Garbhpaat Aur Banjhpan Ki Samasiya |
Garbhpaat Aur Banjhpan Ki Samasiya
एडिनोमायोसिस क्या है ?
एडिनोमायोसिस महिलाओं में होने वाली ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाशय की मांसपेशियों के भीतर के लाइनिंग टिश्यू (एंडोमीट्रियम) का स्थानान्तरण गलत जगह पर होने से गर्भाशय की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है।
इससे कैसे बांझपन पैदा हो सकता है ?
इसमें भ्रूण की ग्रहणशीलता में कमी और उच्च गर्भपात होने से बांझपन की समस्या हो सकती है।
इसमें भ्रूण की ग्रहणशीलता में कमी और उच्च गर्भपात होने से बांझपन की समस्या हो सकती है।
इसके लक्षण क्या हैं ?
माहवारी लंबे समय तक (लगभग 8-14 दिन तक) होना, रक्त स्राव ज्यादा होना, अंडोत्सर्ग में दर्द का बढऩा, ब्लड के बड़े क्लॉट्स बनना, पेट में ऐंठन आदि।
यह समस्या किस उम्र में महिलाओं को होने की संभावना रहती है?
आमतौर पर यह समस्या 35 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं में होती है।
माहवारी लंबे समय तक (लगभग 8-14 दिन तक) होना, रक्त स्राव ज्यादा होना, अंडोत्सर्ग में दर्द का बढऩा, ब्लड के बड़े क्लॉट्स बनना, पेट में ऐंठन आदि।
यह समस्या किस उम्र में महिलाओं को होने की संभावना रहती है?
आमतौर पर यह समस्या 35 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं में होती है।
इसका मुख्य कारण क्या है ?
एडिनोमायोसिस का कारण अज्ञात है। हालांकि गर्भाशय ट्रोमा को इस प्रकार के साथ संबद्ध किया गया है कि गर्भाशय की भीतर लाइनिंग और मांसपेशियों के बीच की बाधा को तोड़ सकते हैं जो सिजेरियन, ट्यूबल बंधाव, गर्भावस्था समाप्ति के रूप में होता है।
एडिनोमायोसिस का कारण अज्ञात है। हालांकि गर्भाशय ट्रोमा को इस प्रकार के साथ संबद्ध किया गया है कि गर्भाशय की भीतर लाइनिंग और मांसपेशियों के बीच की बाधा को तोड़ सकते हैं जो सिजेरियन, ट्यूबल बंधाव, गर्भावस्था समाप्ति के रूप में होता है।
इसके क्या उपचार उपलब्ध हैं ?
महिला की माहवारी को रोकने के लिए 3 से 6 महीने की अवधि तक जीएनआरएचए एगोनिस्ट इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इससे गर्भाशय की सूजन को कम किया जाता है। यदि समस्या अधिक हो तो दूरबीन द्वारा सर्जरी करके सूजन आई मांसपेशियों को निकाल लिया जाता है परंतु गर्भाशय सुरक्षित रूप से रख लिया जाता है जिससे महिला आगे जाकर भविष्य में बिना रुकावट गर्भधारण कर सकती है। इसके उपरान्त टेस्ट ट्यूब बेबी (आई.वी.एफ) प्रक्रिया की जा सकती है।
महिला की माहवारी को रोकने के लिए 3 से 6 महीने की अवधि तक जीएनआरएचए एगोनिस्ट इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इससे गर्भाशय की सूजन को कम किया जाता है। यदि समस्या अधिक हो तो दूरबीन द्वारा सर्जरी करके सूजन आई मांसपेशियों को निकाल लिया जाता है परंतु गर्भाशय सुरक्षित रूप से रख लिया जाता है जिससे महिला आगे जाकर भविष्य में बिना रुकावट गर्भधारण कर सकती है। इसके उपरान्त टेस्ट ट्यूब बेबी (आई.वी.एफ) प्रक्रिया की जा सकती है।
Garbhpaat Aur Banjhpan Ki Samasiya - गर्भपात और बांझपन की समस्या
Reviewed by health
on
January 14, 2019
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1 comment:
Informative post. if someone need IVF treatment for infertility problem visit us at Sofat Infertility & Women Care Centre
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