90 minute ka ye formula dega achchhee nind
Health Tips- भागदौड़ भरी दिनचर्या में लोगों के लिए अच्छी नींद लेना काफी मुश्किल हो गया है। दुनियाभर के वैज्ञानिक नींद को प्रभावित करने वाली चीजों पर शोध कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हुई रिसर्च से साबित हुआ है, कि जो लोग रात में दो घंटे से कम सोते हैं, उनका लाइफ टाइम उतना ही कम हो जाता है।
इतने घंटे सोना जरूरी -
हर उम्र में नींद की जरूरत अलग होती है। बच्चे को जन्म से लेकर एक साल की उम्र तक करीब 15-16 घंटे सोना जरूरी है। इससे मस्तिष्क का विकास होता है। प्रेग्नेंट महिला को रात में 7 घंटे के अलावा दिन में एक से डेढ़ घंटे सोना चाहिए। वयस्कों को 6-8घंटे सोना चाहिए। बढ़ती उम्र में मेलाटोनिन जैसे हार्मोन कम निकलते हैं, इसलिए बुजुर्गों को नींद ना आने की समस्या होती है, फिर भी उनके लिए 9 घंटे सोना जरूरी है।
हर उम्र में नींद की जरूरत अलग होती है। बच्चे को जन्म से लेकर एक साल की उम्र तक करीब 15-16 घंटे सोना जरूरी है। इससे मस्तिष्क का विकास होता है। प्रेग्नेंट महिला को रात में 7 घंटे के अलावा दिन में एक से डेढ़ घंटे सोना चाहिए। वयस्कों को 6-8घंटे सोना चाहिए। बढ़ती उम्र में मेलाटोनिन जैसे हार्मोन कम निकलते हैं, इसलिए बुजुर्गों को नींद ना आने की समस्या होती है, फिर भी उनके लिए 9 घंटे सोना जरूरी है।
ऐसे लें अच्छी नींद -
अगर आप अच्छी नींद लेना चाहते हैं, तो तनाव ना लें। विशेषकर रात के समय तो दिनभर की चिंताओं को छोड़ दें। रात को सोने से दो घंटे पहले गैजेट्स से दूरी बनाएं। कॉफी या अल्कोहल ना लें। योगा, संगीत या डांस क्लास जैसी एक्टिविटीज भी अनिद्रा की समस्या दूर कर सकती है। सोने से पहले सामान्य या हल्दी वाला दूध लें, अच्छी नींद आएगी। नींद ना आने पर गोलियां नहीं खानी चाहिए, इससे हार्ट अटैक का खतरा होता है।
अगर आप अच्छी नींद लेना चाहते हैं, तो तनाव ना लें। विशेषकर रात के समय तो दिनभर की चिंताओं को छोड़ दें। रात को सोने से दो घंटे पहले गैजेट्स से दूरी बनाएं। कॉफी या अल्कोहल ना लें। योगा, संगीत या डांस क्लास जैसी एक्टिविटीज भी अनिद्रा की समस्या दूर कर सकती है। सोने से पहले सामान्य या हल्दी वाला दूध लें, अच्छी नींद आएगी। नींद ना आने पर गोलियां नहीं खानी चाहिए, इससे हार्ट अटैक का खतरा होता है।
यह है 90 मिनट का फॉर्मूला -
90 मिनट फॉर्मूले के अनुसार सोने का समय निश्चित करके आप समय पर उठकर तरोताजा महसूस कर सकते हैं। दरअसल जब हम समय पर सोना शुरू करते हैं, तो रोजाना एक निश्चित समय पर उठने भी लगते हैं क्योंकि हमारे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक फिर उसी हिसाब से सेट हो जाती है। यही क्लॉक सोने के बाद हर 90 मिनट में हमें जगाती है, भले ही इसका पता हमें ना चलता हो। उदाहरण के तौर पर अगर हम 11 बजे सोते हैं, तो 12.30 बजे एक चक्र पूरा होगा। इसी तरह दो बजे दूसरा, साढ़े तीन बजे तीसरा और पांच बजे चौथा चक्र पूरा होगा और इस समय जागने के बाद आप पूरी तरह से तरोताजा महसूस करेंगे, लेकिन अगर आप 6 या 7 बजे उठेंगे तो उतना फ्रेश फील नहीं करेंगे।
90 मिनट फॉर्मूले के अनुसार सोने का समय निश्चित करके आप समय पर उठकर तरोताजा महसूस कर सकते हैं। दरअसल जब हम समय पर सोना शुरू करते हैं, तो रोजाना एक निश्चित समय पर उठने भी लगते हैं क्योंकि हमारे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक फिर उसी हिसाब से सेट हो जाती है। यही क्लॉक सोने के बाद हर 90 मिनट में हमें जगाती है, भले ही इसका पता हमें ना चलता हो। उदाहरण के तौर पर अगर हम 11 बजे सोते हैं, तो 12.30 बजे एक चक्र पूरा होगा। इसी तरह दो बजे दूसरा, साढ़े तीन बजे तीसरा और पांच बजे चौथा चक्र पूरा होगा और इस समय जागने के बाद आप पूरी तरह से तरोताजा महसूस करेंगे, लेकिन अगर आप 6 या 7 बजे उठेंगे तो उतना फ्रेश फील नहीं करेंगे।
डॉक्टरी राय -
कुछ मिनट सिर झुकाकर आंख बंद करने से भी थकान दूर होती है। 10 मिनट की झपकी एनर्जी बूस्टर की तरह काम करती है। अच्छी नींद के लिए 90 मिनट फॉर्मूला कम से कम छह घंटे की नींद लेने पर ही सक्सेसफुल होता है।
कुछ मिनट सिर झुकाकर आंख बंद करने से भी थकान दूर होती है। 10 मिनट की झपकी एनर्जी बूस्टर की तरह काम करती है। अच्छी नींद के लिए 90 मिनट फॉर्मूला कम से कम छह घंटे की नींद लेने पर ही सक्सेसफुल होता है।
Health Tips- 90 मिनट का ये फॉर्मूला देगा अच्छी नींद/90 minute ka ye formula dega achchhee nind
Reviewed by health
on
December 13, 2018
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