Shareer mein sodiyam-poteshiyam ka rakhen bailens
सोडियम और पोटेशियम शरीर के सबसे महत्वपूर्ण खनिज तत्व हैं, इन्हीं से शरीर की कई महत्वपूर्ण मेटाबॉलिज्म क्रियाएं संपन्न होती हैं। शरीर की हर कोशिका के अंदर और बाहर इन दोनों की सही मात्रा सेहत ही नहीं, बल्कि हर एक क्रिया के लिए जरूरी है। इन दोनों के बीच में संतुलन रहना जरूरी होता है।
यह है सोडियम-पोटेशियम -
ये ब्लड में होते हैं, इन्हें इलेक्ट्रोलाइट्स कहते हैं। ये हृदय, मांसपेशियों व दिमाग की कार्यप्रणाली में मदद करते हैं। इनके लेवल को किडनी कंट्रोल करती है। सोडियम हमें नमक से मिलता है, पोटेशियम फलों व सब्जियों से मिलता है।
ये ब्लड में होते हैं, इन्हें इलेक्ट्रोलाइट्स कहते हैं। ये हृदय, मांसपेशियों व दिमाग की कार्यप्रणाली में मदद करते हैं। इनके लेवल को किडनी कंट्रोल करती है। सोडियम हमें नमक से मिलता है, पोटेशियम फलों व सब्जियों से मिलता है।
कमी और अधिकता -
सोडियम की कमी को हाइपोनेट्रीमिया कहा जाता है और पोटेशियम की कमी को हाइपोकैलीमिया कहते हैं। इसी तरह सोडियम की अधिकता को हाइपरनेट्रीमिया कहते हैं जबकि पोटेशियम ज्यादा होने की स्थिति हाइपरकैलीमिया कहलाती है। शरीर में सोडियम की सामान्य मात्रा 136-140 मिलिग्राम इक्वीलेंट प्रति लिटर और पोटेशियम 3.5-5.0 मिलिग्राम इक्वीलेंट प्रति लिटर होनी चाहिए।
सोडियम की कमी को हाइपोनेट्रीमिया कहा जाता है और पोटेशियम की कमी को हाइपोकैलीमिया कहते हैं। इसी तरह सोडियम की अधिकता को हाइपरनेट्रीमिया कहते हैं जबकि पोटेशियम ज्यादा होने की स्थिति हाइपरकैलीमिया कहलाती है। शरीर में सोडियम की सामान्य मात्रा 136-140 मिलिग्राम इक्वीलेंट प्रति लिटर और पोटेशियम 3.5-5.0 मिलिग्राम इक्वीलेंट प्रति लिटर होनी चाहिए।
ब्लड टेस्ट -
कमी या अधिकता की जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह पर ब्लड टेस्ट करवाएं हैं, जिसे सीरम इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट कहते हैं। इसका खर्च लगभग 200 रुपए होता है।
कमी या अधिकता की जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह पर ब्लड टेस्ट करवाएं हैं, जिसे सीरम इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट कहते हैं। इसका खर्च लगभग 200 रुपए होता है।
शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए विज्ञान की जटिल बातें समझना भी बेहद जरूरी है। इसी कड़ी में बात करते हैं सोडियम और पोटेशियम के संतुलन की। गर्मियों के दिनों में अत्यधिक पसीने और उल्टी व दस्त के कारण सोडियम और पोटेशियम संतुलन गड़बड़ा जाए तो किडनी और हृदय पर घातक असर पड़ सकता है।
पुराने लोग ज्यादा जागरूक -
इंटरनल मेडिसिन नामक जर्नल के पुराने संदर्भों से पता चला है कि हमारे पूर्वज अपने आहार में सोडियम की तुलना में 16 गुना ज्यादा पोटेशियम लेते थे। लेकिन नए दौर के लोग इसका उल्टा करते हैं। हमारे आहार में सोडियम भरपूर है और पोटेशियम कम। यही कारण है कि कार्डियोवस्क्यूलर यानी दिल की बीमारियां बढ़ रही है।
इंटरनल मेडिसिन नामक जर्नल के पुराने संदर्भों से पता चला है कि हमारे पूर्वज अपने आहार में सोडियम की तुलना में 16 गुना ज्यादा पोटेशियम लेते थे। लेकिन नए दौर के लोग इसका उल्टा करते हैं। हमारे आहार में सोडियम भरपूर है और पोटेशियम कम। यही कारण है कि कार्डियोवस्क्यूलर यानी दिल की बीमारियां बढ़ रही है।
दिल के मामले में -
हृदय के मामले में सोडियम और पोटेशियम एक-दूसरे के विरोधी हैं। जब हम ज्यादा नमक वाली चीजें खाते हैं, तो शरीर में सोडियम की मात्रा बढऩे से ब्लड प्रेशर और रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है। जबकि यदि पोटेशियम की मात्रा ज्यादा ली जाए तो ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है। पोटेशियम शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड रसायन को सक्रिय करता है, जिससे धमनियों में दबाव और रक्तचाप घटता है।
हृदय के मामले में सोडियम और पोटेशियम एक-दूसरे के विरोधी हैं। जब हम ज्यादा नमक वाली चीजें खाते हैं, तो शरीर में सोडियम की मात्रा बढऩे से ब्लड प्रेशर और रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है। जबकि यदि पोटेशियम की मात्रा ज्यादा ली जाए तो ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है। पोटेशियम शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड रसायन को सक्रिय करता है, जिससे धमनियों में दबाव और रक्तचाप घटता है।
नमक की सही मात्रा जरूरी -
लंबे समय तक नमक की अधिक मात्रा लेने से ब्लड प्रेशर, हृदय और किडनी के मरीजों को काफी नुकसान हो सकता है, इसलिए एक दिन में 6 ग्राम से ज्यादा नमक ना खाएं। टेबल सॉल्ट यानी खाने में ऊपर से नमक डालना बंद कर दें। पापड़, चटनी, अचार, प्रिजर्व और फास्ट फूड आदि ना खाएं। चपाती बनाते समय उसमें नमक ना डालें और दाल व सब्जी में भी कम ही प्रयोग करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, केला, मौसमी, आलू, आलूबुखारा, तरबूज, खरबूजा आदि फलों में भरपूर पोटेशियम होता है।
लंबे समय तक नमक की अधिक मात्रा लेने से ब्लड प्रेशर, हृदय और किडनी के मरीजों को काफी नुकसान हो सकता है, इसलिए एक दिन में 6 ग्राम से ज्यादा नमक ना खाएं। टेबल सॉल्ट यानी खाने में ऊपर से नमक डालना बंद कर दें। पापड़, चटनी, अचार, प्रिजर्व और फास्ट फूड आदि ना खाएं। चपाती बनाते समय उसमें नमक ना डालें और दाल व सब्जी में भी कम ही प्रयोग करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, केला, मौसमी, आलू, आलूबुखारा, तरबूज, खरबूजा आदि फलों में भरपूर पोटेशियम होता है।
Shareer me Shodium-Potassium ka rakhen bailens/ शरीर में सोडियम-पोटेशियम का रखें बैलेंस
Reviewed by health
on
December 13, 2018
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