Bachche ki Handwriting se Jaanein Kahein vo Tenshan Mein to Nahin - बच्चे की हैंडराइटिंग से जानें कहीं वो टेंशन में तो नहीं
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Bachche ki Handwriting se Jaanein Kahein vo Tenshan Mein to Nahin |
Bachche ki Handwriting se Jaanein Kahein vo Tenshan Mein to Nahin- बच्चों की हैंडराइटिंग से उनके मन में छिपी टेंशन या मानसिक दबाव का पता लगाकर उपचार किया जा सकता है। कई स्कूल प्रबंधकों ने अपने छात्रों पर हैंडराइटिंग थैरेपी के प्रयोग किए तो इस बात की पुष्टि भी हो गई। इसमें बच्चे द्वारा लिखे अक्षर की बनावट, आकार, दबाव, लहर आदि का विश्लेषण होता है।
यदि बच्चा किसी पंक्ति में जगह छोड़कर अगली पंक्ति में लिखना शुरू करता है तो उसमें धैर्य व एकाग्रता की कमी है। कई बच्चे शब्दों को दबाव देकर लिखते हैं, ऐसे बच्चे अपने आस-पास के माहौल से परेशान होते हैं।
ये भी होते हैं लक्षण -
यदि बच्चा अपने लिखे हुए को बार-बार काटे या उसे नाखून से खरोंचकर उस पर फिर से लिखने लगे तो ऐसी स्थिति में उसमें आत्मविश्वास की कमी होती है। इन हालात में माता-पिता बच्चों को डांटने की बजाय उसके साथ प्यार से पेश आएं। बच्चे के साथ दोस्त जैसा बर्ताव करें और उससे स्कूल या ट्यूशन में आ रही दिक्कतों के बारे में पूछें।
यदि बच्चा अपने लिखे हुए को बार-बार काटे या उसे नाखून से खरोंचकर उस पर फिर से लिखने लगे तो ऐसी स्थिति में उसमें आत्मविश्वास की कमी होती है। इन हालात में माता-पिता बच्चों को डांटने की बजाय उसके साथ प्यार से पेश आएं। बच्चे के साथ दोस्त जैसा बर्ताव करें और उससे स्कूल या ट्यूशन में आ रही दिक्कतों के बारे में पूछें।
Bachche ki Handwriting se Jaanein Kahein vo Tenshan Mein to Nahin - बच्चे की हैंडराइटिंग से जानें कहीं वो टेंशन में तो नहीं
Reviewed by health
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January 06, 2019
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