elarjee hone par turant doktar se sampark kar
बहुत कम लोगों को पता होगा कि कुछ दवाइयां भी एलर्जी का सबब बन सकती हैं। विशेषज्ञाें के अनुसार दवा से एलर्जी तीन बातों पर निर्भर करती है कि दवा की कितनी डोज ली गई है, उस दवा को लेकर मरीज की प्रतिरोधी क्षमता क्या है और दवा कौनसी है इसलिए कई लोगों को पेरासिलिन, टेट्रासाइक्लिन और सल्फर युक्त दवाओं से एलर्जी हो जाती है। पिछले साल अमरीका में एक मां ने अपने 13 वर्षीय बेटे मैक्स ब्राउन को जुकाम होने पर आईबूप्रोफेन की दवा दी लेकिन दवा से एलर्जी होने पर उसके होंठ काले पड़ गए, शरीर पर फफोले हो गए। इंफेक्शन न फैले इसलिए उसके पूरे शरीर को बैंडेज से बांध दिया गया, जिसे उसे रोज बदलवाना पड़ता था। डॉक्टरों के मुताबिक मैक्स को स्टीवन जॉन्सन सिंड्रोम हो गया था और उसके बचने की उम्मीद बहुत कम थी। हालांकि एक महीना अस्पताल में इलाज के बाद वह घर जा सका।
एलर्जी के लक्षण
त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते, गले, मुंह के भीतरी हिस्से और आंखों में लालिमा, दर्द, जलन। कई बार पानी भरे फफोले या दाने भी उभर आते हैं। कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ, और कभी-कभी शरीर की ऐसी स्थिति हो जाती है, जैसे मरीज आग में जल गया हो। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
सावधानी
एलर्जी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उन्हें मरीज के खानपान और वह कौनसी दवाएं ले रहा है, इसकी जानकारी देनी चाहिए।
उपाय
एलर्जी टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि मरीज को किस ग्रुप की दवाओं से एलर्जी है। इसके लिए ब्लड टेस्ट या स्किन प्रिक टेस्ट किए जाते हैं। जरूरत पडऩे पर लंबी प्रक्रिया भी अपनानी पड़ सकती है, जिसके लिए मरीज को 2-3 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है। एक बार पता लग जाए कि किस दवा से मरीज को एलर्जी है, तो कभी भी अस्पताल में भर्ती करते समय या डॉक्टर को दिखाते समय उन्हें इस बात की जानकारी जरूर देनी चाहिए।
बहुत कम लोगों को पता होगा कि कुछ दवाइयां भी एलर्जी का सबब बन सकती हैं। विशेषज्ञाें के अनुसार दवा से एलर्जी तीन बातों पर निर्भर करती है कि दवा की कितनी डोज ली गई है, उस दवा को लेकर मरीज की प्रतिरोधी क्षमता क्या है और दवा कौनसी है इसलिए कई लोगों को पेरासिलिन, टेट्रासाइक्लिन और सल्फर युक्त दवाओं से एलर्जी हो जाती है। पिछले साल अमरीका में एक मां ने अपने 13 वर्षीय बेटे मैक्स ब्राउन को जुकाम होने पर आईबूप्रोफेन की दवा दी लेकिन दवा से एलर्जी होने पर उसके होंठ काले पड़ गए, शरीर पर फफोले हो गए। इंफेक्शन न फैले इसलिए उसके पूरे शरीर को बैंडेज से बांध दिया गया, जिसे उसे रोज बदलवाना पड़ता था। डॉक्टरों के मुताबिक मैक्स को स्टीवन जॉन्सन सिंड्रोम हो गया था और उसके बचने की उम्मीद बहुत कम थी। हालांकि एक महीना अस्पताल में इलाज के बाद वह घर जा सका।
एलर्जी के लक्षण
त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते, गले, मुंह के भीतरी हिस्से और आंखों में लालिमा, दर्द, जलन। कई बार पानी भरे फफोले या दाने भी उभर आते हैं। कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ, और कभी-कभी शरीर की ऐसी स्थिति हो जाती है, जैसे मरीज आग में जल गया हो। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
सावधानी
एलर्जी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उन्हें मरीज के खानपान और वह कौनसी दवाएं ले रहा है, इसकी जानकारी देनी चाहिए।
उपाय
एलर्जी टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि मरीज को किस ग्रुप की दवाओं से एलर्जी है। इसके लिए ब्लड टेस्ट या स्किन प्रिक टेस्ट किए जाते हैं। जरूरत पडऩे पर लंबी प्रक्रिया भी अपनानी पड़ सकती है, जिसके लिए मरीज को 2-3 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है। एक बार पता लग जाए कि किस दवा से मरीज को एलर्जी है, तो कभी भी अस्पताल में भर्ती करते समय या डॉक्टर को दिखाते समय उन्हें इस बात की जानकारी जरूर देनी चाहिए।
एलर्जी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर elarjee hone par turant doktar se sampark kar
Reviewed by health
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December 02, 2018
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