Vayaskon ko Bimaariyon se Bachaane vaale 10 teeke |
1- इन्फ्लुएंजा वैक्सीन
Vayaskon ko Bimaariyon se Bachaane vaale 10 teeke - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर सर्दी-जुकाम व मौसमी बीमारियों से बचाव करता है। श्वसन तंत्र मजबूत करता है। यह स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से बचाव में कारगर है। यह टीका साल में एक बार लगवाना चाहिए।
Vayaskon ko Bimaariyon se Bachaane vaale 10 teeke - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर सर्दी-जुकाम व मौसमी बीमारियों से बचाव करता है। श्वसन तंत्र मजबूत करता है। यह स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से बचाव में कारगर है। यह टीका साल में एक बार लगवाना चाहिए।
2- टीडेप
टिटनेस, डिप्थीरिया व पर्टुसिस (काली खांसी) यानी (टीडेप) बैक्टीरिया जनित रोग से बचाव करता है। जिन्हें नहीं लगा है वे दस साल में एक बार टीडेप व टीडी (टेटनस-डिप्थीरिया) का बूस्टर डोज लगवा सकते हैं।
टिटनेस, डिप्थीरिया व पर्टुसिस (काली खांसी) यानी (टीडेप) बैक्टीरिया जनित रोग से बचाव करता है। जिन्हें नहीं लगा है वे दस साल में एक बार टीडेप व टीडी (टेटनस-डिप्थीरिया) का बूस्टर डोज लगवा सकते हैं।
3-रिकॉम्बिनेंट जोस्टर वैक्सीन
ये वैक्सीन हरपीज जोस्टर (स्किन पर दाने निकलते हैं, उनमें पानी भरता है) से बचाव के लिए देते हैं। यह बीमारी चिकनपॉक्स को फैलाने वाले वायरस वेरीसेला जोस्टर से ही फैलती है। दो खुराक देने की जरूरत होती है।
4- चिकनपॉक्स (वेरीसेला)
चिकनपॉक्स (माता) से बचाव के लिए इसकी दो डोज लगवा सकते हैं। एक बार खुराक लेने से 95 फीसदी तक बचाव होता है। पहली खुराक के 4-8 सप्ताह के बाद दूसरी खुराक लेनी चाहिए। दोबारा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है।
5- एमएमआर
एमएमआर (मीजल्स, मम्स एंड रुबेला) यानी खसरा-गलगण्ड व जर्मन खसरा है। बचपन में यह टीका नहीं लगा है तो एक खुराक ले सकते हैं। इम्युनिटी कम है तो डॉक्टरी सलाह पर दो खुराक 4-8 सप्ताह के भीतर लगवाएं।
एमएमआर (मीजल्स, मम्स एंड रुबेला) यानी खसरा-गलगण्ड व जर्मन खसरा है। बचपन में यह टीका नहीं लगा है तो एक खुराक ले सकते हैं। इम्युनिटी कम है तो डॉक्टरी सलाह पर दो खुराक 4-8 सप्ताह के भीतर लगवाएं।
6- एचपीवी वैक्सीन
एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) के टीके महिलाओं में सरवाइकल व पुरुषों में गले के कैंसर से बचाव के लिए लगता है। बच्चों को 9 साल की उम्र तक नहीं लगा तो 26 साल तक की उम्र में लगवा सकते हैं।
एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) के टीके महिलाओं में सरवाइकल व पुरुषों में गले के कैंसर से बचाव के लिए लगता है। बच्चों को 9 साल की उम्र तक नहीं लगा तो 26 साल तक की उम्र में लगवा सकते हैं।
7- हेपेटाइटिस ए, बी
हेपेटाइटिस ए व बी लिवर की गंभीर बीमारी है। इसकी दो या तीन डोज जरूरी है। इसका असर दस साल तक रहता है। जरूरत पडऩे पर बूस्टर डोज ले सकते हैं। मधुमेह रोगी को डॉक्टरी सलाह पर टीकाकरण करवाना चाहिए।
8-टायफॉइड वैक्सीन (टीसीवी)
यह टायफॉइड बुखार से बचाता है। इसमें ओरल व इंजेक्टेबल टीका दोनों है। ओरल के चार खुराक एक दिन के अंतराल पर व टीके तीन बार चार सप्ताह के अंतराल पर लगाए जाते हैं। इससे सात साल तक बचाव होता है।
9- न्यूमोकॉकल वैक्सीन
यह निमोनिया व फेफड़े संबंधी बीमारियों से बचाव करती है। यह टीका 65 साल से कम उम्र के लोगों को एक से दो खुराक तक और इससे अधिक उम्र के लोगों को एक खुराक देने की जरूरत होती है।
यह निमोनिया व फेफड़े संबंधी बीमारियों से बचाव करती है। यह टीका 65 साल से कम उम्र के लोगों को एक से दो खुराक तक और इससे अधिक उम्र के लोगों को एक खुराक देने की जरूरत होती है।
10- हिव वैक्सीन
हिव (हिमोफिलियस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन) की एक खुराक किसी भी उम्र में ले सकते हैं। यह एचआइवी से बचाव करती है। जिन्हें एचआइवी संक्रमण है उन्हें यह टीका नहीं लगवाना चाहिए।
हिव (हिमोफिलियस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन) की एक खुराक किसी भी उम्र में ले सकते हैं। यह एचआइवी से बचाव करती है। जिन्हें एचआइवी संक्रमण है उन्हें यह टीका नहीं लगवाना चाहिए।
बिना चिकित्सक की सलाह न लगवाएं टीके
बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं चिकित्सक की सलाह से ही टीकाकरण करवाएं। यदि कोई गलती से टीकाकरण दोबारा करवा लेता है तो उसकी सेहत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
डॉ. अरविंद पालावत,
सीनियर फिजिशियन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर
बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं चिकित्सक की सलाह से ही टीकाकरण करवाएं। यदि कोई गलती से टीकाकरण दोबारा करवा लेता है तो उसकी सेहत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
डॉ. अरविंद पालावत,
सीनियर फिजिशियन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर
Vayaskon ko Bimaariyon se Bachaane vaale 10 teeke - वयस्कों को बीमारियों से बचाने वाले 10 टीके
Reviewed by health
on
January 15, 2019
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