sardion mein bhi pani pine mein kami na kare
जयपुर. दिल के रोगियों के लिए सर्दियों में शरीर से पसीना न निकलने से हार्ट, एंजाइना (हृदय की मांसपेशियों में कम रक्त प्रवाह से छाती का दर्द) व ब्लड प्रेशर के मरीजों को दवा की मात्रा में बदलाव जरूरी होता है। सर्दियों में तापमान कम होने से रक्त नलिकाएं संकरी हो जाती हैं। रक्त संचरण के लिए हार्ट पर दबाव बढ़ जाता है। इसलिए ब्लड प्रेशर बढ़ता है। सुबह रक्तचाप में बदलाव हृदयाघात व कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में भी पानी की कमी हार्ट अटैक का कारण बनती है। कृत्रिम हार्ट वॉल्व व एंजियोप्लास्टी कराने वाले मरीजों के शरीर में स्टेंट लगा होता है। पानी की कमी के चलते रक्त गाढ़ा होने लगता है। वह हृदय के स्नायुओं से चिपकने लगता है, जिससे स्टेंट अवरुद्घ हो जाता है।
खिड़की-दरवाजे बंद रखें
इस मौसम में अपने शरीर को ऊनी और गर्म कपड़ों से ढककर स्ट्रोक की आशंका को कम कर सकते हैं। खिड़की-दरवाजे बंद रखें और पर्दे डालकर रखें, ताकि कमरे में गर्मी बनी रहे। कमरे का नॉर्मल तापमान 18 से 21 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर है, सर्दियों में सुबह उनका ब्लडप्रेशर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है।
इसलिए अलसुबह हार्ट अटैक ज्यादा
- बीपी की दवा का असर अलसुबह तक खत्म
- हार्मोनल बदलाव, बीपी सर्ज यानी अलसुबह ब्लडपे्रशर का दबाव तेजी से बढऩा भी कारण
- बीपी के मरीजों में सिर्फ एक बार दवा लेने के कारण सर्दी में दिक्कत ज्यादा बढ़ती
जीवनशैली-खानपान में सुधार
- नियमिति वॉक, ब्रिस्क वॉक, रनिंग, योग व व्यायाम करें जब तक कि शरीर से खूब पसीना न आए
- बीपी की जांच के अलावा जरूरी है कि समय-समय पर एम्बुलेटरी टेस्ट (24 घंटे) कराएं
- खानपान में नमक कम लें और पानी ज्यादा पीएं
- ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखें, पौष्टिक और संतुलित खानपान रखें
- सर्दियों में जरूरत के अनुसार पानी पीएं।
सर्दिओं में भी पानी पीने में कमी न करे sardion mein bhi pani pine mein kami na kare
Reviewed by health
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December 04, 2018
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