
एलोपैथी में मधुमेह की पुष्टि होने के बाद दवाओं और इंजेक्शन से इलाज होता है। टैबलेट फॉर्म में मेटाफॉर्मिन, डीपीपी-4 इनहिबिटर्स, एसजीएलटी-2 इनहीबिटर्स जैसी दवाएं चलती हैं। इंसुलिन का इंजेक्शन प्रैनडियल खाना खाने से पहले लेते हैं। बेसल इंसुलिन भी इस्तेमाल होती है। डायबिटीज के जो मोटे मरीज हैं उनको जीएलपर-वन एगॉनिस्ट चलती है। सभी दवाओं का इस्तेमाल रोगी की हिस्ट्री जानने पर देते हैं। शरीर में ग्लूकोज का लेवल 70 डेसीलीटर से कम होने पर घबराहट, पसीना, बेचैनी, चक्कर आना, शरीर में कंपन होता है। राहत के लिए 15 से 20 ग्राम ग्लूकोज, कुछ मीठा, शक्कर, शहद लेने के बाद खा लें।
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में कफ की मात्रा बढऩे से अग्निमंद होती है जिससे कार्बोहाइड्रेट्स पच नहीं पाते हैं। पाचन न होने से लैक्टोज, ग्लूकोज और फ्रूक्टोज जैसे तत्त्वों का सही इस्तेमाल न होने से शरीर में ऊर्जा घटती है। दालचीनी, सौंठ, पीपली, जावित्री, नीम, जामुन, सप्तरंगी, आम की गुठली, खाने से दोष दूर होता है। कसाय चीजें जैसे दाना मेथी, नीम, नीमौली, जामुन की गुठली, करेला, केरेले का बीज, आजवाइन, सदाबहार के पत्ते आदि का चूर्ण लेने से फायदा होता है। विजयसार की लकड़ी को पानी में डालकर रातभर भिगो दें सुबह पानी को पीएं। इससे मधुमेह के कारक खत्म होंगे।
होम्योपैथी में डायबिटीज के रोगी की होम्योपैथी दवा उसका आहार, विहार, व्यक्तित्त्व, मानसिक स्थिति समेत अन्य बिंदुओं का विश्लेषण करने के बाद तैयार होती है। डायबिटीज रोगी इस बात का ध्यान रखें कि अगर वे किसी दूसरी पैथी की दवा ले रहे हैं तो उसे छोडकऱ नई पैथी की दवा शुरू न करें। इससे परेशानी हो सकती है। जामुन से बनी दवा साइजियम जैम्बोलेटम मधुमेह ठीक करती है। एब्रोमा अगस्ता मधुमेह की वजह से वजन घट रहा है तो उसे रोकती है। फॉसफोरिक एसिड दवा से कमजोरी और थकान दूर होती है। जिमनेमा सिलवेस्ट्रा होम्योपैथी टॉनिक है जो ऊर्जा देती है।
Teen tarah se Diabetesj ka ilaj
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November 13, 2018
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