घिसे जोड़ों में रगड़ से होता है ओस्टियोआर्थराइटिस, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज/Ghise jodon me ragad se hota hai osteoarthritis, janen isake karan, lakshan aur ilaaj

Ghise jodon me ragad se hota hai osteoarthritis, janen isake karan, lakshan aur ilaaj
ओस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों में होने वाली एक समस्या है। जब हमारे जोड़ उम्र के साथ बूढ़े हो जाते हैं या घिस जाते हैं तो घुटनों में यह तकलीफ होने लगती है। दरअसल हमारे जोड़ों को चिकना बनाए रखने के लिए उनमें एक प्राकृतिक पदार्थ कार्टिलेज होता है, जो शॉक एब्जॉर्बर का काम करता है। जब यह कम होने लगता है या खत्म हो जाता है, तो हड्डियां आपस में रगड़ खाती हैं जिससे चलने, दौड़ने या बैठने में दर्द होता है।
वजह : बढ़ती उम्र, फैमिली हिस्ट्री, मोटापा और युवावस्था में घुटनों में लगी कोई चोट।
लक्षण : चलने-फिरने, घुटनों को मोड़ने, मौसम बदलने पर घुटनों में दर्द होना। इस बीमारी में दर्द शुरू-शुरू में आता-जाता रहता है, लेकिन धीरे-धीरे इसके अटैक जल्दी-जल्दी आने लगते हैं। स्थिति गंभीर होने पर दर्द स्थायी हो जाता है और कई बार घुटने अंदर की ओर मुड़ने लगते हैं।
लक्षण : चलने-फिरने, घुटनों को मोड़ने, मौसम बदलने पर घुटनों में दर्द होना। इस बीमारी में दर्द शुरू-शुरू में आता-जाता रहता है, लेकिन धीरे-धीरे इसके अटैक जल्दी-जल्दी आने लगते हैं। स्थिति गंभीर होने पर दर्द स्थायी हो जाता है और कई बार घुटने अंदर की ओर मुड़ने लगते हैं।
खतरा : भारी-भरकम एक्सरसाइज करने वाले लोगों को ओस्टियोआर्थराइटिस होने की आशंका ज्यादा रहती है। इसके अलावा महिलाओं को भी यह रोग ज्यादा होता है क्योंकि घर और परिवार के चक्कर में वे नियमित एक्सरसाइज नहीं करतीं। इंडियन टॉयलेट भी ओस्टियोआर्थराइटिस के लिए जिम्मेदार है क्योंकि जब हम टॉयलेट में घुटनों के बल बैठते हैं, तो कॉर्टिलेज पर काफी दबाव पड़ता है।
इलाज : ओस्टियोआर्थराइटिस में सबसे पहले मरीज को वजन कम करने के लिए कहा जाता है। साइक्लिंग और बढ़िया कुशन वाले जूते पहनकर वॉक करनी चाहिए ताकि जांघों की मांसपेशियां मजबूत हों लेकिन जॉगिंग और रनिंग से बचना चाहिए। अगर रोगी की स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं होती है तो आमतौर पर उसे छह महीने तक दवाएं दी जाती हैं। फिर भी दर्द काबू में नहीं आता तो जोइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी करानी पड़ती है जो 95 फीसदी कारगर होती है। इसमें मरीज को अगले ही दिन चलने के लिए कह देते हैं और डेढ़ महीने में मरीज सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर देता है। इस सर्जरी का खर्च 1-2 लाख रुपए आता है।
ध्यान रहे : जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज का निर्माण कैल्शियम से नहीं होता, इसलिए जोड़ों की मजबूती के लिए कैल्शियम सप्लीमेंट (पाउडर, शेक या दवाएं) का प्रयोग ना करें। ऐसी कोई दवा नहीं है, जिससे कि फिर से कार्टिलेज का निर्माण हो सके।
जरूरी है व्यायाम : ओस्टियोआर्थराइटिस से बचने के लिए अपना वजन नियंत्रित रखें और नियमित व्यायाम करें। पलौथी मारकर या घुटनों के बल ज्यादा देर तक ना बैठें। संतुलित आहार लें।
घिसे जोड़ों में रगड़ से होता है ओस्टियोआर्थराइटिस, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज/Ghise jodon me ragad se hota hai osteoarthritis, janen isake karan, lakshan aur ilaaj
Reviewed by health
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December 20, 2018
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