान दें कि वह अपनी जीभ न काट ले। दौरे के बाद बच्चा अपने आप नॉर्मल हो जाता है। एक दिन में अगर चार से पांच बार किसी बच्चे को दौरे पड़े तो उसे तुरन्त डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
दौरे पड़ने पर ये न करें?
- जूता न सुंघाएं, मुंह पर पानी न डालें।
- अंधविश्वास में झाड़-फूंक न कराएं।
- मुंह में कपड़ा न ठूंसें, मरीज को पकड़े नहीं।
बुखार-जुकाम का इलाज
विशेषज्ञाें के अनुसार फेब्राइल सीजर ज्यादातर खतरनाक नहीं होते और ज्यादातर तेज बुखार होने से ही आते हैं। ऐसे में बच्चे का बुखार मापकर माथे पर ठंडी पट्टियां या पैरासिटामोल का इंजेक्शन लगाना चाहिए। बाद में शिशु रोग विशेषज्ञ से बुखार, जुकाम आदि का इलाज करवाना चाहिए।
Bukhar Mein Bachche Ko Pade Daura To Bhool Kar BHi Na Karein Ye Kam - बुखार में बच्चे काे पड़े दाैरा ताे भूल कर भी ना करें ये काम
Reviewed by health
on
January 13, 2019
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