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Pregnancy Mein Na Paalein Bevajah Ke Ye Bharm |
भ्रम : डिलीवरी से पहले भरपेट खाना खाकर ही अस्पताल जाएं?
सच : अस्पताल जाने से पहले हल्का भोजन ही करें वर्ना गर्भवती महिला को उल्टी हो सकती है और खाना सांस की नली में फंस सकता है।
भ्रम : गर्भावस्था में पपीता नहीं खाएं ?
सच : गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में पपीता नहीं खाना चाहिए, इसके बाद पपीता खाया जा सकता है।
भ्रम : इस दौरान महिला को करवट से लेटना चाहिए?
सच : गर्भवती महिला के बाईं करवट लेटने से बच्चे का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और विकास होता है।
भ्रम : जिनका पेट आगे की ओर बढ़ता है, उन्हें लड़का होता है?
सच : यह धारणा बिल्कुल गलत है। प्रेग्नेंसी में महिला का पेट बच्चे की ग्रोथ पर निर्भर करता है, इसका बच्चे का लड़का या लड़की हाेने से कोई लेना-देना नहीं होता। कई बार मोटापे से ग्रसित महिलाओंं का पेट भी इस दौरान काफी बढ़ जाता है।
भ्रम : प्रेग्नेंसी में ज्यादा सोने वाली महिलाओं को लड़की होती है।
सच : इस दौरान शरीर में कई हार्माेनल बदलाव आते हैं, जिस वजह से महिला को थकान या नींद ज्यादा आती है, इसका लड़के या लड़की होने से कोई संबंध नहीं होता।
भ्रम : प्रेग्नेंसी में दही नहीं खाना चाहिए वर्ना यह बच्चे पर जम जाता है?
सच : कई बार जब प्री मैच्योर बेबी होता है तो उस पर एक सफेद परत होती है जिसे लोग दही समझ लेते हैं। दरअसल गर्भ में बच्चे की सुरक्षा के लिए उसके चारों ओर एक सफेद परत होती है, जैसे-जैसे बच्चे का विकास होता जाता है यह परत हटती जाती है।
भ्रम : नारियल खाने से बच्चा गोरा होता है?
सच : गर्भवती महिला के नारियल खाने से बच्चे का रंग तो प्रभावित नहीं होता लेकिन इससे बच्चे का विकास जरूर होता है क्योंकि नारियल में साइटोक्राइंस होते हैं।
भ्रम : घी खाने से डिलीवरी आराम से हो जाती है?
सच : घी खाने का डिलीवरी से कोई संबंध नहीं है। हां, घी खाने से ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसलिए गर्भावस्था में संतुलित मात्रा में ही घी खाएं।
भ्रम : डिलीवरी के बाद कम पानी पीना चाहिए?
सच : डिलीवरी के दौरान शरीर से रक्त निकलने से पानी की कमी हो जाती है इसलिए खूब पानी पीएं वर्ना कब्ज की समस्या हो सकती है और अगर डिलीवरी में टांके या घाव हुआ है तो उन पर दबाव पड़ता है।
भ्रम : एक दिन बाद दूध पिलाएं?
सच : शुरुआत के 48 घंटे का गाढ़ा-पीला दूध कोलस्ट्रम होता है जो बच्चे के लिए काफी पोषक और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है इसलिए प्रसव के बाद स्तनपान जरूर कराएं।
भ्रम : डेढ महीने तक आराम करना चाहिए?
सच : लगातार लेटे रहने से पैरों में खून का थक्का जम जाता है और सूजन आ सकती है। कई बार खून का थक्का फेफड़ों में पहुंचकर घातक हो सकता है, इसलिए प्रसव के बाद सुबह-शाम नियमित सैर करें आप हल्के व्यायाम भी कर सकती हैं।
Pregnancy Mein Na Paalein Bevajah Ke Ye Bharm - प्रेग्नेंसी में ना पालें बेवजह के ये भ्रम
Reviewed by health
on
January 08, 2019
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