High Blood Pressure Mein Rakhenge in Bataaon ka Dhyaan - हाई ब्लड प्रेशर में रखेंगे इन बाताें का ध्यान
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High Blood Pressure Mein Rakhenge in Bataaon ka Dhyaan |
हाइपरटेंशन के प्रकार
विशेषज्ञ के अनुसार प्राइमरी हाइपरटेंशन फैमिली हिस्ट्री होने पर होता है। जिसके लिए व्यक्तिको डॉक्टरी सलाह से आजीवन दवाइयां लेनी पड़ती हैं। जबकि सेकेंडरी हाइपरटेंशन थायरॉइड, किडनी रोग या ब्रेन ट्यूमर आदि रोगों के कारण होता है। संबंधित बीमारी का इलाज करके सेकेंडरी हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है।
ऐसा करना गलत
जब डॉक्टर दवा लिखते हैं तो 5-6 दिन बाद आने के लिए कहते हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में मरीज डोज खत्म होने के बाद दवा लेना बंद कर देते हैं या वही दवा अपनी मर्जी से लेने लगते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि फॉलोअप के दौरान डॉक्टर जांच कर पता लगाते हैं कि पहले दिए सॉल्ट से बीपी कंट्रोल हुआ या नहीं। सुधार न होने पर डॉक्टर दूसरे सॉल्ट का प्रयोग करते हैं। कई बार व्यक्तिकी मेडिकल स्थिति के हिसाब से 3-4 गोलियां भी देनी पड़ती हैं।
डॉक्टर की सुनें
बीपी कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह को मानें जैसे नियमित व्यायाम करें, डाइट कंट्रोल करने के साथ-साथ तली-भुनी चीजों से परहेज करें, नमक की कम से कम मात्रा लें। इसके अलावा व्रत आदि के दिनों में भी नियमित रूप से दवाएं लेनी चाहिए।
इन पर पड़ता है असर
- लगातार बढ़ता बीपी आपके दिल, दिमाग, आंखों और किडनी को भी प्रभावित करता है।
ये व्यायाम होते हैं उपयोगी
शवासन : 10-15 मिनट
भ्रामरी प्राणायाम : 2 मिनट
मेडिटेशन : 10-15 मिनट
अनुलोम-विलोम : 2 मिनट
- बीपी कम करने के लिए खाने के दो घंटे बाद लौकी का जूस फायदेमंद होता है।
High Blood Pressure Mein Rakhenge in Bataaon ka Dhyaan - हाई ब्लड प्रेशर में रखेंगे इन बाताें का ध्यान
Reviewed by health
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January 23, 2019
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