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पेट को साफ रखने के लिए इस प्रकार के आहार का सेवन करे Pet ko saf rakhne ke lie is prakar ke aahar ka sevan kare

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Pet ko saf rakhne ke lie is prakar ke aahar ka sevan kare
अनाज, फल, पत्तेदार सब्जियों व फूड प्रोडक्ट्स के उस हिस्से को फाइबर कहते हैं, जो बिना पचे व अवशोषित हुए ही आंत के जरिए बाहर निकल जाता है। जिससे पेट व आंत की सफाई आसानी से हो जाती है। आंतों में ना चिपकने वाला फाइबर फूड लेने से कई तरह की पाचन संबंधी गंभीर समस्याएं भी दूर होती हैं। ज्यादातर लोग रेशों (फाइबर)को बेकार मानकर फेंक देते हैं लेकिन वास्तव में यह स्वस्थ बने रहने के लिए बेहद जरूरी है। 

आइए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में।

दो तरह के फाइबर -

घुलनशील - घुल जाने वाले रेशे या सॉल्युबल फाइबर्स

अघुलनशील - ना घुलने वाले रेशे या इनसॉल्युबल फाइबर्स

घुलनशील रेशे -
ये खाने को पचाने की क्रिया और मेटाबॉलिज्म यानी ऊर्जा पैदा करने की क्रिया को और ज्यादा सक्षम बनाते हैं।

अघुलनशील रेशे -
इस तरह के फाइबर आपकी आंतों के कार्य करने की गति को बढ़ाते हैं और कब्ज होने से रोकते हैं।

फाइबर इसलिए हैं फायदेमंद -
दोनों ही तरह के फाइबर वजन कम करने में इसलिए मददगार होते हैं क्योंकि ये शरीर से फैट्स को ठीक उसी तरह सोखकर बाहर निकाल सकते हैं जैसे कि एक स्पंज पानी सोखता है।

शरीर में क्या करते हैं रेशे ?
भोजन के साथ घुलनशील रेशे शरीर में अवशोषित हो जाते हैं और पानी के साथ मिलकर जैल जैसा पदार्थ बना लेते हैं। यह जैल पेट में खाने के साथ आई चीनी, कोलेस्ट्रॉल, वसा और बाकी तत्वों को अपने साथ बांध लेता है और आंतों में पाचन के लिए नीचे की ओर बढ़ता है। अघुलनशीन रेशे आमतौर पर आंत में अपनी मूल स्वरूप को बनाए रखते हैं जबकि घुलनशील पिसे भोजन के साथ मिलकर पाचन को सरल बनाते हैं।

फाइबर फूड से फायदे कई-
यह स्वादिष्ट और सुपाच्य होता है।
यह पानी रोककर मल को ढीला बनाए रखता है।
इससे आंतों में कभी सूजन नहीं होती।
पेट दर्द की समस्या नहीं होती।
रेशेयुक्त भोजन करने से कड़वी व खट्टी डकारें नहीं आतीं, अपच और गैस की तकलीफ नहीं रहती।
फाइबर फूड को खूब चबाकर रसदार बनाकर खाने से पेट जल्दी भरता है और आप ओवर ईटिंग से बच जाते हैं, जिससे आपका वजन भी नहीं बढ़ता।
रेशेयुक्त भोजन को खाने के लिए बहुत अधिक चबाना होता है, जिससे अधिक लार बनती है और यह लार भोजन को अच्छी तरह पचाती है।
रेशेयुक्त भोजन में वसा कम होती है जबकि वसायुक्त भोजन में फाइबर कम होता है।
फाइबर फूड से कैंसर, डायबिटीज, हृदयरोग और अस्थमा जैसे रोगों से बचा जा सकता है।

हाई फाइबर डाइट
जिस आहार में रोजाना 25 से 35 ग्राम फाइबर होता है, उसे हाई फाइबर डाइट प्लान कहा जाता है। रेशेदार भोजन, साबुत अनाज, सेब, केला, नाशपति, स्ट्रॉबेरी, संतरे और हरी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। हाई फाइबर डाइट ब्लड मे ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है। यह आहार पाचन-प्रक्रिया को भी ठीक रखता है। घुलनशील फाइबर ओट्स और सेब में होता है जबकि अघुलनशील फाइबर जैसे बादाम, अखरोट, आलू आदि पानी में नहीं घुलता, यह बड़ी आंत में पचता है।



पेट को साफ रखने के लिए इस प्रकार के आहार का सेवन करे Pet ko saf rakhne ke lie is prakar ke aahar ka sevan kare पेट को साफ रखने के लिए इस प्रकार के आहार का सेवन करे Pet ko saf rakhne ke lie is prakar ke aahar ka sevan kare Reviewed by health on December 10, 2018 Rating: 5

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