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Ankohon Mein Retinopathy Ka Khatra Badhta Hai Madhumeh - आंखों में ' रेटिनोपैथी' का खतरा बढ़ाता है मधुमेह

Ankohon Mein Retinopathy Ka Khatra Badhta Hai Madhumeh

Ankohon Mein Retinopathy Ka Khatra Badhta Hai Madhumeh        

Ankohon Mein Retinopathy Ka Khatra Badhta Hai Madhumeh - मधुमेह से हृदय और लीवर को कितना नुकसान पहुंचता है इससे तो सभी भलीभांति वाकिफ हैं लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि मधुमेह से हमारी आंखों को भी भारी क्षति पहुंचती है। मधुमेह की वजह से आंखों में 'डायबिटिक रेटिनोपैथी' बीमारी हो सकती है, जिससे अगर आंखों की दृष्टि चली जाए तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता है।
सेव साइट सेंटर के निदेशक व नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव जैन ने कहा, ''डायबिटिक रेटिनोपैथी की शुरुआत होने पर इसका पता नहीं चलता। इसके शुरुआती चरण के दौरान रेटिना में छोटी रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं और यह छोटे बुल्गेस को विकसित करती है। इस बीमारी में रक्त में शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है, जो आंखों सहित पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।"

उन्होंने कहा, ''रक्त में मधुमेह अधिक बढ़ने से रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है जिसके कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी हो सकती है। इस बीमारी से रेटिना के ऊतकों में सूजन हो सकती है, जिससे दृष्टि धुंधली होती है। जिस व्यक्ति को लंबे समय से मधुमेह होता है, उसको डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की संभावना उतनी
ही अधिक हो जाती है। इसका इलाज नहीं कराने पर यह अंधेपन का कारण बन सकती है।"

डॉ. राजीव जैन ने डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षणों और बचाव के बारे में बताया, ''आंखों का बार-बार संक्रमित होना, चश्मे के नंबर में बार-बार परिवर्तन होना, सुबह उठने के बाद कम दिखाई देना, सिर में हमेशा दर्द रहना, आंखों की रोशनी अचानक कम हो जाना, रंग को पहचानने में कठिनाई इसके प्रमुख लक्षण हैं।"

उन्होंने कहा, ''इस बीमारी से बचाव के लिए मधुमेह का पता लगते ही ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढऩे से रोकें। इसके लिए डॉक्टर के बताए नुस्खों का पालन करें और दवाएं लेते रहें। इसके अलावा डायबिटीज होने पर आपको साल में एक-दो बार आंखों की जांच करानी चाहिए जिससे आंखों पर अगर किसी तरह का प्रभाव शुरू हो जाए, तो उसका समय पर इलाज किया जा सके।"

डायबिटिक रेटिनोपैथी के इलाज पर डॉ. राजीव ने कहा, ''समस्या से निजात पाने के लिए लेजर से उपचार किया जाता है। इस उपचार विधि के दौरान रेटिना के पीछे की नई रक्त वाहिकाओं के विकास के इलाज के लिए और आंखों में रक्त और द्रव के रिसाव को रोकने के लिए किया जाता है।"

उन्होंने कहा, ''इलाज के दूसरे तरीके में आंखों में इंफ्लामेशन को कम करने या आंखों के पीछे नई रक्त वाहिकाओं को बनने से रोकने के लिए आंखों में ल्यूसेंटिस, अवास्टिन जैसे इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इंजेक्शन आम तौर पर एक महीने में एक बार लगाया जाता है और जब दृष्टि स्थिर हो जाती है, तो इंजेक्शन लगाना बंद कर दिया जाता है। लेजर और इंजेक्शन प्रक्रिया से इलाज संभव नहीं होता है तो विट्रेक्टॅमी नामक सर्जरी से इलाज किया जाता है।'



Ankohon Mein Retinopathy Ka Khatra Badhta Hai Madhumeh - आंखों में ' रेटिनोपैथी' का खतरा बढ़ाता है मधुमेह Ankohon Mein Retinopathy Ka Khatra Badhta Hai Madhumeh - आंखों में ' रेटिनोपैथी' का खतरा बढ़ाता है मधुमेह Reviewed by health on January 13, 2019 Rating: 5

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