Agar Datpn Mein Hai Gape To Use Luckey Na Samjhe |
Agar Datpn Mein Hai Gape To Use Luckey Na Samjhe - दांतों में गैप को लोग अक्सर लकी मानते हैं लेकिन असल में यह जबड़े, दांतों या पायरिया से जुड़ी समस्या हो सकती है। यह गैप दूध के दांतों में नहीं बल्कि परमानेंट दांतों में होता है। आइए जानते हैं इससे जुड़े तथ्यों के बारे में।
इसलिए होता है गैप -
आमतौर पर हमारे नीचे वाले दांतों की तुलना में ऊपर के दांतों में स्पेस होता है। यह स्पेस दांतों का साइज छोटा व जबड़े का साइज बड़ा होने से हो सकता है।
आमतौर पर हमारे नीचे वाले दांतों की तुलना में ऊपर के दांतों में स्पेस होता है। यह स्पेस दांतों का साइज छोटा व जबड़े का साइज बड़ा होने से हो सकता है।
दांतों का आकार सामान्य लेकिन जबड़े का साइज अत्यधिक होने से भी दांतों के बीच में गैप आ जाता है।
सभी दांतों का आकार बहुत छोटा होने पर। सभी 32 दांतों में से 2-4 दांत कम आने से भी गैप हो जाता है।
लंबे समय तक जब व्यक्ति पायरिया का इलाज नहीं कराता तो दांत अपनी जगह से खिसकने लगते हैं जिससे खाली जगह बनने लगती है।
लेट्रल इंसाइजर (सामने के दांतों से सटा दांत) का आकार सामान्य से बहुत छोटा होने पर भी दांतों में गैप आ जाता है।
सभी दांतों का आकार बहुत छोटा होने पर। सभी 32 दांतों में से 2-4 दांत कम आने से भी गैप हो जाता है।
लंबे समय तक जब व्यक्ति पायरिया का इलाज नहीं कराता तो दांत अपनी जगह से खिसकने लगते हैं जिससे खाली जगह बनने लगती है।
लेट्रल इंसाइजर (सामने के दांतों से सटा दांत) का आकार सामान्य से बहुत छोटा होने पर भी दांतों में गैप आ जाता है।
सर्जरी से हो सकते हैं ठीक :
विनियर्स लेमिनेट्स -
इस सर्जरी में दांतों की इनेमल लेयर को घिसकर पतली-पतली दो परत बनाई जाती हैं जिन्हें गेप वाले दांतों के ऊपर लगा दिया जाता है। इसके लिए आधे घंटे की 2-3 सीटिंग लेनी पड़ती है और 5-8 हजार का खर्च आता है।
इस सर्जरी में दांतों की इनेमल लेयर को घिसकर पतली-पतली दो परत बनाई जाती हैं जिन्हें गेप वाले दांतों के ऊपर लगा दिया जाता है। इसके लिए आधे घंटे की 2-3 सीटिंग लेनी पड़ती है और 5-8 हजार का खर्च आता है।
जैकेट क्राउन -
जब दांतों के बीच का गैप 4 मिलिमीटर से ज्यादा होता है तो दांतों को चारों तरफ से पूरी तरह से घिसकर उन पर कैप लगा दी जाती है।
जब दांतों के बीच का गैप 4 मिलिमीटर से ज्यादा होता है तो दांतों को चारों तरफ से पूरी तरह से घिसकर उन पर कैप लगा दी जाती है।
कॉम्पॉजिट विनियर्स ट्रीटमेंट -
अगर सेंट्रल इंसाइजर (सामने के दो दांत) में कम गैप होता है तो इस ट्रीटमेंट से दांतों की चौड़ाई बढ़ाकर गैप कम किया जाता है। इसमें कॉम्पॉजिट मैटीरियल (दांतों के रंग से मिलती-जुलती) फिलिंग इस्तेमाल होती है। यह आधे घंटे की एक सिटिंग में ही हो जाता है।
अगर सेंट्रल इंसाइजर (सामने के दो दांत) में कम गैप होता है तो इस ट्रीटमेंट से दांतों की चौड़ाई बढ़ाकर गैप कम किया जाता है। इसमें कॉम्पॉजिट मैटीरियल (दांतों के रंग से मिलती-जुलती) फिलिंग इस्तेमाल होती है। यह आधे घंटे की एक सिटिंग में ही हो जाता है।
ध्यान रखें : अगर आपको किसी मैटीरियल (रेसिन/सिरेमिक) से एलर्जी है तो इसके बारे में अपने डेंटिस्ट को पहले ही बता दें।
Agar Datpn Mein Hai Gape To Use Luckey Na Samjhe - अगर दांतों में है गैप तो उसे लकी न समझें
Reviewed by health
on
January 12, 2019
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