Kya hai Cancer phobia jane iske bare mein
कुछ लोग मुंह और गले की तकलीफ को कैंसर समझकर कैंसर फोबिया से ग्रसित हो जाते हैं, जबकि जरूरी नहीं कि उन्हें कैंसर हो। ये कुछ ऐसी अवस्थाएं हैं जिनमें समय रहते ही सावधानी बरती जाए तो आगे चलकर इनके कैंसर में बदलने की आशंका से बचा जा सकता है।
ल्यूकोप्लेकिया : इस अवस्था में मुंह के अंदर कहीं भी सफेद रंग के चकत्ते या धब्बे बन जाते हैं, जिन्हें रगड़कर नहीं हटाया जा सकता। एक अन्य अवस्था लाइकेनप्लेनस होती है जिसमें बहुत हल्के नीले रंग के झिल्लीनुमा धब्बे बन जाते हैं।
इरिथ्रोप्लेकिया : इसमें मुंह के अदंर लाल धब्बे या चकत्ते बन जाते है। इसके कैंसर में तब्दील होने की आशंका ल्यूकोप्लेकिया से ज्यादा होती है।
सबम्यूकस फाइब्रेसिस: लंबे समय तक गुटखा व सुपारी खाने से यह रोग होता है। शुरुआत में तेज मिर्च मसाले मुंह में जलन करते हैं लेकिन धीरे-धीरे मुंह का खुुलना कम हो जाता है
वोकल पेपिलोमा : स्वरयंत्र में वोकल कॉर्ड पर एक मस्से जैसा उभार बन जाता है और आवाज भारी हो जाती है।
प्लमर विनसन सिण्ड्रोम : यह आमतौर पर 40 वर्ष की महिलाओं में होता है। यह भोजन नली के ऊपरी भाग में कैंसर का रूप ले सकता है। इसके लक्षणों में शरीर में हीमोग्लोबिन व आयरन की कमी होना, चम्मच की तरह नाखून होना व मुंह के किनारे फटे हुए व जीभ पर छाले जैसे घाव होना शामिल है।
ये बरतें सावधानियां -
घबराएं नहीं, डॉक्टरी जांच से पता करें कि कैंसर है या नहीं। पर्याप्त मात्रा में फल व सब्जियां जैसे गाजर, टमाटर आदि खाएं क्योंकि इनमें प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। मुंह व गले के कैंसर की प्रमुख वजह तंबाकू है इसलिए बीड़ी, सिगरेट, गुटखा और खैनी का सेवन न करें और शराब न पीएं। हर छह माह से एक साल के अंतराल में डॉक्टर से चेकअप जरूर कराएं। यदि मुंह व गले के घाव ठीक न हों, इनसे रक्त स्राव हो, निगलने में तकलीफ, गर्दन में गांठें, आवाज बदलना व कानदर्द जैसे लक्षण दो हफ्ते से ज्यादा रहें तो डॉक्टर को दिखाएं।
घबराएं नहीं, डॉक्टरी जांच से पता करें कि कैंसर है या नहीं। पर्याप्त मात्रा में फल व सब्जियां जैसे गाजर, टमाटर आदि खाएं क्योंकि इनमें प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। मुंह व गले के कैंसर की प्रमुख वजह तंबाकू है इसलिए बीड़ी, सिगरेट, गुटखा और खैनी का सेवन न करें और शराब न पीएं। हर छह माह से एक साल के अंतराल में डॉक्टर से चेकअप जरूर कराएं। यदि मुंह व गले के घाव ठीक न हों, इनसे रक्त स्राव हो, निगलने में तकलीफ, गर्दन में गांठें, आवाज बदलना व कानदर्द जैसे लक्षण दो हफ्ते से ज्यादा रहें तो डॉक्टर को दिखाएं।
क्या है कैंसर फोबिया जाने इसके बारे में Kya hai Cancer phobia jane iske bare mein
Reviewed by health
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December 08, 2018
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