Aljaimar Se Bachne Ke Liye Apnaein Sakaraatmak Soch |
Aljaimar Se Bachne Ke Liye Apnaein Sakaraatmak Soch - डिमेंशिया रोग का एक प्रकार है अल्जाइमर। इसमें व्यक्ति की याददाश्त और सोचने संबंधी आदतें प्रभावित होती हैं। दुनियाभर में लगभग 213 करोड़ से अधिक व्यक्ति डिमेंशिया से ग्रस्त हैं जो इस रोग को एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनाते हैं। 2030 में यह संख्या दोगुनी होने की आशंका है।
अल्जाइमर में मस्तिष्क की कोशिकाओं का आपस में संपर्क खत्म हो जाता है और वे मरने लगती हैं। आमतौर पर यह समस्या 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पाई जाती है। इसमें मस्तिष्क में कुछ रसायनों की मात्रा कम होने लगती है। ये रसायन मस्तिष्क में सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए जरूरी होते हैं। यह एक लगातार बढ़ने वाला रोग है। रोग के बढ़ने की दर हरेक व्यक्ति में अलग होती है।
लक्षण पहचानना मुश्किल -
शुरुआती चरण में लक्षणों को न पहचान पाना एक आम समस्या है। याददाश्त में समस्या हो तो भी इसे बढ़ती उम्र का नतीजा समझा जाता है और व्यक्ति या परिवार वाले डॉक्टर से सामान्य चेकअप के वक्त इसका जिक्र तक नहीं करते। अन्य समस्याओं जैसे कि कन्फ्यूजन, उदासीनता, चरित्र में बदलाव आदि में भी लोग यह नहीं सोचते कि यह किसी बीमारी के कारण है। इन कारणों की वजह से कई डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्तियों का शुरुआती समय में इलाज नहीं होता और परिवार वाले व्यक्ति को डॉक्टर के पास तभी ले जाते हैं जब डिमेंशिया मध्य या अग्रिम अवस्था में होता है। इसके शुरुआती लक्षण हो सकते हैं-
लक्षण -
व्यक्तित्व में बदलाव।
बोलने में परेशानी होना।
सामाजिक तौर-तरीके भूल जाना।
चलने या संतुलन में परेशानी।
लोगों से कटे-कटे रहना।
इन्हें रहता है खतरा
फैमिली हिस्ट्री होने पर इसकी आशंका बढ़ जाती है।
बोलने में परेशानी होना।
सामाजिक तौर-तरीके भूल जाना।
चलने या संतुलन में परेशानी।
लोगों से कटे-कटे रहना।
इन्हें रहता है खतरा
फैमिली हिस्ट्री होने पर इसकी आशंका बढ़ जाती है।
डाउन सिंड्रोम (बौद्धिक क्षमता व सोचने समझने के स्तर में कमी) से पीड़ित लोगों में इसका खतरा रहता है।
कभी सिर में गंभीर चोट लगी हो तो इसका खतरा बढ़ जाता है।
जो लोग धूम्रपान करते हैं, जिनके शरीर में ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है या जिन्हें डायबिटीज होती है, उनमें इस रोग की आशंका अधिक होती है।
कभी सिर में गंभीर चोट लगी हो तो इसका खतरा बढ़ जाता है।
जो लोग धूम्रपान करते हैं, जिनके शरीर में ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है या जिन्हें डायबिटीज होती है, उनमें इस रोग की आशंका अधिक होती है।
इलाज -
इसका उपचार परीक्षण, ब्लड जांच और ब्रेन स्कैन पर निर्भर करता है। यह भी संभव है कि व्यक्ति को ऐसा डिमेंशिया हो जो दवा से दूर नहीं किया जा सकता। लेकिन कुछ ऐसी दवाइयां भी हैं जो रोग को खत्म नहीं कर सकतीं लेकिन लक्षणों को कम कर सकती हैं और व्यक्ति का जीवन पहले से अधिक सामान्य हो सकता है। इससे याददाश्त में सुधार होता है। उपचार को टालते रहने से रोगी इस राहत से वंचित रहते हैं। देखभाल के सही तरीके सीखना व उपयोग में लाना तभी कारगर हो सकता है जब परिवार समझे कि व्यक्ति को डिमेंशिया है और फिर उसके लिए व्यवहार और अन्य तरीके बदलें।
इसका उपचार परीक्षण, ब्लड जांच और ब्रेन स्कैन पर निर्भर करता है। यह भी संभव है कि व्यक्ति को ऐसा डिमेंशिया हो जो दवा से दूर नहीं किया जा सकता। लेकिन कुछ ऐसी दवाइयां भी हैं जो रोग को खत्म नहीं कर सकतीं लेकिन लक्षणों को कम कर सकती हैं और व्यक्ति का जीवन पहले से अधिक सामान्य हो सकता है। इससे याददाश्त में सुधार होता है। उपचार को टालते रहने से रोगी इस राहत से वंचित रहते हैं। देखभाल के सही तरीके सीखना व उपयोग में लाना तभी कारगर हो सकता है जब परिवार समझे कि व्यक्ति को डिमेंशिया है और फिर उसके लिए व्यवहार और अन्य तरीके बदलें।
जोखिम कम करने के उपाय -
ये आदतें बेहतर दिमाग रखने मे मददगार साबित हो सकती हैं-
ये आदतें बेहतर दिमाग रखने मे मददगार साबित हो सकती हैं-
मानसिक व्यायाम- शारीरिक और मानसिक गतिविधियों को हर रोज बढ़ाएं। व्यायाम आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखता हैै। हल्का व्यायाम मनोरोगों को रोकने के लिए सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है।
स्वस्थ खानपान : साबुत अनाज,फल, सब्जियां और सूखे मेवे। इनके अलावा शोध में पाया गया है कि हल्दी
और नारियल तेल रक्षात्मक होने के साथ-साथ नए मस्तिष्क कोशिकाओं की वृद्धि में मददगार साबित होते हैं।
वजन नियंत्रण में रखना जरूरी -
धूम्रपान न करें। हमेशा अपने पुराने रोगों के इलाज के लिए डॉक्टर की मदद लें जैसे उच्च रक्तचाप, उच्च रक्तशर्करा और असामान्य लिपिड।
धूम्रपान न करें। हमेशा अपने पुराने रोगों के इलाज के लिए डॉक्टर की मदद लें जैसे उच्च रक्तचाप, उच्च रक्तशर्करा और असामान्य लिपिड।
मन को चुनौती दें - सेवानिवृत्ति को टालें या खुद को सुकून देने वाले किसी अच्छे कार्य में खुद को लगाएं। एक से अधिक भाषा सीखना और बोलना भी काफी मददगार साबित हो सकता है। एक मजबूत सामाजिक नेटवर्क की कमी, नकारात्मक मानसिकता और उद्देश्य का अभाव डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकता है। ऐसे में सकारात्मक सोच और जीने का उद्देश्य तो जरूर होना ही चाहिए।
Aljaimar Se Bachne Ke Liye Apnaein Sakaraatmak Soch - अल्जाइमर से बचने के लिए अपनाएं सकारात्मक सोच
Reviewed by health
on
January 11, 2019
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