पीएच लेवल संतुलन में लाएं आैर मुंहासाें से छुटकारा पाएं/pH leval santulan me laen aur munhasen se chhutakaara paen

pH leval santulan me laen aur munhasen se chhutakaara paen
चेहरे पर मुंहासे या शरीर में कहीं भी फुंसी की समस्या हमारी त्वचा में पीएच लेवल के बढ़ने की वजह से होती है।जानते हैं इसे संतुलित रखने के उपायों के बारे में।
क्या है पीएच
पीएच यानी पावर ऑफ हाइड्रोजन। हाइड्रोजन के अणु किसी भी उत्पाद में उसकी अम्लीय (एसिडिक) या क्षारीय (अल्कलाइन) प्रवृत्ति को तय करते हैं। जैसे पीएच 1 या 2 है तो उत्पाद अम्लीय है और अगर पीएच 13 या 14 है तो क्षारीय। अगर पीएच 7 है तो न्यूट्रल।
त्वचा की देखभाल
त्वचा रोग विशेषज्ञाें के अनुसार त्वचा का पीएच लेवल 4.4-5.5 के बीच होता है। अगर यह 5 से कम है तो एसिडिक एन्वायरन्मेंट से बैक्टीरिया हम पर हमला नहीं करते और त्वचा स्वस्थ रहती है लेकिन पीएच 6,7 या 8 हो जाए तो फोड़े-फुंसी या मुंहासों जैसी समस्या होने लगती हैं।
एसिडिक फेसवॉश
कई बार मरीज मुंहासों या फोड़े-फुंसियों की वजह जानने के लिए कई हार्मोनल टेस्ट करवाते हैं लेकिन सारी रिपोट्र्स नॉर्मल आती हैं। ऐसे में इनकी वजह जानने के लिए विशेषज्ञ की सहायता से पीएच का लेवल जानना चाहिए और डॉक्टरी सलाह से ही एसिडिक फेसवॉश या साबुन लगाना चाहिए।
बालों की सेहत
सिर की त्वचा के लिए भी पीएच 5 से कम होता है। जब सिर की त्वचा का पीएच अल्कलाइन हो जाता है तो फंगल इंफेक्शन की वजह से डैंड्रफ की समस्या हो जाती है। इसलिए एसिडिक शैंपू का ही प्रयोग करें।
खानपान में सुधार
अगर पीएच लेवल बढऩे से आपको मुंहासों, फोड़े-फुंसियों की समस्या या रूसी हो रही है तो सब्जियां और फल को अपनी डाइट में शामिल करें, ये एसिडिक डाइट होती है। इसके अलावा आलू, चावल और तली हुई चीजों से परहेज करें। इनमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो कि अल्कलाइन डाइट का हिस्सा है। इसके अलावा नियमित व्यायाम से भी पीएच लेवल को दुरुस्त रखा जा सकता है।
पीएच लेवल संतुलन में लाएं आैर मुंहासाें से छुटकारा पाएं/pH leval santulan me laen aur munhasen se chhutakaara paen
Reviewed by health
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December 28, 2018
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