Badhati tond se pareshaan hai to aise karen kam
कई लोग खुद को लेकर इतने ओब्सेसिव (जुनूनी) होते हैं कि जैसे ही उनका वजन बढ़ता है, वे तनाव में आ जाते हैं। घड़ी-घड़ी खुद को आईने में देखते हैं, लेकिन ना तो वे वजन घटाने के लिए व्यायाम शुरू करते हैं और ना ही कोई डाइट कंट्रोल। नतीजतन बढ़ती तोंद उनके लिए डर का कारण बन जाती है। आइए जानते हैं तोंद की सच्चाई के बारे में।
25 से ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स को अलार्म मानें -
बढ़ती तोंद के बारे में जानने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जानना जरूरी होता है। इसे वजन (किलोग्राम में) और हाइट (स्क्वायर मीटर) के अनुपात से निकाला जाता है। अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई 25 से ज्यादा है, तो वह ओवर वेट है। बीएमआई काउंट के लिए नेट पर कई लिंक उपलब्ध हैं।
बढ़ती तोंद के बारे में जानने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जानना जरूरी होता है। इसे वजन (किलोग्राम में) और हाइट (स्क्वायर मीटर) के अनुपात से निकाला जाता है। अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई 25 से ज्यादा है, तो वह ओवर वेट है। बीएमआई काउंट के लिए नेट पर कई लिंक उपलब्ध हैं।
खतरनाक होती है ट्रंकल ओबेसिटी -
आपकी तोंद यानी पेट पर इक्कठा हुआ फैट शरीर के बाकी हिस्सों जैसे हाथ, पैर, जांघ या कूल्हों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होता है। इसे ट्रंकल ओबेसिटी कहते हैं। एक वयस्क महिला के कमर का घेरा 36 इंच और पुरुष का 40 इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
आपकी तोंद यानी पेट पर इक्कठा हुआ फैट शरीर के बाकी हिस्सों जैसे हाथ, पैर, जांघ या कूल्हों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होता है। इसे ट्रंकल ओबेसिटी कहते हैं। एक वयस्क महिला के कमर का घेरा 36 इंच और पुरुष का 40 इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
बेवजह परेशान क्यों ?
वजन बढऩे पर परेशानी या तनाव लेने की बजाय डेे प्लान बनाएं। उसमें अपनी क्षमता और समय के हिसाब से व्यायाम व डाइट तय करें। किसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो विशेषज्ञ की सलाह से ही एक्सरसाइज व डाइट प्लान करें।
वजन बढऩे पर परेशानी या तनाव लेने की बजाय डेे प्लान बनाएं। उसमें अपनी क्षमता और समय के हिसाब से व्यायाम व डाइट तय करें। किसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो विशेषज्ञ की सलाह से ही एक्सरसाइज व डाइट प्लान करें।
साबुत अनाज से नहीं बढ़ेगा वजन-
खाने में साबुत अनाज का हिस्सा बढ़ा दें। जैसे ज्वार, बाजरा, जौ आदि। इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे खाना आसानी से पच जाता है। इन अनाजों का ग्लाइसमिक इंडेक्स काफी कम होता है, इसलिए इन्हें खाने के बाद ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती।
खाने में साबुत अनाज का हिस्सा बढ़ा दें। जैसे ज्वार, बाजरा, जौ आदि। इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे खाना आसानी से पच जाता है। इन अनाजों का ग्लाइसमिक इंडेक्स काफी कम होता है, इसलिए इन्हें खाने के बाद ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती।
दूध, दही और पनीर है फायदेमंद-
दूध, दही और पनीर खाएं क्योंकि इनमें कैल्शियम व प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होते हैं। कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट लेने से शरीर में फैट ज्यादा मात्रा में नहीं बनेगा। ऐसे में पेट के आसपास जमा होने वाले बेली फैट की मात्रा में कमी आती है।
दूध, दही और पनीर खाएं क्योंकि इनमें कैल्शियम व प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होते हैं। कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट लेने से शरीर में फैट ज्यादा मात्रा में नहीं बनेगा। ऐसे में पेट के आसपास जमा होने वाले बेली फैट की मात्रा में कमी आती है।
डाइट पर कंट्रोल करना जरूरी-
मक्खन, मेवा, घी, मलाई, फास्टफूड आदि ना खाएं। खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें क्योंकि इनमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, जिससे वजन नहीं बढ़ता। शरीर में सबसे पहले वजन उन्हीं हिस्सों से कम होना शुरू होता है, जहां सबसे पहले फैट जमा होना शुरू होता है। फिटनेस एक्सपर्ट राज शर्मा के अनुसार डाइट प्लान पूरी बॉडी पर असर करता है, इससे हम शरीर के किसी खास हिस्से से फैट नहीं घटा सकते।
मक्खन, मेवा, घी, मलाई, फास्टफूड आदि ना खाएं। खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें क्योंकि इनमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, जिससे वजन नहीं बढ़ता। शरीर में सबसे पहले वजन उन्हीं हिस्सों से कम होना शुरू होता है, जहां सबसे पहले फैट जमा होना शुरू होता है। फिटनेस एक्सपर्ट राज शर्मा के अनुसार डाइट प्लान पूरी बॉडी पर असर करता है, इससे हम शरीर के किसी खास हिस्से से फैट नहीं घटा सकते।
आसन भी घटाते हैं तोंद
भुजंगासन -
इस आसन से ना सिर्फ पेट की चर्बी कम होती है, बल्कि बाजुओं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और शरीर लचीला बनता है।
भुजंगासन -
इस आसन से ना सिर्फ पेट की चर्बी कम होती है, बल्कि बाजुओं, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और शरीर लचीला बनता है।
बलासन -
यह उन लोगों के लिए बढिय़ा आसन है जिन्होंने योगासन की शुरुआत की हो। इससे पेट की चर्बी भी कम होती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। गर्भवती महिलाएं व जोड़दर्द के रोगी इसे ना करें या विशेषज्ञ की राय से करें।
यह उन लोगों के लिए बढिय़ा आसन है जिन्होंने योगासन की शुरुआत की हो। इससे पेट की चर्बी भी कम होती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। गर्भवती महिलाएं व जोड़दर्द के रोगी इसे ना करें या विशेषज्ञ की राय से करें।
पश्चिमोत्तानासन -
यह पेट की चर्बी कम करने के लिए बेहद आसान और प्रभावी आसन है। इसके अभ्यास से अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती है। इसके अलावा आप रस्सी भी कूद सकते हैं। इससे आपकी मांसपेशियां मजबूत होंगी और वजन भी घटेगा।
यह पेट की चर्बी कम करने के लिए बेहद आसान और प्रभावी आसन है। इसके अभ्यास से अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती है। इसके अलावा आप रस्सी भी कूद सकते हैं। इससे आपकी मांसपेशियां मजबूत होंगी और वजन भी घटेगा।
बढ़ती तोंद से परेशान हैं तो एेसे करें कम/Badhati tond se pareshaan hai to aise karen kam
Reviewed by health
on
December 17, 2018
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